रांचीः राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कवायद तेज कर दी गई है. सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाएगी, ताकि मरीजों को गांव के नजदीक ही मेडिकल की बेहतर सुविधा मिल जाए.
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पदस्थापित डॉक्टरों की होगी समीक्षा
अस्पतालों में प्रतिनियुक्त डॉक्टरों की संख्या और कार्यों की समीक्षा की जाएगी. इसके साथ ही किस अस्पताल में रोजाना कितने मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते हैं. इसका भी आंकलन किया जाएगा. इसके बाद जिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा होगी, उन अस्पतालों में सभी जरूरी रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी.
रिम्स में मरीजों का लोड किया जाएगा कम
राज्य में बेहतर इलाज के लिए एक मात्र रिम्स है. इससे रिम्स पर मरीजों का लोड काफी अधिक है. मरीजों की भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पिछले दिनों कहा कि रिम्स का लोड कम किया जाएगा. रिम्स में सिर्फ गंभीर बीमारियों का इलाज और रिसर्च होगा. स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश पर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है.
हॉस्पिटल मैनेजर के पद किए जाएंगे सृजित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होगी, वहीं पीपीपी मोड पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ रहे. इसको लेकर अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजर या एडमिनिस्ट्रेशन एक्सक्यूटिव का पद सृजित किए जाएंगे और उस पद पर नियुक्ति भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इन पदों पर सेना या पैरामिलिट्री के स्वास्थ्य सेवा से सेवानिवृत्त या हॉस्पिटल मैनेजमेंट में दक्ष व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति की जाएगी.
आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में किया जाएगा सुधार
जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज नियमित रूप से भर्ती किए जाते हैं, तो आयुष्मान भारत योजना के तहत उन अस्पतालों को भी सुदृढ़ किया जाएगा. योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा.