रांचीः प्राचीन इतिहास को संपूर्ण इतिहास नहीं मानते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में प्राचीन इतिहास के अभ्यार्थी का चयन नहीं किया जाने संबंधी याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने 7 मार्च को अपना फैसला सुनाया है. उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ता मनीष कुमार और अमित कुमार अग्रवाल की याचिका को खारिज कर दिया है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश डॉ सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने अपना फैसला में एकल पीठ के द्वारा दिए गए फैसले को सही मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
उन्होंने माना है कि प्राचीन इतिहास इतिहास का एक पार्ट है न की संपूर्ण इतिहास है. इसलिए इसे संपूर्ण इतिहास कहा जाना उचित नहीं है. उन्होंने यह माना कि जो सिर्फ प्राचीन इतिहास पढ़े है. वह संपूर्ण इतिहास के शिक्षक बनने के योग्य नहीं हैं. संपूर्ण इतिहास पढ़ाने के लिए संपूर्ण इतिहास की शैक्षणिक योग्यता होना उचित है.
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बता दें कि बता दें कि वर्ष 2016 से चल रहे हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में प्राचीन इतिहास के अभ्यर्थी को संपूर्ण इतिहास नहीं मानते हुए कर्मचारी चयन आयोग ने चयन नहीं किया था. उसी पर याचिकाकर्ता मनीष कुमार, अमित कुमार श्रीवास्तव ने कर्मचारी चयन आयोग के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दिया था. उस पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता के याचिका को खारिज कर दिया था. झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश को याचिकाकर्ता ने युगल पीठ में चुनौती दी थी अदालत ने मामले पर पूर्व में सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था उसी फैसले को अदालत ने 7 मार्च को सुनाया है.