रांची: रिम्स के विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों का स्टेट फूड टेस्टिंग लैब मोबाइल वैन के साथ खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी सदर के आदेश पर गुरुवार को जांच की गई. मेसर्स रिम्स किचन वन और टू समेत जूनियर डॉक्टर्स के होस्टल नंबर 1 से 7 के किचन की जांच की गई. इस दौरान सभी जूनियर डॉक्टर हॉस्टल के किचन की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई. ऐसे में हाइजीन को लेकर नोटिस दिया गया और कोविड-19 के मानक के आधार पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है.
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के साथ मिलकर अलग-अलग खाद्य पदार्थ का ऑन स्पोर्ट्स टेस्ट किया गया, जिसमें खाद्य पदार्थों को बनाने वाले फूड इनग्रेडिएंट्स, मसालों, सरसों तेल, रिफाइंड तेल और विभिन्न अनाजों की मैक्रोस्कोपिक माइक्रोस्कोपिक, स्टार्च और कलर एडल्टरेशन की जांच की गई. लगभग 73 खाद्य इनग्रेडिएंट्स की जांच हुई, जिसमें मुख्य रूप से पैकेट मसालों का उपयोग किया जा रहा था.
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वहीं, जूनियर डॉक्टर्स के हॉस्टल नंबर 4 के हल्दी पाउडर में स्टार्च पॉजिटिव पाया गया और हॉस्टल के सभी रसोइयों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी इंडिया के फूड लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के बिना रसोई घर चलाने के तहत नोटिस जारी किया गया, साथ ही जल्द से जल्द फूड लाइसेंस रजिस्ट्रेशन करने की चेतावनी दी गई. इस दौरान दूध और दूध के उत्पाद, पनीर दही की भी जांच की गई, जिसमें दूध और दूध के उत्पाद खाने योग्य पाया गया और स्टार्च टेस्ट निगेटिव पाया गया. वहीं अनाजों में माइक्रोस्कोपिक जांच की गई, जिसमें कीड़े मकोड़े, कंकड़ पत्थर और फंगस टेस्ट किया गया. अनाज के रखाव की भी जांच के साथ कलर एडल्टरेशन की भी जांच की गई. अनुमंडल पदाधिकारी लोकेश मिश्रा ने बताया कि इस तरह की जांच लगातार की जाएगी और किसी भी वक्त गलत पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.