रांची: बहुत जल्द लोगों को रांची नगर निगम की ओर से स्ट्रीट लाइट की गुणवत्ता की जांच और खराबी पर शिकायत करने के लिए एक ऐप की सौगात मिलने वाली है. इस ऐप के माध्यम से लोगों को एग्जैक्ट पोल के लोकेशन की जानकारी और पोल पर लगे लाइट की गुणवत्ता की जांच की जाएगी. अगर एजेंसी की ओर से लाइट की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया गया तो, नगर निगम की ओर से उस पर कार्रवाई भी की जाएगी.
30 से 35 हजार पोल का डाटा रहेगा मौजूद
रांची में स्ट्रीट लाइट लगाने वाली एजेंसी की ओर से किसी तरह का घोटाला ना किया जा सके, आम जनता को पोल पर लगी लाइट से सही रोशनी मिल सके, खराबी होने पर सही जानकारी नगर निगम को दी जा सके और त्वरित कार्रवाई करते हुए खराबी को दूर किया जा सके.
इसे ध्यान में रखते हुए रांची नगर निगम की ओर से एक नई पहल की जा रही है. इसके तहत एक ऐप डेवलप कराया जा रहा है, जिसमें रांची शहर के 30 से 35 हजार पोल का डाटा इंस्टॉल रहेगा. लाइट में आई खराबी की शिकायत आम लोग कर सकेंगे और पोल की डाटा ऐप में एंट्री रहने की वजह से आसानी से उस पोल को लोकेट करते हुए खराबी को दूर किया जा सकेगा.
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ऐप बनाने में रांची नगर निगम की नहीं हुई राशि खर्च
रांची नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि स्ट्रीट लाइट को ध्यान में रखते हुए इस ऐप को डेवलप कराया जा रहा हैं. इस ऐप को बनाने में रांची नगर निगम की कोई राशि खर्च नहीं हुई है, बल्कि युवाओं के माध्यम से ऐप डेवलप कराया गया है. इसमें रांची नगर निगम क्षेत्र में जितने लाइट के पोल हैं, उसका डाटा डाला गया है.
इसके तहत 70 प्रतिशत डांटा कंपाइल कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इतने बड़े आंकड़े के प्रबंधन के लिए भी रांची नगर निगम को राशि खर्च नहीं करनी पड़ी है. इस ऐप में सभी पोल की जानकारी रहेगी, ताकि किसी भी नागरिक को किसी पोल में तकनीकी खराबी आती है तो उसकी सूचना आसानी से दे सकते हैं. पहले जहां पोल की लाइट में समस्या आने पर जानकारी देने में समस्या आती थी, वह समस्या अब दूर हो जाएगी और सही पोल को लोकेट किया जा सकेगा.
कई तरह की जानकारी देगा ऐप
नगर आयुक्त ने बताया कि कई बार एजेंसी की ओर से जो कमिटमेंट किया जाता है, उसे पूरा नहीं किया जाता है. ऐसे में पोल में लगाए गए बल्ब कमिटमेंट के तहत कितने वाट के हैं, यह भी जानना ऐप के माध्यम से आसान हो जाएगा.
पोल पर लगे बल्ब की रोशनी के नीचे ऐप खोलने के बाद उसमें दिए गए ऑप्शन पर जाने के साथ ही यह ऐप बता देगा कि बल्ब कितने वाट का है और किस कंपनी का है. ऐसे में जल्द ही राजधानी का कोई भी व्यक्ति ऐप के माध्यम से जान सकेगा कि स्ट्रीट लाइट को लेकर जो कमिटमेंट किया गया है, वह सही है या नहीं.