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मनी लाउंड्रिंग मामले की ED के विशेष कोर्ट में हुई सुनवाई, आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

रांची में मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामले की ईडी के विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में अदालत ने स्मार्ट पीपुल्स डेवलपर्स के निदेशक राम प्रताप वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी. राम प्रताप वर्मा पर जमीन और फ्लैट देने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है.

Hearing in money laundering case in special court of ED
मनी लाउंड्रिंग मामले की ED के विशेष कोर्ट में हुई सुनवाई
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Published : Jul 17, 2020, 9:19 PM IST

रांची: सिविल कोर्ट रांची स्थित ईडी के विशेष जज अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को स्मार्ट पीपुल्स डेवलपर्स के निदेशक राम प्रताप वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित राम प्रताप वर्मा पूर्व में संजीवनी बिल्डकॉन से जुड़ा था. अदालत में मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. राम प्रताप वर्मा पर फ्लैट और जमीन के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है.

बता दें कि 65.48 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग के आरोप में ईडी ने चार्टशीड दाखिल की थी. मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में संजीवनी बिल्डकॉन के एमडी जेडी नंदी, उसकी दोनों पत्नी, श्याम किशोर गुप्ता, वर्मा समेत 8 आरोपी नामजद हैं.

ये भी पढ़ें: नगर विकास विभाग में पहुंचा कोरोना, एक कर्मचारी संक्रमित

22 जून को दाखिल हुई थी याचिका

मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी राम प्रताप वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने पर अपराध गंभीर प्रकृति का मालूम होता है. इससे आरोपी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. शुक्रवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज की. ईडी की ओर से विशेष वरीय लोक अभियोजक एसआर दास ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता 65.45 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग मामले का सह-अभियुक्त है. दाखिल चार्जशीट में जमीन-फ्लैट के नाम पर निर्दोष लोगों से मोटी रकम ऐंठकर मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप की पुष्टि हुई है, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता पर किसी प्रकार से मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं बनता है. आरोपी की ओर से 22 जून को याचिका दाखिल की गई थी.

रांची: सिविल कोर्ट रांची स्थित ईडी के विशेष जज अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को स्मार्ट पीपुल्स डेवलपर्स के निदेशक राम प्रताप वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित राम प्रताप वर्मा पूर्व में संजीवनी बिल्डकॉन से जुड़ा था. अदालत में मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. राम प्रताप वर्मा पर फ्लैट और जमीन के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है.

बता दें कि 65.48 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग के आरोप में ईडी ने चार्टशीड दाखिल की थी. मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में संजीवनी बिल्डकॉन के एमडी जेडी नंदी, उसकी दोनों पत्नी, श्याम किशोर गुप्ता, वर्मा समेत 8 आरोपी नामजद हैं.

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22 जून को दाखिल हुई थी याचिका

मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी राम प्रताप वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने पर अपराध गंभीर प्रकृति का मालूम होता है. इससे आरोपी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. शुक्रवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज की. ईडी की ओर से विशेष वरीय लोक अभियोजक एसआर दास ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता 65.45 करोड़ रुपये के मनी लाउंड्रिंग मामले का सह-अभियुक्त है. दाखिल चार्जशीट में जमीन-फ्लैट के नाम पर निर्दोष लोगों से मोटी रकम ऐंठकर मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप की पुष्टि हुई है, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता पर किसी प्रकार से मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं बनता है. आरोपी की ओर से 22 जून को याचिका दाखिल की गई थी.

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