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उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी मामले पर हाई कोर्ट गंभीर, JPSC से मांगा उत्तर पुस्तिका और जांचने का नियम - झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से लिए गए सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग को सीलबंद लिफाफे में प्रार्थी की उत्तर पुस्तिका और उत्तर पुस्तिका जांचने के नियम 25 नवंबर तक अदालत में पेश करने को कहा है.

उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी मामले पर हाई कोर्ट गंभीर
High court serious on answer book disturbance case
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Published : Nov 4, 2020, 10:41 PM IST

रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से लिए गए सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग को सीलबंद लिफाफे में प्रार्थी का उत्तर पुस्तिका और उत्तर पुस्तिका जांचने की नियम 25 नवंबर तक अदालत में पेश करने को कहा है. अदालत ने प्रार्थी को भी मौखिक रूप से चेतावनी दी है कि अगर प्रार्थी का आरोप गलत पाया गया तो हर्जाना भी लगाया जा सकता है.

उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से लिए गए सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

ये भी पढ़ें-नोएडा: 24 घंटे में 339 नए कोरोना संक्रमित, महीने का सबसे बड़ा आकंड़ा

उत्तर पुस्तिका की जांच

अदालत में सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से बताया गया कि उत्तर पुस्तिका की जांच के कुछ नियम है, जिसके तहत उत्तर पुस्तिका की जांच करने वाले एग्जामिनर और हेड एग्जामिनर अंक देते हैं, इसमें जेपीएससी का कोई भूमिका नहीं होता है. इस पर अदालत ने लोक सेवा आयोग को प्रार्थी की उत्तर पुस्तिका और उत्तर पुस्तिका को जांचने संबंधी नियम सील लिफाफे में 25 नवंबर तक पेश करने को कहा है. इस सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि उनके उत्तर पुस्तिका में अंक देने में जानबूझकर गड़बड़ी की गई है, ताकि अंतिम रूप से दूसरे अभ्यर्थी चयनित हो सके. अदालत ने प्रार्थी के पक्ष को सुनने के उपरांत कहा कि अगर आरोप गलत होगा तो आप के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

6 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता सुरभि कुमारी ने सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने जेपीएससी को उत्तर पुस्तिका और नियम अदालत में पेश करने को कहा है मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से लिए गए सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग को सीलबंद लिफाफे में प्रार्थी का उत्तर पुस्तिका और उत्तर पुस्तिका जांचने की नियम 25 नवंबर तक अदालत में पेश करने को कहा है. अदालत ने प्रार्थी को भी मौखिक रूप से चेतावनी दी है कि अगर प्रार्थी का आरोप गलत पाया गया तो हर्जाना भी लगाया जा सकता है.

उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से लिए गए सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

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उत्तर पुस्तिका की जांच

अदालत में सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से बताया गया कि उत्तर पुस्तिका की जांच के कुछ नियम है, जिसके तहत उत्तर पुस्तिका की जांच करने वाले एग्जामिनर और हेड एग्जामिनर अंक देते हैं, इसमें जेपीएससी का कोई भूमिका नहीं होता है. इस पर अदालत ने लोक सेवा आयोग को प्रार्थी की उत्तर पुस्तिका और उत्तर पुस्तिका को जांचने संबंधी नियम सील लिफाफे में 25 नवंबर तक पेश करने को कहा है. इस सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि उनके उत्तर पुस्तिका में अंक देने में जानबूझकर गड़बड़ी की गई है, ताकि अंतिम रूप से दूसरे अभ्यर्थी चयनित हो सके. अदालत ने प्रार्थी के पक्ष को सुनने के उपरांत कहा कि अगर आरोप गलत होगा तो आप के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

6 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता सुरभि कुमारी ने सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में अंक देने में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने जेपीएससी को उत्तर पुस्तिका और नियम अदालत में पेश करने को कहा है मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

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