रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में राज्य भर के गरीब मरीज स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर आते हैं. क्योंकि यहां पर सरकारी स्तर पर मरीजों का इलाज किया जाता है. रिम्स में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राज्य के सभी बड़े अधिकारी रिम्स में व्यवस्था मुकम्मल कराने में जुटे रहते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसी कमियां होती हैं, जो मरीजों और रिम्स में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए परेशानी का कारण बन जाती हैं.
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मंगलवार को कुछ ऐसी ही समस्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री की नजर में आई, जब वे रिम्स का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसे देख स्वास्थ्य मंत्री भड़क गए और उन्होंने यह कह दिया कि अगर चार दिनों के अंदर इस समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वह खुद रिम्स पहुंचकर लोगों की समस्या के समाधान के लिए काम करेंगे.
दरअसल, एक कार्यक्रम में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री की नजर रिम्स के ट्रॉमा सेंटर के बाहर नाली से निकल रहे गंदे पानी पड़ गई. जिसे देख स्वास्थ्य मंत्री बिफर गए और उन्होंने बीच कार्यक्रम में ही रिम्स निदेशक डॉ राजीव गुप्ता को निर्देश देते हुए कहा कि अगर चार दिनों के अंदर नाली का काम व्यवस्थित नहीं होता है तो वह खुद नाली में उतरकर काम करेंगे. इसके अलावा उन्होंने ओल्ड इमरजेंसी के पास बने टूटे-फूटे पार्क को लेकर भी नाराजगी जताई और स्पष्ट कह दिया कि जल्द से जल्द उसे व्यवस्थित कराएं.
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वह कटिबद्ध हैं. स्वास्थ्य विभाग का कप्तान होने के नाते वह खुद भी अपनी हर जिम्मेदारी के प्रति गंभीर हैं. अपने अधिकारियों से भी उम्मीद करते हैं कि समाज के अंतिम वर्ग तक बैठे लोगों को स्वास्थ्य व्यवस्था पूर्ण रूप से पहुंचाएं. जब तक समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा नहीं पहुंचेगी तब तक हम स्वस्थ राज्य की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं.