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दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के लंबित मामले का जल्द होगा निपटारा, मुख्यमंत्री ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का लिया फैसला

झारखंड में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत लंबित मामलों का निपटारा जल्द होने वाला है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 22 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना करने का निर्णय लिया है.

Fast track courts will be formed in Jharkhand
झारखंड में बनेगा फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट
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Published : Jan 6, 2020, 8:21 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बलात्कार और पोक्सो एक्ट के तहत लंबित मामलों के जल्द सुनवाई और निष्पादन करने का फैसला लिया है. इसके लिए प्रदेश में 22 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना करने का निर्णय लिया है.

देखें पूरी खबर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन अदालतों के लिए पदों के सृजन का भी फैसला लिया है. इसे लेकर सोमवार को उन्होंने राज्य में 22 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना का आदेश दिया है, साथ ही इसके संचालन के लिए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के 22 पद और सभी न्यायालय में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के साथ-साथ पद सृजन को भी स्वीकृति दी है. उस लिहाज से कुल 154 अराजपत्रित पदों का सृजन होगा.

इसे भी पढ़ें:- लातेहार में सात 'मोस्ट वांटेड' माओवादी गिरफ्तार, पुलिस वैन पर हमले में थे शामिल

दरअसल झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को अपनी पहली कैबिनेट बैठक की थी, जिसमें महिलाओं और वयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के बारे में हर जिला में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठन करने का निर्णय लिया गया था, साथ ही उन फास्ट ट्रैक कोर्ट में पदाधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन का भी निर्णय लिया गया था.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बलात्कार और पोक्सो एक्ट के तहत लंबित मामलों के जल्द सुनवाई और निष्पादन करने का फैसला लिया है. इसके लिए प्रदेश में 22 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना करने का निर्णय लिया है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन अदालतों के लिए पदों के सृजन का भी फैसला लिया है. इसे लेकर सोमवार को उन्होंने राज्य में 22 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना का आदेश दिया है, साथ ही इसके संचालन के लिए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के 22 पद और सभी न्यायालय में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के साथ-साथ पद सृजन को भी स्वीकृति दी है. उस लिहाज से कुल 154 अराजपत्रित पदों का सृजन होगा.

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दरअसल झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को अपनी पहली कैबिनेट बैठक की थी, जिसमें महिलाओं और वयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के बारे में हर जिला में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठन करने का निर्णय लिया गया था, साथ ही उन फास्ट ट्रैक कोर्ट में पदाधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन का भी निर्णय लिया गया था.

Intro:रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बलात्कार और पोस्को एक्ट के तहत लंबित मामलों के जल्दी सुनवाई और निष्पादन के लिए प्रदेश में 22 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना करने का फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने उन अदालतों के लिए पदों के सृजन का भी फैसला लिया है। इस बाबत सोमवार को उन्होंने राज्य में 22 फास्टट्रैक स्पेशल कोर्ट की प्रशासनिक स्थापना का आदेश दिया है।
साथ ही इसके संचालन के लिए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के 22 पद और हर न्यायालय में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के साथ-साथ पद सृजन को भी स्वीकृति दी है। उस लिहाज 154 अराजपत्रित पदों का सृजन होगा।


Body:दरअसल राज्य के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को अपनी पहली कैबिनेट बैठक की थी। कैबिनेट के उस बैठक में महिलाओं और वयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के बारे में हर जिला में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठन करने का निर्णय लिया गया था। साथ ही उन फास्ट ट्रैक कोर्ट में पदाधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन का भी निर्णय लिया गया था।


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