रांची: सीएम हेमंत सोरेन पर मुंबई की मॉडल की ओर से लगाए गए गंभीर आरोप को लेकर जहां राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी को पत्र लिखकर संज्ञान लिया है. वहीं दूसरी ओर यह मामला सोशल साइट्स पर लगातार ट्रेंड कर रहा है.
सोशल साइट पर ट्रेंडिंग में मामला
सोशल साइट पर यह मामला ट्रेंड होने के बाद महिलाओं के लिए सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही वंदना उपाध्याय बताती हैं. जिस तरह से 7 साल के बाद यह मामला सामने आया है. इससे दो बातें प्रतीत होती हैं, एक तो यह कि कई बार कुछ महिलाएं सामाजिक दबाव में अपनी बातें नहीं रख पाती हैं और कभी-कभी यह भी होता है कि अगर किसी व्यक्ति का किसी महिला से बेहतर संबंध है और किसी कारण बस उस महिला का व्यक्ति से संबंध खराब हो जाता है और वह व्यक्ति बड़े पद पर पहुंच जाता है, तो बदले की भावना के उद्देश्य से भी महिला कभी-कभी इस तरह के आरोप लगाकर अपनी बात रखने का प्रयास करती है.
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मामले की हो निष्पक्ष जांच
उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर लगे गंभीर आरोप को लेकर कहा कि अगर 2013 में इस तरह की घटना हुई है, तो ऐसे में जरूरी है कि सरकार और कानून इसे गंभीरता से ले. ताकि अगर लड़की के साथ गलत हुआ है, तो उसे न्याय मिल सके और अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीतिक द्वेष से बदनाम करने की कोशिश की गई है, तो उसकी भी निष्पक्ष जांच कराई जाए. ताकि उनके सम्मान को कोई ठेस ना पहुंचे.
सामाजिक दबाव में न आएं महिलाएं
अभी पूरे मामले पर असमंजस बरकरार है. इसीलिए कई महिला संगठन आगे आकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. लेकिन महिलाओं के लिए काम करने वाली समाजिक कार्यकर्ता ने कहा है कि जिस तरह से पूरे मामले में लेटलतीफी देखी गई है. इससे कहीं ना कहीं यह प्रतीत होता है कि हो सकता है. पूरा मामला राजनीतिक साजिश हो फिर सामाजिक दबाव में आकर महिला समय पर अपनी बातें ना रख सकती हो. लेकिन यह तभी स्पष्ट हो पाएगा, जब कानून निष्पक्षता से पूरे मामले की जांच करेगा.