रांची: पलामू के नावाबाजार थानेदार रहे लालजी यादव मौत मामले की जांच सीआईडी अपने स्तर से कर रही है. इसके लिए पलामू प्रक्षेत्र के डीएसपी जेपीएन चौधरी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है. यह टीम पलामू जाकर मामले की जांच कर रही है. गौरतलब है कि लालजी यादव की खुदकुशी के मामले में थाने में दर्ज केस का अनुसंधान भी सीआईडी के द्वारा किया जाना है. लेकिन पुलिस मुख्यालय से अबतक इस संबंध में आदेश निर्गत होकर सीआईडी तक नहीं पहुंचा है. ऐसे में सीआईडी इस मामले में तत्काल प्रारंभिक जांच कर रही है. मुख्यालय के स्तर से आदेश मिलने के बाद यूडी केस की अलग से अनुसंधान की जाएगी.
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परिजनों ने अलग से की है शिकायत: लालजी यादव मौत के मामले में उनके परिजनों ने अलग से साहिबगंज में शिकायत दर्ज करायी है. लालजी यादव की पत्नी पूजा कुमारी ने साहिबगंज जिरवाबाड़ा ओपी में शिकायत की है. जिसमें हत्या का आरोप पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसडीपीओ सुरजीत कुमार और जिला परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन पर लगाए हैं. जिरवाबाड़ी ओपी की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. नियमानुसार घटनास्थल पलामू जिला है. इसलिए जिरवाबाड़ी थाने में जीरो प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस प्राथमिकी पर कार्रवाई को लेकर संबंधित थाना भेजा जाएगा. वहीं पूरे मामले में परिजनों ने राज्यपाल से भी मिलकर इंसाफ की गुहार लगायी थी. वहीं इस मामले में सीबीआई जांच के लिए परिजनों ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है.
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दो साल से बिना वेतन काम कर रहे थे लालजी: पलामू के नावानगर के निलंबित थानेदार लालजी यादव की मौत के बाद यह भी खुलासा हुआ था कि लालजी यादव दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी बिना वेतन के ही नौकरी करने पर मजबूर थे. मिली जानकारी के अनुसार रांची के बुढमू थाने में अक्तूबर 2019 तक लालजी यादव थानेदार के पद पर थे. नियम के अनुसार थाना प्रभारी ही माल खाना के चार्ज में होता है. इसी बीच लालजी यादव का तबादला पलामू कर दिया गया. मालखाना का चार्ज लालजी यादव के पास ही रह जाने की वजह से उनका रांची जिला से एलपीसी यानि लास्ट पे सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाया था. मैनुअल के मुताबिक, जिला से तबादले के बाद नन गजटेड रैंक के अधिकारियों को एलपीसी सर्टिफिकेट जमा करना होता है. एलपीसी जमा नहीं होने के कारण दो साल से लालजी यादव पलामू जिला बल में काम तो कर रहे थे, लेकिन उनके वेतन की निकासी नहीं हो रही थी.