रांचीः लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान पवित्रता का विशेष ख्याल रखा जाता है. अस्ताचलगामी और उदीयमान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए छठ व्रतियों के परिवार के लोग स्वच्छ और सुरक्षित घाटों पर पूजा करना चाहते हैं. इस मामले में पुराने विधानसभा के पास मत्स्य विभाग की ओर से मछली पालन के लिए बनाए गए 22 कृत्रिम तालाब सबसे बेहतर माने जाते हैं.
इन तलाबों के चारों तरफ घेराबंदी के कारण यह इलाका सुरक्षित है. वहींं, तालाबों का पानी भी स्वच्छ रहता है साथ ही तालाब के किनारे केले के पेड़ इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं. हर साल धुर्वा के अलावा रांची के कोने-कोने से लोग यहां के तालाबों में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए पहुंचते हैं. इन तालाबों में कम पानी की वजह से छठ व्रतियों के लिए किसी तरह का कोई खतरा भी नहीं होता है. मिट्टी के कच्चे घाट को छठ व्रतियों के परिवार के लोग अपने स्तर से तैयार करते हैं. कई तालाबों में एक्वेरियम की शोभा बढ़ाने वाली रंगीन मछलियां भी पाली गई है जो आस्था के इस पर्व की साक्षी बनती हैं.
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ईटीवी भारत की टीम ने इन तालाबों के तट पर घाट बनाने में जुटे लोगों से बातचीत की, जहां आम लोगों ने यहां की व्यवस्था पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि घाट पर सिर्फ रांची ही नहीं बल्कि बिहार और पश्चिम बंगाल से भी छठ व्रति अर्घ देने के लिए पहुंचते हैं.