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कोरोना इफेक्टः फल की कीमतों में उछाल, खरीदारी करना हुआ मुहाल

कोरोना के बढ़ने प्रकोप का असर अब बाजार पर साफ दिखाई दे रहा. साधारण जनमानस स्वस्थ रहने के लिए फलों का सेवन कर तो रहे हैं. लेकिन बढ़ी कीमतों की की वजह से खरीदारी में कमी आई है. इसके अलावा नवरात्रि और रमजान को लेकर भी लोगों की फल आम आदमी की पहुंच से दूर होता दिखाई दे रहा है.

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फल की कीमतों में उछाल
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Published : Apr 15, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Apr 15, 2021, 9:14 PM IST

रांचीः देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इस महामारी से बचाव को लेकर देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. जिसका प्रभाव छोटे-बड़े सभी वर्ग के व्यापारियों पर पड़ने लगा है. जिसका सीधा असर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- यातायात से बढ़ेगा कोरोना संक्रमण! रेल मंडल ने की व्यापक व्यवस्था

इस वक्त लोग इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए फलों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरी तरफ नवरात्रि और रमजान को लेकर भी फल की डिमांड बढ़ गई है. इस वजह से फल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. राजधानी रांची में छोटे-बड़े फल मंडी से रांची समेत कई दूसरे जिलों में फल की आपूर्ति की जाती है. दूसरे दौर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप से फलों का आयात कम होने से कीमतें बढ़ रही है.

थोक विक्रेता की मानें तो रमजान और नवरात्रि को लेकर लोग फल का इस्तेमाल खूब करते हैं. इसको लेकर हमने स्टॉक रखा है. ग्राहकों की पसंद को रूझान को देखते हुए फल भी रखे गए हैं. लेकिन फलों की कीमत में बढ़ोतरी और कोरोना की वजह से लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं. इस वजह से खरीदारी में कमी आई है.

मौसमी फलों की डिमांड

झारखंड में गर्मी के मौसम में तरबूज-खरबूज को छोड़कर कोई भी मौसमी फल की पैदावार बड़े पैमाने पर नहीं होती है. जबकि इस समय मौसमी फल की मांग काफी बढ़ जाती है. आम, अंगूर, सेब केला, संतरा जैसे फल दूसरे राज्यों से आयात कर यहां आपूर्ति की जाती है. इन मौसमी फल का आयात बड़े पैमाने पर होगी तभी फलों की डिमांड पूरी की जा सकती है.


खुदरा बाजार में फल की कीमत/रुपया प्रति किलोग्राम

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फल के दाम

इसे भी पढ़ें- कोरोना के प्रति जागरूक हो रहे राजधानी रांची के लोग, ईटीवी भारत की टीम ने रातू रोड चौराहा का लिया जायजा

आयात करने पर फल के दाम बढ़े

कोरोना महामारी के मद्देनजर फल की कीमत में उछाल आई है. दूसरी तरफ नवरात्रि और रमजान का पाक महीना भी शुरू हो गया है. इस वजह से फल की डिमांड बढ़ गई है. लोगों को फल आसानी से मिले इसको लेकर खुदरा फल विक्रेता दूसरे जिलों से फल मंगा कर बेच रहे हैं. खुदरा फल विक्रेताओं की मानें तो दूर-दराज से फल मंगाने में ट्रांसपोर्ट चार्ज लगने से फलों की लागत बढ़ गई है. जिसको लेकर कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है. क्योंकि इस वक्त फल दूसरे राज्यों से आ रहे हैं या फिर स्टोर में रखे फल बाजार में मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल से ही फल का बाजार खराब है, बचत बिल्कुल ना के बराबर होता है. फल की कीमत बढ़ने से लोग फल कम मात्रा में खरीदते हैं.

लोग कम ही कर रहे हैं खरीदारी

फल खरीदारों की मानें तो त्योहार में फल का महत्व काफी बढ़ जाता है. नवरात्रि हो या फिर रमजान, इन मौकों पर श्रद्धालु फल ही खाते हैं. वहीं कोरोना महामारी के मद्देनजर भी फल की काफी आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में कीमत कम हो या ज्यादा, फल तो खरीदना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फल खरीदते समय काफी सतर्कता बरत रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं दुकान के फल के जरिए संक्रमण घर तक ना पहुंच जाए.

रांचीः देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इस महामारी से बचाव को लेकर देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. जिसका प्रभाव छोटे-बड़े सभी वर्ग के व्यापारियों पर पड़ने लगा है. जिसका सीधा असर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है.

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इस वक्त लोग इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए फलों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरी तरफ नवरात्रि और रमजान को लेकर भी फल की डिमांड बढ़ गई है. इस वजह से फल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. राजधानी रांची में छोटे-बड़े फल मंडी से रांची समेत कई दूसरे जिलों में फल की आपूर्ति की जाती है. दूसरे दौर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप से फलों का आयात कम होने से कीमतें बढ़ रही है.

थोक विक्रेता की मानें तो रमजान और नवरात्रि को लेकर लोग फल का इस्तेमाल खूब करते हैं. इसको लेकर हमने स्टॉक रखा है. ग्राहकों की पसंद को रूझान को देखते हुए फल भी रखे गए हैं. लेकिन फलों की कीमत में बढ़ोतरी और कोरोना की वजह से लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं. इस वजह से खरीदारी में कमी आई है.

मौसमी फलों की डिमांड

झारखंड में गर्मी के मौसम में तरबूज-खरबूज को छोड़कर कोई भी मौसमी फल की पैदावार बड़े पैमाने पर नहीं होती है. जबकि इस समय मौसमी फल की मांग काफी बढ़ जाती है. आम, अंगूर, सेब केला, संतरा जैसे फल दूसरे राज्यों से आयात कर यहां आपूर्ति की जाती है. इन मौसमी फल का आयात बड़े पैमाने पर होगी तभी फलों की डिमांड पूरी की जा सकती है.


खुदरा बाजार में फल की कीमत/रुपया प्रति किलोग्राम

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फल के दाम

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आयात करने पर फल के दाम बढ़े

कोरोना महामारी के मद्देनजर फल की कीमत में उछाल आई है. दूसरी तरफ नवरात्रि और रमजान का पाक महीना भी शुरू हो गया है. इस वजह से फल की डिमांड बढ़ गई है. लोगों को फल आसानी से मिले इसको लेकर खुदरा फल विक्रेता दूसरे जिलों से फल मंगा कर बेच रहे हैं. खुदरा फल विक्रेताओं की मानें तो दूर-दराज से फल मंगाने में ट्रांसपोर्ट चार्ज लगने से फलों की लागत बढ़ गई है. जिसको लेकर कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है. क्योंकि इस वक्त फल दूसरे राज्यों से आ रहे हैं या फिर स्टोर में रखे फल बाजार में मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल से ही फल का बाजार खराब है, बचत बिल्कुल ना के बराबर होता है. फल की कीमत बढ़ने से लोग फल कम मात्रा में खरीदते हैं.

लोग कम ही कर रहे हैं खरीदारी

फल खरीदारों की मानें तो त्योहार में फल का महत्व काफी बढ़ जाता है. नवरात्रि हो या फिर रमजान, इन मौकों पर श्रद्धालु फल ही खाते हैं. वहीं कोरोना महामारी के मद्देनजर भी फल की काफी आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में कीमत कम हो या ज्यादा, फल तो खरीदना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फल खरीदते समय काफी सतर्कता बरत रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं दुकान के फल के जरिए संक्रमण घर तक ना पहुंच जाए.

Last Updated : Apr 15, 2021, 9:14 PM IST
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