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सिर्फ पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट, झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों की हुई अनदेखी: डॉ रामेश्वर उरांव

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया है. इसे लेकर झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बजट को पूरी तरह से असम, पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है.

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Published : Feb 1, 2021, 7:21 PM IST

Finance Minister Rameshwar Oraon reaction on general budget in ranchi
रामेश्वर उरांव

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने लोकसभा में साल 2021-22 के लिए पेश किए गए आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है, महंगाई बढ़ाने और सिर्फ पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है. उन्होंने कहा कि आम बजट में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है.


रामेश्वर उरांव ने कहा कि बजट से झारखंडवासियों को यह उम्मीद थी कि राज्य के जो चार जिले अब तक रेल आवागमन की सुविधा से वंचित है, उन जिलों में रेललाइन परियोजना को मंजूरी मिलेगी, राज्यवासियों को यह भी उम्मीद थी कि खनिज उत्पादक राज्यों की राॅयल्टी में भी बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन बजट में झारखंड को अपेक्षित मदद नहीं मिलती दिख रही है. उन्होंने कहा कि बजट से सबसे बड़ी निराशा किसानों को हाथ लगी है, बीजेपी नेता सिर्फ सात वर्षाें से किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके कल्याण और ऋण माफी की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है, बजट में किसानों के साथ-साथ मजदूर वर्ग, व्यवसायी वर्ग, सूक्ष्म और लघु उद्योग को भी खासा निराशा हाथ लगी है.

बीजेपी के झांसे में नहीं आएगी देश की जनता
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट से सबसे बड़ी उम्मीद सैलरी लेने वाले लोगों को रहती है, लेकिन उनकी उम्मीदें भी टूट गई, स्वास्थ्य, शिक्षा , मकान, स्वच्छ पेयजल और सड़क समेत अन्य आधारभूत सुविधा कराने में भी नाकामी हासिल हुई है. उन्होंने इस बजट को पूरी तरह से राजनीतिक बजट करार देते हुए कहा कि असम, पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन राज्यों के बजट में राशि का प्रावधान किया गया है, लेकिन जिस तरह से झारखंड-बिहार के लिए पूर्व में केंद्र सरकार की ओर से की गई घोषणाएं हवा-हवाई साबित हुई, उसी तरह से उन राज्यों को भी अब ठगने की कोशिश की गई है, लेकिन अब देश की जनता बीजेपी नेताओं के झांसे में नहीं आने वाली है.

इसे भी पढे़ं: दुमका में बोले सीएम- आत्मनिर्भर भारत आत्म बेचो भारत में बदला, स्थापना दिवस में शामिल होने पहुंचे हैं हेमंत


रोज कमाने खाने वालों के पीठ पर प्रहार
रामेश्वर उरांव ने कहा कि मनरेगा को लेकर बजट में किसी प्रकार की चर्चा भी नहीं करना, केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी सोच को उजागर करता है, झारखंड के मजदूरों को विशेष आघात पहुंचा है, रोजगार सृजन की दिशा में केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश के बेरोजगारों और प्रतिदिन कमाने खाने वालों के पीठ पर प्रहार किया है.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने लोकसभा में साल 2021-22 के लिए पेश किए गए आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है, महंगाई बढ़ाने और सिर्फ पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है. उन्होंने कहा कि आम बजट में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है.


रामेश्वर उरांव ने कहा कि बजट से झारखंडवासियों को यह उम्मीद थी कि राज्य के जो चार जिले अब तक रेल आवागमन की सुविधा से वंचित है, उन जिलों में रेललाइन परियोजना को मंजूरी मिलेगी, राज्यवासियों को यह भी उम्मीद थी कि खनिज उत्पादक राज्यों की राॅयल्टी में भी बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन बजट में झारखंड को अपेक्षित मदद नहीं मिलती दिख रही है. उन्होंने कहा कि बजट से सबसे बड़ी निराशा किसानों को हाथ लगी है, बीजेपी नेता सिर्फ सात वर्षाें से किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके कल्याण और ऋण माफी की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है, बजट में किसानों के साथ-साथ मजदूर वर्ग, व्यवसायी वर्ग, सूक्ष्म और लघु उद्योग को भी खासा निराशा हाथ लगी है.

बीजेपी के झांसे में नहीं आएगी देश की जनता
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट से सबसे बड़ी उम्मीद सैलरी लेने वाले लोगों को रहती है, लेकिन उनकी उम्मीदें भी टूट गई, स्वास्थ्य, शिक्षा , मकान, स्वच्छ पेयजल और सड़क समेत अन्य आधारभूत सुविधा कराने में भी नाकामी हासिल हुई है. उन्होंने इस बजट को पूरी तरह से राजनीतिक बजट करार देते हुए कहा कि असम, पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन राज्यों के बजट में राशि का प्रावधान किया गया है, लेकिन जिस तरह से झारखंड-बिहार के लिए पूर्व में केंद्र सरकार की ओर से की गई घोषणाएं हवा-हवाई साबित हुई, उसी तरह से उन राज्यों को भी अब ठगने की कोशिश की गई है, लेकिन अब देश की जनता बीजेपी नेताओं के झांसे में नहीं आने वाली है.

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रोज कमाने खाने वालों के पीठ पर प्रहार
रामेश्वर उरांव ने कहा कि मनरेगा को लेकर बजट में किसी प्रकार की चर्चा भी नहीं करना, केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी सोच को उजागर करता है, झारखंड के मजदूरों को विशेष आघात पहुंचा है, रोजगार सृजन की दिशा में केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश के बेरोजगारों और प्रतिदिन कमाने खाने वालों के पीठ पर प्रहार किया है.

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