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छठी जेपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी, गुरुवार को आ सकता है अहम फैसला - Jharkhand News

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में छठी जेपीएससी रिवाइज्ड रिजल्ट के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की ओर अपनी-अपनी दलील दी गई, बहस पूरी नहीं होने के कारण 28 जुलाई को फिर मामले में सुनवाई होगी.

Hearing in the Supreme Court in the 6th JPSC Revised Result case
Hearing in the Supreme Court in the 6th JPSC Revised Result case
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Published : Jul 27, 2022, 6:32 PM IST

रांची: छठी जेपीएससी रिवाइज्ड रिजल्ट के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई हुई. पिछले दो दिनों से इस मामले में शीर्ष अदालत में बहस चल रही है. बुधवार को फिर मामले की सुनवाई होगी. बुधवार को मामले में अहम फैसला आ सकता है. अदालत के आदेश के आलोक में प्रतिवादी की ओर से लिखित प्रतिवेदन पेश किया गया. उस प्रतिवेदन पर अब कल विस्तृत सुनवाई होनी है, फिलहाल सबकी नजर आने वाले फैसले पर टिकी हुई है.

ये भी पढ़ें- छठी जेपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, रिवाइज्ड रिजल्ट को लेकर दायर की गई थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शुभाशीष सोरेन ने अदालत के आदेश के आलोक में लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. पूर्व में उन्होंने अदालत को बताया था कि पेपर वन का मार्क रिटेन एग्जाम के दौरान ही जोड़ा जाना चाहिए ताकि उस आधार पर अन्य अभ्यर्थी को भी साक्षात्कार में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार या जेपीएससी ने किसी भी तरह के सर्कुलर में कोई बदलाव नहीं किया है, जिस पर अदालत ने उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा था.


रिजल्ट में बाहर किए गए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखा. मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखते हुए जेपीएससी के द्वारा रिवाइज रिजल्ट के मार्किंग पैटर्न को सही बताया है. वहीं, वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने कई बार अपना स्टैंड बदला है इसलिए पेपर वन का अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ सकता इसके लिए कई बाध्यताएं हैं. वहीं पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

रांची: छठी जेपीएससी रिवाइज्ड रिजल्ट के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई हुई. पिछले दो दिनों से इस मामले में शीर्ष अदालत में बहस चल रही है. बुधवार को फिर मामले की सुनवाई होगी. बुधवार को मामले में अहम फैसला आ सकता है. अदालत के आदेश के आलोक में प्रतिवादी की ओर से लिखित प्रतिवेदन पेश किया गया. उस प्रतिवेदन पर अब कल विस्तृत सुनवाई होनी है, फिलहाल सबकी नजर आने वाले फैसले पर टिकी हुई है.

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शुभाशीष सोरेन ने अदालत के आदेश के आलोक में लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. पूर्व में उन्होंने अदालत को बताया था कि पेपर वन का मार्क रिटेन एग्जाम के दौरान ही जोड़ा जाना चाहिए ताकि उस आधार पर अन्य अभ्यर्थी को भी साक्षात्कार में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार या जेपीएससी ने किसी भी तरह के सर्कुलर में कोई बदलाव नहीं किया है, जिस पर अदालत ने उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा था.


रिजल्ट में बाहर किए गए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखा. मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखते हुए जेपीएससी के द्वारा रिवाइज रिजल्ट के मार्किंग पैटर्न को सही बताया है. वहीं, वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने कई बार अपना स्टैंड बदला है इसलिए पेपर वन का अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ सकता इसके लिए कई बाध्यताएं हैं. वहीं पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

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