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रांचीः कोरोना के चलते स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की तादाद बढ़ी, हेल्थ के प्रति हो रहे हैं जागरुक

कोरोना के खौफ से लोग अब स्वास्थ्य बीमा का रुख कर रहे हैं. राजधानी रांची में न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहे हैं, बल्कि तेजी से स्वास्थ्य बीमा भी करवा रहे हैं. इसमें सरकारी कंपनी सहित निजी कंपनियां शामिल हैं.

बीमा
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Published : Jul 10, 2020, 12:40 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 12:58 PM IST

रांची: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति और भी सजग हो गए हैं. लोग अपने अपने हिसाब से निजी और सरकारी बीमा कंपनियों का बीमा करवा रहे हैं. रांची समेत झारखंड में कोरोना अपना विकराल रूप धारण करता जा रहा है. नागरिकों में साफ तौर पर इसका खौफ देखा जा सकता है. ऐसे में लोग अब स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहे हैं, लोग अब स्वास्थ्य बीमा करा रहे हैं. रांची में स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की तादात लगातार बढ़ रही है.

स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की तादाद बढ़ी.

कोविड-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में मोटी रकम देनी पड़ती है जिसको लेकर कई बार लोग अपना इलाज कराने में असमर्थ होते हैं. इसी को लेकर झारखंड में भी निजी और सरकारी बीमा संस्थानों में स्वास्थ्य बीमा कराने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

निजी अस्पताल मेडिका के प्रबंधक डॉक्टर अनिल बताते हैं कि कोविड-19 के इलाज के लिए फिलहाल हर तरह के स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा रहा है. अनिल कुमार बताते हैं कि अगर कोई मरीज कोविड की बीमारी से ग्रसित है और उसके साथ वह अन्य किसी गंभीर बीमारी से भी ग्रसित है तो ऐसे मरीज का अन्य बीमारी के साथ-साथ कोविड-19 का भी इलाज किया जाता है और हर मरीज की बीमारी के हिसाब से उसके इलाज के खर्च भी तय होते हैं.

यह भी पढ़ेंः रांची: कोरोना काल में साइकिल शेयरिंग सिस्टम ठप, सेहत की सवारी से लोग महरूम

वहीं उन्होंने बताया कि भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद विभिन्न बीमा कंपनियों द्वारा कराए गए स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के नियमों और मानको के अनुसार अस्पतालों को भुगतान किया जा रहा है और अस्पताल प्रबंधन भी मरीजों का इंश्योरेंस क्लेम के आधार पर इलाज कर रही है.

नहीं मिल रहा है आयुष्मान भारत का लाभ

राज्य में फिलहाल कोविड के मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि सरकारी अस्पताल में कोविड-19 का इलाज मुफ्त हो रहा है तो वहीं निजी अस्पताल फिलहाल आयुष्मान कार्ड के आधार पर कोरोना से ग्रसित मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं.

वहीं एलआईसी के शाखा प्रबंधक असलम अंसारी बताते हैं कि स्वास्थ्य बीमा को लेकर लोग पहले भी सजग थे लेकिन कोविड-19 के संक्रमण के बाद एलआईसी सहित अन्य बीमा कंपनियों में भी लोगों द्वारा स्वास्थ्य बीमा लगातार कराया जा रहा है.

अगर कोई व्यक्ति अपना हेल्थ इंश्योरेंस पहले करवाता है और वह बाद में कोरोना से पीड़ित होता है तो उस व्यक्ति को कोरोना का लाभ निश्चित मिलेगा.

कोविड-19 का इलाज कराने के लिए बड़े-बड़े अस्पताल लाखों रुपए की मांग करते हैं. इसको लेकर लोग बड़ी संख्या में स्वास्थ्य बीमा करवा रहे हैं ताकि संकट की घड़ी में कराया गया स्वास्थ्य बीमा लोगों को इलाज कराने में लाभ पहुंचा सके.

रांची: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति और भी सजग हो गए हैं. लोग अपने अपने हिसाब से निजी और सरकारी बीमा कंपनियों का बीमा करवा रहे हैं. रांची समेत झारखंड में कोरोना अपना विकराल रूप धारण करता जा रहा है. नागरिकों में साफ तौर पर इसका खौफ देखा जा सकता है. ऐसे में लोग अब स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहे हैं, लोग अब स्वास्थ्य बीमा करा रहे हैं. रांची में स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की तादात लगातार बढ़ रही है.

स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की तादाद बढ़ी.

कोविड-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में मोटी रकम देनी पड़ती है जिसको लेकर कई बार लोग अपना इलाज कराने में असमर्थ होते हैं. इसी को लेकर झारखंड में भी निजी और सरकारी बीमा संस्थानों में स्वास्थ्य बीमा कराने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

निजी अस्पताल मेडिका के प्रबंधक डॉक्टर अनिल बताते हैं कि कोविड-19 के इलाज के लिए फिलहाल हर तरह के स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा रहा है. अनिल कुमार बताते हैं कि अगर कोई मरीज कोविड की बीमारी से ग्रसित है और उसके साथ वह अन्य किसी गंभीर बीमारी से भी ग्रसित है तो ऐसे मरीज का अन्य बीमारी के साथ-साथ कोविड-19 का भी इलाज किया जाता है और हर मरीज की बीमारी के हिसाब से उसके इलाज के खर्च भी तय होते हैं.

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वहीं उन्होंने बताया कि भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद विभिन्न बीमा कंपनियों द्वारा कराए गए स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के नियमों और मानको के अनुसार अस्पतालों को भुगतान किया जा रहा है और अस्पताल प्रबंधन भी मरीजों का इंश्योरेंस क्लेम के आधार पर इलाज कर रही है.

नहीं मिल रहा है आयुष्मान भारत का लाभ

राज्य में फिलहाल कोविड के मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि सरकारी अस्पताल में कोविड-19 का इलाज मुफ्त हो रहा है तो वहीं निजी अस्पताल फिलहाल आयुष्मान कार्ड के आधार पर कोरोना से ग्रसित मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं.

वहीं एलआईसी के शाखा प्रबंधक असलम अंसारी बताते हैं कि स्वास्थ्य बीमा को लेकर लोग पहले भी सजग थे लेकिन कोविड-19 के संक्रमण के बाद एलआईसी सहित अन्य बीमा कंपनियों में भी लोगों द्वारा स्वास्थ्य बीमा लगातार कराया जा रहा है.

अगर कोई व्यक्ति अपना हेल्थ इंश्योरेंस पहले करवाता है और वह बाद में कोरोना से पीड़ित होता है तो उस व्यक्ति को कोरोना का लाभ निश्चित मिलेगा.

कोविड-19 का इलाज कराने के लिए बड़े-बड़े अस्पताल लाखों रुपए की मांग करते हैं. इसको लेकर लोग बड़ी संख्या में स्वास्थ्य बीमा करवा रहे हैं ताकि संकट की घड़ी में कराया गया स्वास्थ्य बीमा लोगों को इलाज कराने में लाभ पहुंचा सके.

Last Updated : Jul 10, 2020, 12:58 PM IST
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