रांची: झारखंड में दलबदल को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.
बाबूलाल मरांडी के वकील कुमार हर्ष ने बताया कि दलबदल कानून के तहत बाबूलाल मरांडी को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने नोटिस दिया था, नोटिस को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसपर हाई कोर्ट ने आदेश पारित किया था कि जो प्रोसिडिंग विधानसभा अध्यक्ष के पास है उसे स्टे किया जाए, उसी आदेश को विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है.
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क्या है पूरा मामला
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने बीजेपी में जेवीएम के विलय पर स्वतः संज्ञान लेते हुए बाबूलाल मरांडी को नोटिस जारी किया था. इस नोटिस को बाबूलाल मरांडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. बाबूलाल मरांडी ने दसवीं अनुसूची के तहत विधानसभा न्यायाधिकरण के ओर से लिए गए स्वत: संज्ञान को चुनौती देते हुए विधानसभा में 2006 के नियमावली का हवाला दिया. हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा कि बिना किसी शिकायत पर स्वतः संज्ञान लेकर नोटिस जारी करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को नहीं है. हाई कोर्ट के स्टे के कुछ घंटे बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भूषण तिर्की की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष ने बाबूलाल मरांडी को दोबारा नोटिस जारी किया. इसी बीच पहली नोटिस मामले में हाई कोर्ट के स्टे के बाद बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट में कैवियेट दाखिल कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.