रांची: मंगलवार को चाईबासा में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में घायल सीआरपीएफ जवान संजीव कुमार को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेज दिया गया है. बुधवार को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायल जवान को मेडिका अस्पताल से रांची एयरपोर्ट पहुंचाया गया, जिसके बाद उन्हें दिल्ली भेज दिया गया.
ये भी पढ़ें- IED Blast in Chaibasa: चाईबासा में फिर हुआ आईईडी ब्लास्ट, सीआरपीएफ का एक जवान घायल
पैर को बहुत ज्यादा नुकसान: मंगलवार को चाईबासा के टोंटो में हुए ब्लास्ट में सीआरपीएफ के संजीव कुमार बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. चाईबासा से एयरलिफ्ट कर उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया था. नक्सलियों के द्वारा किये गए विस्फोट में संजीव का एक पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया है. वहीं, उनके शरीर के दूसरे हिस्से में भी गहरे जख्म हैं. संजीव की स्थिति को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की तरफ से निर्णय लिया गया है कि उन्हें और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजा जाए, जिसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली भेजने की तैयारी की गई.
बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर: दिल्ली भेजने के फैसले के बाद आनन-फानन में रांची पुलिस के द्वारा मेडिका अस्पताल से लेकर रांची एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया. मात्र 21 मिनट के भीतर ही ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कराकर घायल जवान को रांची एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस के माध्यम से दिल्ली एम्स भेज दिया गया.
मंगलवार को भी बना था ग्रीन कॉरिडोर: वहीं बीते मंगलवार को भी चाईबासा में ही घायल सीआरपीएफ जवान राकेश पाठक को भी बेहतर इलाज के लिए एअरलिफ्ट कर दिल्ली भेजा गया था. उस दिन भी ट्रैफिक पुलिस के द्वारा एंबुलेंस को सुगमता से एयरपोर्ट पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण करवाया गया था.
लगातार चल रहा मुठभेड़: गौरततलब है कि चाईबासा के टोंटो के सरजामबुरू इलाके में पुलिस ने माओवादियों की काफी मजबूत घेराबंदी की गई है. इस इलाके में कई माओवादी नेताओं को पुलिस ने घेरे रखा है. यही वजह है कि इस इलाके में लगातार आईईडी ब्लास्ट व मुठभेड़ की घटनाएं हो रही हैं. बीते मंगलवार को भी लुईया के समीप पुलिस बलों के साथ माओवादियों की मुठभेड़ हुई थी. वहीं गुरुवार को आईईडी ब्लास्ट हुआ जिसमें तीन जवान घायल हो गए. दरअसल, पुलिस मुख्यालय यह जानता है कि इन इलाकों में कैंप के निर्माण से रणनीतिक तौर पर सुरक्षाबलों को काफी फायदा मिलेगा. यही वजह है कि नक्सलियों के लगातार हमलों के बावजूद सुरक्षा बल मजबूती के साथ जंगलों में टिके हुए हैं.
एक महीने के अंदर 8 ब्लास्ट: चाईबासा के इस इलाके में पिछले एक महीने के अंदर आठ बार आईईडी ब्लास्ट कर चुके हैं. इसमें एक ग्रामीण सहित दर्जन भर सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं. इससे पहले 25 जनवरी को एक आईईडी ब्लास्ट हुआ था जिसमें एक सीआरफीएफ अधिकारी घायल हुए थे. जिन्हें एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था.