रांची: झारखंड में नशे के अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है अपराधी पुलिस से बचने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. हालांकि पुलिस भी अपराधियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. नशे की इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया गया है. राज्य सीआईडी के अधीन ही एएनटीएफ का गठन किया गया है. ऐसे में सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज को इसका प्रमुख बनाया गया है.
गृह मंत्रालय के आदेश पर हुआ गठन: एएनटीएफ का गठन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर किया गया है. एएनटीएफ में आईजी के अलावा एक डीआईजी, एसपी, दो डीएसपी, 2 इंस्पेक्टर, चार दरोगा, 4 कंप्यूटर शिक्षित सिपाही के अलावा 5- 20 सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है. एएनटीएफ का उदेश्य राज्य में नशे के कारोबार पर पूरी तरह लगाम लगाना है. आसूचना संकलन करने, प्रमख मादक द्रव्य तस्करों के खिलाफ छापेमारी एवं उनके गतिविधियों की मॉनिटरिंग, कांडों के अनुसंधान के लिए पुलिस पदाधिकारियों का प्रशिक्षण, न्यायालय में कांडों की स्थिति की मॉनिटरिंग, तस्करों के द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति की जब्ती, मादक द्रव्य के उपयोग करने वालों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव का प्रचार प्रसार, मादक द्रव्य की जब्ती, गिरफ्तारी व विनष्टीकरण से संबंधित आंकड़े तैयार करना भी एएनटीएफ का ही काम है.
कैसे काम करेगा एएनटीएफ: केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार एएनटीएफ राज्य के लिए एनसीओआरडी के सचिवालय के तौर पर काम करेगा. एएनटीएफ के प्रमुख ड्रग संबंधी विषयों पर (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो)एनसीबी के लिए नोडल प्वाइंट के तौर पर काम करेंगे. तस्करी रोकने के लिए छापेमारी की जरूरत पड़ने पर एएनटीएफ जिला पुलिस या एसटीएफ तक की मदद ले सकेगी.