रांची: साहिबगंज से कटिहार के मनिहारी के बीच फेरी जहाज के गंगा नदी में पलटने का मामला सदन में भी गूंजा. बीजेपी विधायक बिरंची नारायण और अनंत ओझा ने आरोप लगाया कि फेरी जहाज पर अवैध स्टोन चिप्स लदा कई हाईवा ले जाया जा रहा था. इसी बीच देर रात जहाज के अनियंत्रित होने से स्टोन चिप्स लदा कई हाईवा की जल समाधि हो गई. विपक्ष का आरोप है कि सभी हाईवा पर ड्राइवर और खलासी मौजूद थे.
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सरकार से जवाब की मांग: प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सरकार से जवाब की मांग की. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने जुलाई 2021 में बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि फेरी जहाज से अवैध स्टोन चिप्स की ढुलाई होती है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि साहिबगंज में डीसी और एसपी के संरक्षण में अवैध स्टोन चिप्स की ढुलाई होती है.
सत्ता पक्ष के विधायक ने की जांच की मांग: इस मसले पर झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हीं के क्षेत्र से अवैध स्टोन चिप्स की ढुलाई होती है. इसकी वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि कई लोगों की जल समाधि हो गई है. इसलिए पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए. प्रदीप यादव ने कहा कि चलते सत्र के दौरान अगर कोई बड़ी घटना होती है तो उस पर सरकार को जवाब देना चाहिए.
सरकार का जानकारी से इंकार: इस मामले पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि साहिबगंज और मनिहारी के बीच फेरी जहाज चलती है. इसका संचालन 2 साल बिहार सरकार और 2 साल के लिए झारखंड सरकार करती है. इस जहाज से आम लोग भी सफर करते हैं. साथ ही माल की भी ढुलाई होती है. उन्होंने कहा कि जहां तक अवैध स्टोन चिप्स लदे हाईवा की बात है तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. इस दौरान मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करते रहे. विपक्ष ने आरोप लगाया कि धड़ल्ले से अवैध स्टोन चिप्स की ढुलाई हो रही है. तत्काल डीसी और एसपी को निलंबित कर सीबीआई जांच करवानी चाहिए. हंगामे की वजह से सभापति को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.