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रांची के पॉश इलाके में चल रहा था फर्जीवाड़े का रैकेट, मनरेगा में नौकरी के नाम पर युवकों से की जा रही थी ठगी

रांची के अशोकनगर में मनरेगा के नाम पर ठगी का एक मामला सामना आया है. ठगी के आरोपी बेरोजगार युवकों से मनरेगा योजना के तहत नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये की ठगी कर रहे थे. पुलिस ने अशोक नगर कार्यालय को सील करते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है.

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Published : Aug 1, 2021, 9:46 AM IST

fraud racket
फर्जीवाड़े का रैकेट

रांची: राजधानी के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोकनगर इलाके से मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. शिकायत मिलने पर अरगोड़ा सीओ ने मनरेगा मजदूर विकास संगठन नाम के फर्जी कार्यालय को सील करते हुए कुल 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है.

ये भी पढ़ें- क्राइम से पहले ही 3 क्रिमिनल को रांची पुलिस ने किया गिरफ्तार, एक अपराधी गैंगस्टर कुणाल सिंह की हत्या का आरोपी

मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा

दरअसल रांची के वीआईपी इलाके में शुमार अशोक नगर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम पर एक फर्जी कार्यालय खोला गया था. जहां से नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से ठगी की जा रही थी. पुलिस को पूरे मामले की जानकारी तीन दिन पहले मिल गई थी. जिसके बाद इस फर्जी कार्यालय पर नजर रखा जा रहा था. शनिवार को इस कार्यालय पर छापेमारी के बाद कई फर्जी कागज बरामद किए गए हैं. इस कार्यालय में एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को नौकरी पर भी रखा गया था, जिन्हें अच्छी सैलरी देने का झांसा दिया गया था.

कैसे की जा रही थी ठगी

फर्जी मनरेगा कार्यालय में रोजगार योजना के तहत काम करने के लिए सैकड़ों आवेदन आए हुए थे, कागजातों की जांच के दौरान उसमें से मिले नंबरों पर सीओ के खुद बात करने पर पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया. आवेदन पत्रों में से कुछ आवेदकों से जब सीओ ने फोन पर संपर्क किया तब गिरिडीह निवासी रामप्रवेश कुमार देव ने बताया कि संगठन से उनसे प्रखंड प्रभारी के पद पर 11 हजार 575 रुपये सैलरी के अलावा भत्ता और मोबाइल खर्च देने का वादा कर किट उपलब्ध कराने के नाम पर 6150 रुपये की मांग की गयी थी. इसके अलावा धर्मेंद्र कुमार से भी नियुक्ति के नाम पर 7000 रुपये लिए गए थे. इन दोनों के अलावे भी कई लोगों से जांच के दौरान रुपये लेने की बात सामने आयी. जांच के दौरान पाया गया कि ठगी के आरोपियों ने मनरेगा शब्द का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के नाम पर युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है. छापेमारी के बाद कार्यालय को सील कर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

अरगोड़ा सीओ अरविंद कुमार ओझा की लिखित शिकायत पर मनरेगा मजदूर विकास संगठन के खिलाफ अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें संगठन के सदस्य बिहार के वैशाली जिला निवासी सुगंध कुमार, अभय कुमार, असीत सिंह, अभिषेक कुमार और मुजफ्फरपुर निवासी संजू देवी, प्रिंस कुमार के अलावा राजेश कुमार पर ठगी का आरोप लगाया गया है. अरगोड़ा सीओ ने पुलिस को बताया कि सीनियर पदाधिकारियों के निर्देश पर उन्होंने अशोकनगर रोड नंबर एक स्थित संगठन के कार्यालय की जांच की. जहां पर कुछ लोग मौजूद मिले. जिन्होंने पूछताछ के दौरान संगठन में विभिन्न पदों पर काम करने की जानकारी दी. जांच के दौरान कार्यालय के सभी कागजात फर्जी पाए गए. पुलिस की उपस्थिति में पूरे कार्यालय की तलाशी ली गई और वहां से कई फर्जी कागजात जब्त किए गए हैं.

रांची: राजधानी के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोकनगर इलाके से मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. शिकायत मिलने पर अरगोड़ा सीओ ने मनरेगा मजदूर विकास संगठन नाम के फर्जी कार्यालय को सील करते हुए कुल 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है.

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मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा

दरअसल रांची के वीआईपी इलाके में शुमार अशोक नगर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नाम पर एक फर्जी कार्यालय खोला गया था. जहां से नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से ठगी की जा रही थी. पुलिस को पूरे मामले की जानकारी तीन दिन पहले मिल गई थी. जिसके बाद इस फर्जी कार्यालय पर नजर रखा जा रहा था. शनिवार को इस कार्यालय पर छापेमारी के बाद कई फर्जी कागज बरामद किए गए हैं. इस कार्यालय में एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को नौकरी पर भी रखा गया था, जिन्हें अच्छी सैलरी देने का झांसा दिया गया था.

कैसे की जा रही थी ठगी

फर्जी मनरेगा कार्यालय में रोजगार योजना के तहत काम करने के लिए सैकड़ों आवेदन आए हुए थे, कागजातों की जांच के दौरान उसमें से मिले नंबरों पर सीओ के खुद बात करने पर पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया. आवेदन पत्रों में से कुछ आवेदकों से जब सीओ ने फोन पर संपर्क किया तब गिरिडीह निवासी रामप्रवेश कुमार देव ने बताया कि संगठन से उनसे प्रखंड प्रभारी के पद पर 11 हजार 575 रुपये सैलरी के अलावा भत्ता और मोबाइल खर्च देने का वादा कर किट उपलब्ध कराने के नाम पर 6150 रुपये की मांग की गयी थी. इसके अलावा धर्मेंद्र कुमार से भी नियुक्ति के नाम पर 7000 रुपये लिए गए थे. इन दोनों के अलावे भी कई लोगों से जांच के दौरान रुपये लेने की बात सामने आयी. जांच के दौरान पाया गया कि ठगी के आरोपियों ने मनरेगा शब्द का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के नाम पर युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है. छापेमारी के बाद कार्यालय को सील कर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

अरगोड़ा सीओ अरविंद कुमार ओझा की लिखित शिकायत पर मनरेगा मजदूर विकास संगठन के खिलाफ अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें संगठन के सदस्य बिहार के वैशाली जिला निवासी सुगंध कुमार, अभय कुमार, असीत सिंह, अभिषेक कुमार और मुजफ्फरपुर निवासी संजू देवी, प्रिंस कुमार के अलावा राजेश कुमार पर ठगी का आरोप लगाया गया है. अरगोड़ा सीओ ने पुलिस को बताया कि सीनियर पदाधिकारियों के निर्देश पर उन्होंने अशोकनगर रोड नंबर एक स्थित संगठन के कार्यालय की जांच की. जहां पर कुछ लोग मौजूद मिले. जिन्होंने पूछताछ के दौरान संगठन में विभिन्न पदों पर काम करने की जानकारी दी. जांच के दौरान कार्यालय के सभी कागजात फर्जी पाए गए. पुलिस की उपस्थिति में पूरे कार्यालय की तलाशी ली गई और वहां से कई फर्जी कागजात जब्त किए गए हैं.

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