रांची: हजारीबाग के बड़कागांव स्थित पसेरिया में संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी रोहाने कोल कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 यानी सीएनटी की धारा 49(5) के तहत पीठासीन पदाधिकारी सह मंत्री चंपई सोरेन के न्यायालय ने जमीन अधिग्रहण के लिए किए गए एकरार के तहत काम नहीं करने के कारण रैयतों को जमीन वापस लौटाने का आदेश दिया है.
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रोहाने कोल कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड, भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड और जय बालाजी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की भी हिस्सेदारी है. न्यायालय के इस फैसले से कंपनी को सात रैयतों से अधिग्रहित की गई है, 56.88 एकड़ जमीन लौटानी होगी. इस मामले पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में जमीन को लेकर अक्सर विवाद होते रहा है, इस विवाद निजात पाने के लिए राजस्व विभाग तेज गति से काम कर रही है, झारखंड सरकार बहुत जल्द हर जमीनों की यूनिक आईडी नंबर जेनरेट करने जा रही है.
रैयत का नाम और जमीन का डिटेल
1. हाकिम सोरेन - 5.29 एकड़
2. फागु मांझी - 3.49 एकड़
3. देमका मांझी - 1.60 एकड़
4. करमो देवी - 17.28 एकड़
5. अजय सोरेन - 20.46 एकड़
6. जगदीश मांझी - 5.10 एकड़
7. राजेंद्र सोरेन - 3.66 एकड़
न्यायालय के इस फैसले से रैयत बहुत खुश हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएनटी की धारा 49 (5) के तहत मंत्री चंपई सोरेन को पीठासीन पदाधिकारी बनाया है. इस मौके पर सभी प्रभावित रही एक प्रोजेक्ट भवन पहुंचे थे और कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार के प्रति आभार जताया.