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झारखंड के किसानों पर मानसून की मार, बारिश नहीं होने से हो रहे परेशान

प्रदेश में इस बार मानसून देरी से प्रवेश करने वाला है, जिसे लेकर किसान काफी चिंतित हैं. मौसम विभाग ने बताया कि राज्य में इस बार 20 जून तक मानसून के पहुंचने की संभावना है. केरल में मानसून के देरी से पहुंचने और वायु चक्रवात के कारण इसमें और भी ज्यादा देरी हो रही है. समय पर बारिश नहीं होने से खेतों में लगी हरी सब्जिया गर्मी से बर्बाद हो रही हैं.

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Published : Jun 14, 2019, 4:39 PM IST

मानसून नहीं आने से फसल बर्बाद

रांची: झारखंड में अबतक मानसून के नहीं आने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. इस बार प्रदेश में मानसून देरी से प्रवेश करने वाला है, जिसे लेकर किसान काफी चिंतित हैं. मौसम विभाग ने बताया कि राज्य में इस बार 20 जून तक मानसून के पहुंचने की संभावना है.
सामान्य तौर पर झारखंड में मानसून 10 से 12 जून तक दस्तक देता है. लेकिन इस बार केरल में इसके देर से पहुंचने और वायु चक्रवात के कारण इसमें और भी ज्यादा देरी हो रही है.

देखें पूरी खबर
मौसम विभाग के अनुसार मानसूनी हवा सबसे पहले राज्य के साहिबगंज जिले में होगा. इसके बाद अगले 5 दिनों में यह पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा. झारखंड मौसम विभाग के निदेशक एसडी कोटाल के अनुसार इस बार झारखंड में 20 जून के बाद मानसून प्रवेश करने वाला है. मानसून की झारखंड में दस्तक के बाद राज्यभर में क्रमवार बारिश शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि मानसून में देरी का मुख्य कारण केरल में एक सप्ताह देरी से मानसून के प्रवेश होना है. वहीं, मानसून की देरी से किसानों की चिंता बढ़ गई है. खेतों में लगी हरी सब्जिया गर्मी से बर्बाद हो रही हैं. राज्य में बारिश नहीं होने के कारण सभी कुएं, नदी और तालाब सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं.

रांची: झारखंड में अबतक मानसून के नहीं आने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. इस बार प्रदेश में मानसून देरी से प्रवेश करने वाला है, जिसे लेकर किसान काफी चिंतित हैं. मौसम विभाग ने बताया कि राज्य में इस बार 20 जून तक मानसून के पहुंचने की संभावना है.
सामान्य तौर पर झारखंड में मानसून 10 से 12 जून तक दस्तक देता है. लेकिन इस बार केरल में इसके देर से पहुंचने और वायु चक्रवात के कारण इसमें और भी ज्यादा देरी हो रही है.

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मौसम विभाग के अनुसार मानसूनी हवा सबसे पहले राज्य के साहिबगंज जिले में होगा. इसके बाद अगले 5 दिनों में यह पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा. झारखंड मौसम विभाग के निदेशक एसडी कोटाल के अनुसार इस बार झारखंड में 20 जून के बाद मानसून प्रवेश करने वाला है. मानसून की झारखंड में दस्तक के बाद राज्यभर में क्रमवार बारिश शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि मानसून में देरी का मुख्य कारण केरल में एक सप्ताह देरी से मानसून के प्रवेश होना है. वहीं, मानसून की देरी से किसानों की चिंता बढ़ गई है. खेतों में लगी हरी सब्जिया गर्मी से बर्बाद हो रही हैं. राज्य में बारिश नहीं होने के कारण सभी कुएं, नदी और तालाब सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं.
Intro:रांची
बाइट---एसडी कोटाल निदेशक मौसम विभाग रांची
बाइट-- नकुल महतो प्रगतिशील किसान


झारखंड में मॉनसून देरी किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है इस बार मानसून झारखंड में देरी से प्रवेश करने वाला है जिसको लेकर किसान काफी चिंतित महसूस कर रहे हैं मौसम विभाग ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है। इस बार झारखंड में 20 जून तक मानसून पहुंचेगा जोरदार बारिश के साथ इसकी इंट्री होगी इस बार करीब 1 सप्ताह की देरी से केरल में अपना धमक दिखाया है जिसके कारण झारखंड में मानसून देरी से पहुंचेगी सामान्य तौर पर मॉनसून 10 से 12 जून को झारखंड में दस्तक दे देता है लेकिन इस बार देरी हो रही है जिसके कारण किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।


Body:भारतीय मौसम विभाग केंद्र के अनुसार मानसूनी फुहारा का दस्तक सबसे पहले राज्य के साहिबगंज जिले में होगा इसके बाद अगले 5 दिनों में यह पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा मौसम विभाग रांची के निदेशक एसडी कोटाल के अनुसार इस बार झारखंड में 20 जून के बाद मानसून प्रवेश करने वाला है मॉनसून की झारखंड में दस्तक के बाद राज्यभर में क्रमवार बारिश शुरू हो जाएगी बताया गया कि अनुकूल परिस्थिति बनी हुई है इसके गति पकड़ने का पूर्व अनुमान लगाया गया है। मॉनसून में देरी का मुख्य कारण है कि केरल में इस बार 1 सप्ताह देरी से मानसून प्रवेश किया है जिसके कारण झारखंड में मानसून के प्रवेश में देरी होगी।


Conclusion:वही मानसून की देरी किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। खेतों में लगे हरे सब्जी गर्मी के कारण बर्बाद हो रही है। यहां तक कि कुआ तालाब सब कुछ सुख गया है। किसानों को अपने खेतों में लगे फसल को सिंचाई तक करने के लिए पानी नहीं मिल रहा है ऐसे में किसान पूरी तरह मानसून पर निर्भर कर रहे हैं साथी प्रगति शील किसान नकुल महतो ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों से मानसून में देरी के कारण धान की फसल में किसानों को काफी क्षति हो रही है इस बार भी मॉनसून देर से आ रही है ऐसे में हम किसान पूरी तरह मॉनसून पर आश्रित है अगर मॉनसून सही समय से आता है तो किसानों के लिए अच्छा और नहीं तो इस बार भी धान की फसल में किसानों को मार खानी पड़ेगी।
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