रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में शुक्रवार (23 जुलाई) को 11 जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका (Contempt Petition) पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं किए जाने पर जवाब मांगा. कोर्ट ने सचिव को 4 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया और पूछा कि आप पर क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए.
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शिक्षा सचिव को शो-कॉज जारी
झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायाधीश एसके द्विवेदी की अदालत में गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति (Appointment of Teachers) के मामले में दाखिल अवमाननावाद याचिका (Contempt Petition) पर सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव को शो-कॉज (Show Cause) नोटिस जारी किया. मामले में अदालत ने पूछा कि अब तक कोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया. इस मामले में अगली सुनवाई अब 4 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.
कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
इस संबंध में संस्कृत शिक्षकों की ओर से प्रदीप कुमार पांडेय और इतिहास के शिक्षकों की ओर से संजय कुमार ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बताया कि सोनी कुमारी मामले के आदेश के पैरा-66 के तहत अदालत ने सरकार को गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर 8 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था, लेकिन उक्त अवधि बीतने के बाद भी सरकार की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक नहीं
बता दें कि हाल ही में इससे जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में कहा था कि गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक नहीं है. ऐसे में अनुसुचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए. इस पर अदालत ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने सचिव से पूछा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया.