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मनरेगा घोटाला, शेल कंपनी और माइनिंग लीज मामले में पौने चार घंटे तक हुई बहस, हाईकोर्ट में 5 जुलाई को फिर होगी सुनवाई - कपिल सिब्बल

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े माइनिंग लीज और शेल कंपनियों के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से राजीव कुमार और बचाव पक्ष की ओर से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

Hearing in Jharkhand High Court in case of mining lease and shell companies
Hearing in Jharkhand High Court in case of mining lease and shell companies
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Published : Jun 30, 2022, 8:10 PM IST

Updated : Jun 30, 2022, 8:37 PM IST

रांची: मनरोगा घोटाला के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरन के नाम माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में भागीदारी से जुड़ी याचिका के मेरिट पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एस एन प्रसाद की अदालत में करीब पौने चार घंटे तक बहस चली. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपना पक्ष रखा. उनकी दलील पूरी होने के बाद राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा. लेकिन उनकी बात पूरी नहीं हुई. इसलिए सुनवाई की अगली तारीख 5 जुलाई तय की गई है. उसी दिन कपिल सिब्बल अपनी बात पूरी करेंगे. इसके बाद सीएम की तरफ से मीनाक्षी अरोड़ा और ईडी के वकील अपनी दलील पेश करेंगे.

ये भी पढ़ें- खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई, सीएम हेमंत सोरेन की ओर से मांगा गया वक्त

30 जून को सुबह साढ़े दस बजे वर्जुअल माध्यम से सुनवाई शुरु हुई. याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि अरूण कुमार दुबे के मनरेगा घोटाला से जुड़े पीआईएल के अलावा सीएम की शेल कंपनियों में भागीदारी और खनन लीज मामले को लेकर शिवशंकर शर्मा की तरफ दायर याचिका पर दलील पूरी हो चुकी है. राज्य सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल की दलील अधूरी रह गई. वह मंगलवार को अपनी दलील पूरी करेंगे. इसके बाद सीएम और ईडी की तरफ से पक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में अभिषेक श्रीवास्तव और पंकज कुमार के रोल पर बात रखी गई.

अधिवक्ता राजीव कुमार

बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता का आरोप बेबुनियाद है. शेल कंपनी में सीएम की कोई भागीदारी नहीं है. वह किसी भी बिजनेस में कनेक्टेड नहीं हैं. इसके अलावा सोहराय लाइव स्टॉक मामले में सीएम की पत्नी के नाम से 11 एकड़ जरूर लिया गया था लेकिन उसे वापस कर दिया गया है. ग्रेंड्स माइनिंग पर भी बचाव पक्ष ने कहा कि याचिकर्ता की तरफ से जो फिगर दिखाया गया है, वह सही नहीं हैं. आज सीएम से जुड़े माइनिंग मामले पर बचाव पक्ष की तरफ से दलील नहीं रखी गयी है. आज एक आईए भी दायर किया गया था. इसपर भी मंगलवार को सुनवाई होगी.

कपिल सिब्बल ने कहा कि तीनों मामलों को लेकर जितने भी आरोप लगाए गये हैं, उसका कोई आधार नहीं है. कोई डाक्यूमेंट भी नहीं है. कोर्ट को गुमराह किया गया है. गलत तथ्य दिए गये हैं. उदाहरण के तौर पर रांची के रामेश्वरम में जमीन कब्जा की बात कही गई है. लेकिन यहा मामला पहले से एक कोर्ट में चल रहा है. उस मामले को पीआईएल में डाला गया है . मेडिका अस्पताल के पास जमीन कब्जा का भी आरोप लगाया गया है. वह मामला भी कोर्ट में पहले से चल रहा है. बजरा में भी जमीन का मामला है. वह भी पहले से कोर्ट में चल रहा है. इस तरह के आरोपों से पहले एफआईआर कराना चाहिए. जब सरकार इंक्वायरी नहीं कराती, तब उन्हें कोर्ट में आना था. पीआईएल का मकसद इंसाफ के लिए नहीं प्रतीत हो रहा है. नई शराब नीति पर भी सवाल उठाया गया है, जो बेबुनियाद है. उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि जबतक कोई ठोस साक्ष्य न हो, तबतक किसी भी तरह की जांच का आदेश देना ठीक नहीं रहेगा. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष या कंपनी के खिलाफ जांच की बात नहीं होगी. जांच सिर्फ अपराध के खिलाफ होगी.

रांची: मनरोगा घोटाला के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरन के नाम माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में भागीदारी से जुड़ी याचिका के मेरिट पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एस एन प्रसाद की अदालत में करीब पौने चार घंटे तक बहस चली. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपना पक्ष रखा. उनकी दलील पूरी होने के बाद राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा. लेकिन उनकी बात पूरी नहीं हुई. इसलिए सुनवाई की अगली तारीख 5 जुलाई तय की गई है. उसी दिन कपिल सिब्बल अपनी बात पूरी करेंगे. इसके बाद सीएम की तरफ से मीनाक्षी अरोड़ा और ईडी के वकील अपनी दलील पेश करेंगे.

ये भी पढ़ें- खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई, सीएम हेमंत सोरेन की ओर से मांगा गया वक्त

30 जून को सुबह साढ़े दस बजे वर्जुअल माध्यम से सुनवाई शुरु हुई. याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि अरूण कुमार दुबे के मनरेगा घोटाला से जुड़े पीआईएल के अलावा सीएम की शेल कंपनियों में भागीदारी और खनन लीज मामले को लेकर शिवशंकर शर्मा की तरफ दायर याचिका पर दलील पूरी हो चुकी है. राज्य सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल की दलील अधूरी रह गई. वह मंगलवार को अपनी दलील पूरी करेंगे. इसके बाद सीएम और ईडी की तरफ से पक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में अभिषेक श्रीवास्तव और पंकज कुमार के रोल पर बात रखी गई.

अधिवक्ता राजीव कुमार

बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता का आरोप बेबुनियाद है. शेल कंपनी में सीएम की कोई भागीदारी नहीं है. वह किसी भी बिजनेस में कनेक्टेड नहीं हैं. इसके अलावा सोहराय लाइव स्टॉक मामले में सीएम की पत्नी के नाम से 11 एकड़ जरूर लिया गया था लेकिन उसे वापस कर दिया गया है. ग्रेंड्स माइनिंग पर भी बचाव पक्ष ने कहा कि याचिकर्ता की तरफ से जो फिगर दिखाया गया है, वह सही नहीं हैं. आज सीएम से जुड़े माइनिंग मामले पर बचाव पक्ष की तरफ से दलील नहीं रखी गयी है. आज एक आईए भी दायर किया गया था. इसपर भी मंगलवार को सुनवाई होगी.

कपिल सिब्बल ने कहा कि तीनों मामलों को लेकर जितने भी आरोप लगाए गये हैं, उसका कोई आधार नहीं है. कोई डाक्यूमेंट भी नहीं है. कोर्ट को गुमराह किया गया है. गलत तथ्य दिए गये हैं. उदाहरण के तौर पर रांची के रामेश्वरम में जमीन कब्जा की बात कही गई है. लेकिन यहा मामला पहले से एक कोर्ट में चल रहा है. उस मामले को पीआईएल में डाला गया है . मेडिका अस्पताल के पास जमीन कब्जा का भी आरोप लगाया गया है. वह मामला भी कोर्ट में पहले से चल रहा है. बजरा में भी जमीन का मामला है. वह भी पहले से कोर्ट में चल रहा है. इस तरह के आरोपों से पहले एफआईआर कराना चाहिए. जब सरकार इंक्वायरी नहीं कराती, तब उन्हें कोर्ट में आना था. पीआईएल का मकसद इंसाफ के लिए नहीं प्रतीत हो रहा है. नई शराब नीति पर भी सवाल उठाया गया है, जो बेबुनियाद है. उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि जबतक कोई ठोस साक्ष्य न हो, तबतक किसी भी तरह की जांच का आदेश देना ठीक नहीं रहेगा. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष या कंपनी के खिलाफ जांच की बात नहीं होगी. जांच सिर्फ अपराध के खिलाफ होगी.

Last Updated : Jun 30, 2022, 8:37 PM IST
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