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सदन में द्वितीय अनुपूरक पेश, तीन बिल वापस, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल, बालू-पत्थर की नीलामी से नुकसान का उठा मामला

झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र (Jharkhand Vidhansabha winter session) के दूसरे दिन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 8,533 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) पेश किया. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने नियोजन नीति को लेकर जमकर नारेबाजी की.

Jharkhand Vidhansabha winter session
झारखंड विधानसभा की कार्यवाही
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Published : Dec 20, 2022, 4:58 PM IST

रांची: शीतकालीन सत्र (Jharkhand Vidhansabha winter session) के दूसरे दिन विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 8,533.89 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) सभा पटल पर रखा. इसी दौरान राजभवन की आपत्तियों के आलोक में तीन विधेयक भी वापस लिए गये. प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते हुए मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ पहुंचे और नियोजन नीति रद्द होने से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का हवाला देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

ये भी पढ़ें- सीएम का तंज! राज्यपाल से क्यों नहीं मिलने जा रहे भाजपाई, नियोजन नीति रद्द कराने में यूपी-बिहार के लोगों की साजिश

इस बीच प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में स्टोन क्रशर और बालू की नीलामी नहीं होने के कारण पिछले तीन साल में 2,050 करोड़ से ज्यादा रॉयल्टी मद में राजस्व का नुकसान हुआ है या नहीं. ऐसे में सरकार अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराना चाहती है या नहीं.

जवाब में प्रभारी मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में 76, 2020-21 में 133, 2021-22 में 147 और 2022-23 में नवंबर तक 08 पत्थर खनन पट्टों का वितरण किया गया है. वर्तमान में 563 पत्थर खनन पट्टे और 559 स्टोन स्टॉकयार्ड संचालित हैं. बालू के लिए कैटेगरी- 01 में कुल 280 बालू घाट और कैटेगरी- 02 में कुल 21 बालू घाट संचालित हैं. विभाग की ओर से बताया गया कि डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट का अनुमोदन SIEAA से मिलने के बाद कैटेगरी-02 के बालू घाटों में जेएसएमडीसी द्वारा इमपैनल्ड एमडीओ का चयन कर बालू घाटों का संचालन शुरू करने की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- लोकसभा में सीएम को दुष्कर्मी कहने पर सदन में बवाल, निंदा प्रस्ताव पर विधि सम्मत राय लेंगे स्पीकर

विभाग की ओर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि बालू, पत्थर और अन्य खनिज से साल 2019-20 में 5,165.82 करोड़, 2020-21 में 4,888.37 करोड़, 2021-22 में 7,477.42 करोड़ और 2022-23 में नवंबर तक 5,913.93 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. हालांकि विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि उन्होंने तीन खंड में सवाल किए थे. लेकिन मूल खंड को ही छोड़ दिया गया. अपने पूरक प्रश्न के तहत उन्होंने जानना चाहा कि अबतक कितने की नीलामी हुई और कितने की नहीं. साथ ही नीलामी नहीं होने से कितने का नुकसान हुआ. लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण पूरक सवाल अधूरा रह गया.

दोबारा 12.45 बजे कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच त्रुटियां गिनाकर राजभवन से वापस किए गये वित्त विधेयक, 2021, झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक, 2022 और झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन संवर्धन और सुविधा विधेयक, 2022 को कार्य संचालन के नियम 110 के तहत सभा द्वारा वापस ले लिया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

रांची: शीतकालीन सत्र (Jharkhand Vidhansabha winter session) के दूसरे दिन विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 8,533.89 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) सभा पटल पर रखा. इसी दौरान राजभवन की आपत्तियों के आलोक में तीन विधेयक भी वापस लिए गये. प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते हुए मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ पहुंचे और नियोजन नीति रद्द होने से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का हवाला देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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इस बीच प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में स्टोन क्रशर और बालू की नीलामी नहीं होने के कारण पिछले तीन साल में 2,050 करोड़ से ज्यादा रॉयल्टी मद में राजस्व का नुकसान हुआ है या नहीं. ऐसे में सरकार अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराना चाहती है या नहीं.

जवाब में प्रभारी मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में 76, 2020-21 में 133, 2021-22 में 147 और 2022-23 में नवंबर तक 08 पत्थर खनन पट्टों का वितरण किया गया है. वर्तमान में 563 पत्थर खनन पट्टे और 559 स्टोन स्टॉकयार्ड संचालित हैं. बालू के लिए कैटेगरी- 01 में कुल 280 बालू घाट और कैटेगरी- 02 में कुल 21 बालू घाट संचालित हैं. विभाग की ओर से बताया गया कि डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट का अनुमोदन SIEAA से मिलने के बाद कैटेगरी-02 के बालू घाटों में जेएसएमडीसी द्वारा इमपैनल्ड एमडीओ का चयन कर बालू घाटों का संचालन शुरू करने की कार्रवाई की जाएगी.

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विभाग की ओर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि बालू, पत्थर और अन्य खनिज से साल 2019-20 में 5,165.82 करोड़, 2020-21 में 4,888.37 करोड़, 2021-22 में 7,477.42 करोड़ और 2022-23 में नवंबर तक 5,913.93 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. हालांकि विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि उन्होंने तीन खंड में सवाल किए थे. लेकिन मूल खंड को ही छोड़ दिया गया. अपने पूरक प्रश्न के तहत उन्होंने जानना चाहा कि अबतक कितने की नीलामी हुई और कितने की नहीं. साथ ही नीलामी नहीं होने से कितने का नुकसान हुआ. लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण पूरक सवाल अधूरा रह गया.

दोबारा 12.45 बजे कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच त्रुटियां गिनाकर राजभवन से वापस किए गये वित्त विधेयक, 2021, झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक, 2022 और झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन संवर्धन और सुविधा विधेयक, 2022 को कार्य संचालन के नियम 110 के तहत सभा द्वारा वापस ले लिया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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