रांची: झारखंड की प्रकृति और संस्कृति पर हमला हो रहा है. झारखंड के कई जिलों में लव जिहाद का खेल चल रहा है. आदिवासी युवतियों को प्रेम जाल में फांसकर मुस्लिम युवक शादी कर रहे हैं. इसके बाद आदिवासियों की जमान खरीद रहे हैं. आदिवासी युवतियों को मुसलमान बनाया जा रहा है. यह सब उस सरकार के राज में हो रहा है जो जल, जंगल और जमीन के नाम पर सत्ता में आई है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह आरोप लगाया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो आने वाले समय में झारखंड का जनजाति समाज अल्पसंख्यक बन जाएगा. एक आदिवासी सीएम के रहते ऐसा होना न सिर्फ दुखद बल्कि राज्य के लिए चिंता की बात है.
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सरकार को सरना से ज्यादा ईसाई की चिंता: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का आरोप है कि वर्तमान हेमंत सरकार यहां के सरना समाज को नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी, तब जाति प्रमाण पत्र के फॉर्म में धर्म का कॉलम डाला गया था. लेकिन वर्तमान सरकार ने मिशनरीज के दबाव में 24 फरवरी 2022 को गुपचुप तरीके से धर्म का कॉलम ही हटवा दिया. इसका सीधा नुकसान सरना समाज को होगा. इसका फायदा सरना से ईसाई बनने वालों को मिलेगा. अब वे दोहरा लाभ लेंगे. एक तो आदिवासी बनकर सरकारी नौकरी लेंगे और अल्पसंख्यक होने का फायदा भी.
रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस राज्य में बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता. सीओ और बीडीओ तो खुलकर कहते हैं कि जिसको जहां शिकायत करना है कर ले. उन्हें कुछ नहीं होने वाला, क्योंकि हम भी देकर आए हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ पिछले दिनों गले मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम तो सभी से गले मिलते हैं. रघुवर दास ने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो थर्ड और फोर्थ ग्रेड की सरकारी नौकरी में स्थानीय को प्राथमिकता दी जाती थी. उसकी बदौलत अलग-अलग विभागों में करीब एक लाख नौकरियां दी गईं. लेकिन वर्तमान सरकार ने उस व्यवस्था को बदल दिया. उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. दूसरी तरफ जंगलों की अवैध कटाई हो रही है.