रांची: एसबीआई और यूबीआई के 20 विभिन्न जगहों के एटीएम में राशि डालने के बजाए 4 करोड़ 7 लाख 53 हजार रुपए उड़ाने के मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों पुलिस ने जेल भेज दिया है. जेल जाने वालों में गिरोह का सरगना राजेश कुमार मेहता के अलावा विपिन कुमार उर्फ गणेश ठाकुर, सुभाष रजक उर्फ शिवम कुमार और सुरेश कुमार मेहता शामिल हैं.
वहीं, पुलिस फरार आरोपी की तलाश में छापेमारी कर रही है. गिरफ्तार चारों अपराधियों के पास से कुल 2 करोड़ 57 लाख 50 हजार रुपए बरामद किया गया है. इसमें दिल्ली में विपिन के पास से पुलिस ने 2.15 करोड़ और तीनों अपराधियों के पास से 42.50 लाख रुपए बरामद किया है. इस गिरोह के दो अन्य सदस्य पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. बताया जा रहा है कि फरार आरोपी बिहार का रहने वाला है.
मास्टरमाइंड का मास्टर प्लान
सदर पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड आरोपी राजेश कुमार मेहता है. उसने ही इस वारदात को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग की थी. मामले के पूछताछ में भी मास्टमाइंड राजेश ने इस बात को स्वीकारा है. इसी प्लानिंग के तहत गिरोह का सरगना राजेश ने दो फर्जी आधार और वोटर आइकार्ड बनवाया. उसी फर्जी दस्तावेज पर गिरोह का सदस्य गणेश ठाकुर ने एक महीने पहले एजेंसी में नौकरी हासिल की. पैसा उड़ाने की वारादत से एक सप्ताह पहले सुभाष रजक उर्फ शिवम कुमार ने भी उसी एजेंसी में नौकरी हासिल की. दोनों ने धनबाद में ट्रेनिंग ली. इसके बाद एक ही स्थान पर दोनों ने नौकरी भी किया. एटीएम में राशि डालने के दौरान दोनों ने लूट प्वाइंट का पता लगाया और गिरोह के सरगना को इसकी जानकारी दी.
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दो दिन के कैश को लेकर भागे तीनों
गिरोह का मास्टरमाइंड राजेश ने पुलिस को बताया कि एटीएम में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद फरार अभियुक्त रांची पहुंचे. एसबीआई और यूबीआई से एटीएम में डालने के लिए 12 और 13 दिसंबर को जो राशि मिली थी, उस राशि को दोनों ने एटीएम में नहीं डाला. सुभाष और विपिन के साथ फरार अभियुक्तों ने गबन की राशि लेकर रांची से कोलकाता चले गए. वहां से चारो दिल्ली गए. वहां पर कुछ पैसों का बंटवारा किया गया. दिल्ली में यह तय हुआ कि रकम का बंटवारा बाद में किया जाएगा. इसके बाद सभी अपने-अपने क्षेत्र लौट गए. अधिकतर रकम विपिन दिल्ली में ही रखा.
चारों को रिमांड पर लेगी पुलिस
सदर डीएसपी दीपक पांडेय ने बताया कि चारों अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लेगी. इस दौरान गिरोह के अन्य सदस्यों और इससे पहले और कितनी वारदात को अंजाम दिया है, इसकी भी जानकारी हासिल की जाएगी.