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Bakoria Case: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बकोरिया कांड में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को बताया गलत, कहा- आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी

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Published : Apr 21, 2023, 7:40 AM IST

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. बकोरिया कांड को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने सीबीआई पर निशाना साधा है. बन्ना गुप्ता ने बकोरिया कांड में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी और आखिर में सत्य की ही जीत होगी.

Health Minister Banna Gupta over CBI closure report In Bakoria case
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रांचीः स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पलामू के बकोरिया कांड को लेकर सीबीआई द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किये हैं. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि पलामू के बकोरिया कांड में हुए चर्चित पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 10 निर्दोष व्यक्तियों, बच्चों की हत्या के दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज कांड में सीबीआई द्वारा फर्जी सबूत नहीं मिलने की बात कहकर क्लोजर रिपोर्ट फाइल करने को गंभीर मामला बताया है.

इसे भी पढ़ें- बकोरिया मुठभेड़: सीबीआई ने 700 से अधिक पेज में दी क्लोजर रिपोर्ट, पुलिस और सुरक्षाबलों को क्लीन चिट

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे ये भी साफ हो गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां सिर्फ एकतरफा काम करती हैं. उन्होंने कहा कि इससे साफ हो गया कि सीबीआई विपक्षी लोगों के विरुद्ध ही कार्रवाई करने में सक्षम है. मंत्री ने कहा कि बकोरिया कांड में दर्जनों गवाहों द्वारा गवाही दिए जाने, फॉरेंसिक, फोटोग्राफिक्स अन्य प्रकार के सबूत उपलब्ध होने के बावजूद सबूत नहीं मिलने की बात कहकर केस बंद कर देना दुःखद है. यह सीबीआई की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है.

मैं बकोरिया कांड के पीड़ितों के साथ खड़ा हूं- बन्ना गुप्ता: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सत्य की लड़ाई में हमारा पूर्ण समर्थन पीड़ित परिवारों के साथ है, उम्मीद है कि इसको लेकर आगे भी कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी और आखिर में सत्य की ही जीत होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सीबीआई द्वारा सिर्फ लीपापोती की गई है, इतने सारे गवाहों के बयान और सबूतों के बावजूद भी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना सीबीआई की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि लेकिन जब विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित करने की बात आती है तो सीबीआई रेस नजर आती है. लेकिन जब एक फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी को सजा दिलाने की बात आती है तो लगता है कि किसी के दवाब में आकर मामले को क्लोज कर दिया जाता है, यह बेहद निंदनीय है, न्याय के अंतिम सांस तक ये जंग लड़ी जाएगी.

जानिए, क्या था बकोरिया कांडः पलामू जिले के बकोरिया में 08 जून 2015 को एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 12 लोग मारे गए थे. इस एनकाउंटर में पुलिस ने 12 नक्सलियों को ढेर करने का दावा किया था. वहीं मृतक के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए हाई कोर्ट की शरण ली थी. सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले को 22 अक्टूबर 2018 को सीबीआई को सौंप दिया था. इस मुठभेड़ में मारे गए 12 लोगों में दो नाबालिग व एक पारा शिक्षक के भी शामिल होने की बात सामने आई थी. सीबीआई द्वारा फर्जी मुठभेड़ के सबूत नहीं मिलने की बात कहते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दिया.

रांचीः स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पलामू के बकोरिया कांड को लेकर सीबीआई द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किये हैं. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि पलामू के बकोरिया कांड में हुए चर्चित पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 10 निर्दोष व्यक्तियों, बच्चों की हत्या के दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज कांड में सीबीआई द्वारा फर्जी सबूत नहीं मिलने की बात कहकर क्लोजर रिपोर्ट फाइल करने को गंभीर मामला बताया है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे ये भी साफ हो गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां सिर्फ एकतरफा काम करती हैं. उन्होंने कहा कि इससे साफ हो गया कि सीबीआई विपक्षी लोगों के विरुद्ध ही कार्रवाई करने में सक्षम है. मंत्री ने कहा कि बकोरिया कांड में दर्जनों गवाहों द्वारा गवाही दिए जाने, फॉरेंसिक, फोटोग्राफिक्स अन्य प्रकार के सबूत उपलब्ध होने के बावजूद सबूत नहीं मिलने की बात कहकर केस बंद कर देना दुःखद है. यह सीबीआई की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है.

मैं बकोरिया कांड के पीड़ितों के साथ खड़ा हूं- बन्ना गुप्ता: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सत्य की लड़ाई में हमारा पूर्ण समर्थन पीड़ित परिवारों के साथ है, उम्मीद है कि इसको लेकर आगे भी कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी और आखिर में सत्य की ही जीत होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सीबीआई द्वारा सिर्फ लीपापोती की गई है, इतने सारे गवाहों के बयान और सबूतों के बावजूद भी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना सीबीआई की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि लेकिन जब विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित करने की बात आती है तो सीबीआई रेस नजर आती है. लेकिन जब एक फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी को सजा दिलाने की बात आती है तो लगता है कि किसी के दवाब में आकर मामले को क्लोज कर दिया जाता है, यह बेहद निंदनीय है, न्याय के अंतिम सांस तक ये जंग लड़ी जाएगी.

जानिए, क्या था बकोरिया कांडः पलामू जिले के बकोरिया में 08 जून 2015 को एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 12 लोग मारे गए थे. इस एनकाउंटर में पुलिस ने 12 नक्सलियों को ढेर करने का दावा किया था. वहीं मृतक के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए हाई कोर्ट की शरण ली थी. सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले को 22 अक्टूबर 2018 को सीबीआई को सौंप दिया था. इस मुठभेड़ में मारे गए 12 लोगों में दो नाबालिग व एक पारा शिक्षक के भी शामिल होने की बात सामने आई थी. सीबीआई द्वारा फर्जी मुठभेड़ के सबूत नहीं मिलने की बात कहते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दिया.

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