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बढ़ती गर्मी से गड़बड़ा रहा लोगों का मानसिक संतुलन, हार्ट अटैक के भी बढ़ रहे चांस, डॉक्टर से जानिए इससे निपटने के उपाय

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Published : Jun 18, 2023, 12:27 PM IST

भीषण गर्मी की वजह लोगों का मिजाज बदल रहा है. रिम्स के न्यूरो विभाग में बढ़ते मरीज इसके गवाह हैं. डॉक्टर बताते हैं कि गर्मी की वजह से लोगों में अवसाद ओर चिड़चिड़ापन जैसे रोग बढ़ जाते हैं.

Reason of Heart Attack in Summer
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक प्रसाद
देखें पूरी खबर

रांची: रिम्स के न्यूरो विभाग में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. रिम्स न्यूरो विभाग के चिकित्सक डॉक्टर रुपेश बताते हैं कि अमूमन गर्मी के मौसम में लोग अस्पताल नहीं पहुंचते हैं. गर्मी की वजह से लोगों को कई अन्य शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. इसीलिए ज्यादातर लोग गर्मी के मौसम में अस्पताल या फिर कहीं जाने से परहेज करते हैं.

ये भी पढ़ें: Ranchi News: रिम्स में मरीज के परिजन और डॉक्टर के बीच मारपीट, कई घंटे तक काम ठप

इस वर्ष की यदि बात करें तो रिम्स के न्यूरो विभाग में मरीजों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है. डिप्रेशन (depression), एंजाएटी (anxiety) के साथ-साथ न्यूरो से जुड़ी कई बीमारियों की शिकायत लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.

राजधानी के प्रख्यात मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक प्रसाद बताते हैं कि जिस प्रकार से गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है. उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि हाल फिलहाल में किए गए एक रिसर्च के अनुसार अत्यधिक डिहाइड्रेशन होने की वजह से शरीर का खून मोटा हो जाता है. खून मोटा होने के कारण ब्लड के थक्के जमने लगते हैं. जो हार्ट अटैक और न्यूरो से संबंधित बीमारियों को बढ़ावा देता है.

राजधानी के प्रख्यात मनोरोग विशेषज्ञ डॉ अशोक प्रसाद बताते हैं कि यदि शरीर में पानी की कमी होती है और तापमान अत्यधिक है तो निश्चित रूप से न्यूरो से जुड़े बीमारियों को बढ़ावा मिलता है. इन दिनों लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण कई ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें चिड़चिड़ापन की शिकायत है तो कोई बिना मतलब के गुस्सा करते नजर आता है.

वहीं रिम्स के न्यूरो विभाग में कार्यरत चिकित्सक डॉ. रुपेश बताते हैं कि गर्मी का मौसम आते ही सबसे ज्यादा माइग्रेन के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. वहीं डॉक्टर रुपेश ने बताया कि वैसे भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जिनकी नसों में परेशानी है. लेकिन सबसे ज्यादा सिर दर्द से जुड़े मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं.

वहीं रिम्स के कर्मचारियों ने भी बताया कि बढ़ती गर्मी की वजह से अन्य विभागों में मरीजों की संख्या जरूर कम है. लेकिन रिम्स के न्यूरो ओपीडी में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. यदि प्रतिदिन 100 मरीज न्यूरो विभाग में दिखाने पहुंचते थे, तो बढ़ती गर्मी की वजह से प्रतिदिन 150 से 175 मरीज न्यूरो ओपीडी में पहुंच रहे हैं.

लोगों को मानसिक बीमारियों की चपेट में आने से बचाने के लिए मनोरोग विशेषज्ञ सुझाव देते हुए बताते हैं कि बिना जरूरी काम के धूप में ना निकले, यदि धूप में निकलना मजबूरी है तो ठंडा पानी और पूरा कपड़ा अवश्य पहने. जिससे कड़ी धूप और तापमान से बचाव हो सके.

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रांची: रिम्स के न्यूरो विभाग में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. रिम्स न्यूरो विभाग के चिकित्सक डॉक्टर रुपेश बताते हैं कि अमूमन गर्मी के मौसम में लोग अस्पताल नहीं पहुंचते हैं. गर्मी की वजह से लोगों को कई अन्य शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. इसीलिए ज्यादातर लोग गर्मी के मौसम में अस्पताल या फिर कहीं जाने से परहेज करते हैं.

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इस वर्ष की यदि बात करें तो रिम्स के न्यूरो विभाग में मरीजों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है. डिप्रेशन (depression), एंजाएटी (anxiety) के साथ-साथ न्यूरो से जुड़ी कई बीमारियों की शिकायत लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.

राजधानी के प्रख्यात मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक प्रसाद बताते हैं कि जिस प्रकार से गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है. उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि हाल फिलहाल में किए गए एक रिसर्च के अनुसार अत्यधिक डिहाइड्रेशन होने की वजह से शरीर का खून मोटा हो जाता है. खून मोटा होने के कारण ब्लड के थक्के जमने लगते हैं. जो हार्ट अटैक और न्यूरो से संबंधित बीमारियों को बढ़ावा देता है.

राजधानी के प्रख्यात मनोरोग विशेषज्ञ डॉ अशोक प्रसाद बताते हैं कि यदि शरीर में पानी की कमी होती है और तापमान अत्यधिक है तो निश्चित रूप से न्यूरो से जुड़े बीमारियों को बढ़ावा मिलता है. इन दिनों लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण कई ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें चिड़चिड़ापन की शिकायत है तो कोई बिना मतलब के गुस्सा करते नजर आता है.

वहीं रिम्स के न्यूरो विभाग में कार्यरत चिकित्सक डॉ. रुपेश बताते हैं कि गर्मी का मौसम आते ही सबसे ज्यादा माइग्रेन के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. वहीं डॉक्टर रुपेश ने बताया कि वैसे भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जिनकी नसों में परेशानी है. लेकिन सबसे ज्यादा सिर दर्द से जुड़े मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं.

वहीं रिम्स के कर्मचारियों ने भी बताया कि बढ़ती गर्मी की वजह से अन्य विभागों में मरीजों की संख्या जरूर कम है. लेकिन रिम्स के न्यूरो ओपीडी में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. यदि प्रतिदिन 100 मरीज न्यूरो विभाग में दिखाने पहुंचते थे, तो बढ़ती गर्मी की वजह से प्रतिदिन 150 से 175 मरीज न्यूरो ओपीडी में पहुंच रहे हैं.

लोगों को मानसिक बीमारियों की चपेट में आने से बचाने के लिए मनोरोग विशेषज्ञ सुझाव देते हुए बताते हैं कि बिना जरूरी काम के धूप में ना निकले, यदि धूप में निकलना मजबूरी है तो ठंडा पानी और पूरा कपड़ा अवश्य पहने. जिससे कड़ी धूप और तापमान से बचाव हो सके.

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