ETV Bharat / state

रांची में मिशन एडमिशन: निजी स्कूलों में एडमिशन की मची होड़, अभिभावकों की बढ़ी चिंता

रांची में निजी स्कूलों (Private schools in Ranchi) में एडमिशन को लेकर अभिभावक की चिंता बढ़ गई है. स्थिति यह है कि अभिभावक अभी से निजी स्कूलों का चक्कर लगा रहे हैं, ताकि नामांकन के दौरान किसी तरह की परेशानी झेलनी नहीं पड़े.

private schools in Ranchi
निजी स्कूलों में एडमिशन की मची होड़
author img

By

Published : Nov 28, 2022, 9:33 PM IST

रांची: निजी स्कूलों (Private schools in Ranchi) में बच्चों का दाखिला कराना किसी भी अभिभावक के लिए एक मिशन से कम नहीं है. सरकारी विद्यालयों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों के बेहतर प्रदर्शन से प्रभावित गार्जियन हर हाल में निजी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन कराना चाहते हैं. दिन प्रतिदिन बढ़ रहे आकर्षण के कारण निजी स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

यह भी पढ़ेंः शिक्षा के नाम पर आर्थिक शोषणः फीस के नाम पर निजी स्कूल वसूल रहे मनमानी रकम

आर्थिक रूप से थोड़ा सा भी मजबूत अभिभावक प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने से नहीं चूकते हैं. यही वजह है कि दिन प्रतिदिन प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन लेने की मांग बढ़ने लगी है. इस बार भी राजधानी के निजी स्कूलों में दाखिला के लिए अभिभावक मिशन में लग गए हैं. रांची में हर साल दिसंबर से फरवरी तक नामांकन का दौर चलता रहता है. प्रेप से लेकर आठवीं तक में दाखिला के लिए इस बार भी स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चूकी है.

देखें पूरी खबर

अभिभावक किसी तरह बच्चों का एडमिशन कराना चाहते हैं. एडमिशन फार्म का दाम भी कम नहीं है. राजधानी रांची के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में एडमिशन फार्म 1000 से 2000 रुपये में मिल रहे हैं. यदि दो तीन स्कूल में एडमिशन के लिए अभिभावक अप्लाई करते हैं तो पांच हजार रुपये तक खर्च हो जायेंगे. इसके अलावे सभी स्कूलों का चयन की प्रक्रिया अलग अलग है. इससे भी गार्जियन कन्फ्यूज हैं कि उनके बच्चे का एडमिशन जिस स्कूल में वे चाहते हैं उसमें होगा या नहीं. यदि एडमिशन लिस्ट में बच्चे का नाम आ भी जाय तो भारी भरकम राशि देने के लिए अभिभावक को तैयार रहना पड़ता है.

रांची के टॉप टेन स्कूलों में प्रेप या नर्सरी में दाखिले के लिए गार्जियन को 50 हजार से 90 हजार तक देना होगा. इन सबके बाबजूद गार्जियन सरकारी स्कूलों से ज्यादा निजी स्कूलों में अपने बच्चों का भविष्य ज्यादा सुरक्षित मानकर दाखिला के लिए टूट पड़ते हैं. अभिभावक रामकृष्ण मुंडा बताते हैं कि प्राइवेट स्कूल में दाखिला के लिए मेरिट की जरूरत नहीं है. पैरवी है तो एडमिशन हो जायेगा. पैसे की बात दूर है. पैरवी किस तरह की है वो महत्व रखता है. संयुक्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए नसरुद्दीन खां कहते हैं कि क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर जिस तरह से प्राइवेट स्कूलों ने जाल बिछाया है उससे कहीं ना कहीं गार्जियन की परेशानी बढ़ गई है. सरकारी स्कूलों की पढ़ाई और संसाधनों में वृद्धि कर दी जाय तो निजी स्कूलों की यह मनमानी समाप्त हो जायेगी.

रांची: निजी स्कूलों (Private schools in Ranchi) में बच्चों का दाखिला कराना किसी भी अभिभावक के लिए एक मिशन से कम नहीं है. सरकारी विद्यालयों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों के बेहतर प्रदर्शन से प्रभावित गार्जियन हर हाल में निजी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन कराना चाहते हैं. दिन प्रतिदिन बढ़ रहे आकर्षण के कारण निजी स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

यह भी पढ़ेंः शिक्षा के नाम पर आर्थिक शोषणः फीस के नाम पर निजी स्कूल वसूल रहे मनमानी रकम

आर्थिक रूप से थोड़ा सा भी मजबूत अभिभावक प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने से नहीं चूकते हैं. यही वजह है कि दिन प्रतिदिन प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन लेने की मांग बढ़ने लगी है. इस बार भी राजधानी के निजी स्कूलों में दाखिला के लिए अभिभावक मिशन में लग गए हैं. रांची में हर साल दिसंबर से फरवरी तक नामांकन का दौर चलता रहता है. प्रेप से लेकर आठवीं तक में दाखिला के लिए इस बार भी स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चूकी है.

देखें पूरी खबर

अभिभावक किसी तरह बच्चों का एडमिशन कराना चाहते हैं. एडमिशन फार्म का दाम भी कम नहीं है. राजधानी रांची के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में एडमिशन फार्म 1000 से 2000 रुपये में मिल रहे हैं. यदि दो तीन स्कूल में एडमिशन के लिए अभिभावक अप्लाई करते हैं तो पांच हजार रुपये तक खर्च हो जायेंगे. इसके अलावे सभी स्कूलों का चयन की प्रक्रिया अलग अलग है. इससे भी गार्जियन कन्फ्यूज हैं कि उनके बच्चे का एडमिशन जिस स्कूल में वे चाहते हैं उसमें होगा या नहीं. यदि एडमिशन लिस्ट में बच्चे का नाम आ भी जाय तो भारी भरकम राशि देने के लिए अभिभावक को तैयार रहना पड़ता है.

रांची के टॉप टेन स्कूलों में प्रेप या नर्सरी में दाखिले के लिए गार्जियन को 50 हजार से 90 हजार तक देना होगा. इन सबके बाबजूद गार्जियन सरकारी स्कूलों से ज्यादा निजी स्कूलों में अपने बच्चों का भविष्य ज्यादा सुरक्षित मानकर दाखिला के लिए टूट पड़ते हैं. अभिभावक रामकृष्ण मुंडा बताते हैं कि प्राइवेट स्कूल में दाखिला के लिए मेरिट की जरूरत नहीं है. पैरवी है तो एडमिशन हो जायेगा. पैसे की बात दूर है. पैरवी किस तरह की है वो महत्व रखता है. संयुक्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए नसरुद्दीन खां कहते हैं कि क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर जिस तरह से प्राइवेट स्कूलों ने जाल बिछाया है उससे कहीं ना कहीं गार्जियन की परेशानी बढ़ गई है. सरकारी स्कूलों की पढ़ाई और संसाधनों में वृद्धि कर दी जाय तो निजी स्कूलों की यह मनमानी समाप्त हो जायेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.