रांचीः देश के कई हिस्सों के साथ-साथ झारखंड में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. राजधानी रांची में ही आठ कोरोना संक्रमित हैं तो राज्यभर में 18 नए कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं. ऐसे में शनिवार 1 अप्रैल को राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल की जाएगी.
रिम्स और सदर अस्पताल में मॉक ड्रिलः रांची के सदर अस्पताल और रिम्स में सुबह 10 बजे के बाद मॉक ड्रिल में एक डमी कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी मिलते ही उसे एंबुलेंस में अस्पताल लाकर इमरजेंसी में भर्ती कराने, जांच करने और तत्काल इलाज शुरू करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को परखा जाएगा. इस दौरान पीएसएम मशीन और वेंटिलेटर को भी स्टार्ट किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपात स्थिति में कोरोना से निपटने के लिए हमारी व्यवस्था कितनी तैयार है.
क्यों मॉक ड्रिल करने की पड़ी जरूरतः भारत में ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट XBB 1.16 की वजह से भारत में कोरोना के नए केस तेजी से मिले हैं. पिछले दिनों देश में कोरोना से मौतें भी हुई हैं. झारखंड में भी छह जिलों में कोरोना के एक्टिव केस मिले हैं. जिसमें सबसे अधिक 11 कोरोना संक्रमित जमशेदपुर में, देवघर में दो, धनबाद में एक, रामगढ़ में एक, पश्चिमी सिंहभूम में एक और रांची में आठ नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं.
अपनी तैयारियों को परखेगा स्वास्थ्य विभागः इस संबंध में रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि विभाग से मिले निर्देशों के अनुसार शनिवार को सदर अस्पताल रांची में कोरोना को लेकर मॉकड्रिल की जाएगी. इस दौरान अन्य सीएचसी में भी मॉक ड्रिल होगी. डॉ विनोद कुमार ने कहा कि इस तरह के मॉक ड्रिल दरअसल अपनी तैयारियों को परखने और कमियों को जानकर उसमें सुधार का मौका देता है. जिस तरह से देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं और नए सब वैरिएंट मिले हैं इस तरह की मॉकड्रिल बेहद फायदेमंद होगा.
लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की जरूरतः वहीं रांची के प्रख्यात इंटरनल मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ एके झा ने कहा कि कोरोना का खतरा उन लोगों में ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है जो फेफड़े या किसी अन्य बीमारी से पहले से ग्रसित होते हैं. उन्होंने कहा कि वैसे लोग जिन्होंने वैक्सीन का डोज कंप्लीट नहीं किया है उनको भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है. ऐसे में पूर्व में भी मॉक ड्रिल हुई थी. एक बार और इसकी तैयारी है. डॉ एके झा ने बताया कि वैसे तो हार्ड इम्युनिटी की वजह से राज्य में बड़ी आबादी में एंटीबॉडी तैयार है. उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के साथ-साथ वैक्सीनेशन, मास्क का इस्तेमाल, दो गज की दूरी और सर्दी-खांसी के साथ बुखार होने पर कोरोना जांच कराना आज भी जरूरी है.