रांची: एचईसी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनके अंदर आक्रोश बढ़ता जा रहा है. पिछले 20 महीने से वेतन का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को यह उम्मीद थी कि दुर्गा पूजा के मौके पर उन्हें वेतन मिलेगा. प्रबंधन ने दुर्गा पूजा के मौके पर भी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया. जिस वजह से कर्मचारी आक्रोशित हैं.
एचईसी मजदूर संघ के वरिष्ठ सदस्य ने क्या कहा: पिछले 20 महीने से वेतन नहीं मिलने के बाद एचईसी के कर्मचारी अब फिर से आंदोलन के मूड में आ गए हैं. एचईसी मजदूर संघ के वरिष्ठ सदस्य भवन सिंह बताते हैं कि केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार को एचईसी के कर्मचारियों का दर्द नहीं दिख रहा है, ऐसे में एचईसी के कर्मचारियों के लिए सिर्फ एक ही उपाय बचता है और वो है आंदोलन. भवन सिंह ने बताया कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित झारखंड दौरे से पहले बीजेपी कार्यालय का घेराव करेंगे.
प्रदेश के भाजपा कार्यालयों का घेराव: मजदूर नेता भवन सिंह ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली में भी धरना प्रदर्शन किया गया था. केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगा. मजदूर नेता ने बताया कि आने वाले दिनों में अब प्रदेश के भाजपा कार्यालयों का घेराव करेंगे ताकि मजदूरों की आवाज केंद्र में बैठी सरकार तक पहुंच सके.
आंदोलन एकमात्र उपाय: एचईसी के कर्मचारी बताते हैं कि यदि उनलोगों को उनके काम का मेहनताना नहीं मिलेगा तो फिर काम करने का क्या मतलब है. कर्मचारियों ने बताया कि एचईसी में काम करने वाले कामगारों ने अपने हुनर के बल पर देश का नाम रोशन किया है. चंद्रयान और सूर्ययान के लिए लॉन्चिंग पैड बनाकर एचईसी ने अपनी काबिलियत को साबित किया है. यदि इसके बावजूद केंद्र में बैठी सरकार एचईसी के कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं करती है तो निश्चित रूप से आंदोलन एकमात्र उपाय होगा.
गौरतलब है कि एचईसी के कर्मचारियों को पिछले 20 महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में कर्मचारी लगातार विरोध करते नजर आ रहे हैं. मजदूर नेताओं का कहना है कि राजनीति के तहत एचईसी को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा कार्यालय के घेराव को लेकर मजदूर नेता क्या रणनीति बनाते हैं और इस रणनीति का एचईसी के मजदूरों को कितना लाभ होता है.