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रांची नगर निगम की मेहनत लाई रंग, बड़ा तालाब बना एक बार फिर विदेशी मेहमानों का बसेरा - विदेशी पक्षियों का आना शुरू

झारखंड में नवंबर और दिसंबर में हर साल विदेशी पक्षियां बड़े तादाद में पहुंचते हैं, लेकिन कई सालों से रांची के बड़ा तालाब में गंदगी का अंबार था, जिससे पक्षियों का आना बंद हो गया था, लेकिन तालाब की साफ-सफाई के बाद से विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है. तालाब इन दिनों विदेशी पक्षियों की चहचहाहट से गूंज रही है.

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नगर निगम की मेहनत लाई रंग
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Published : Jan 12, 2021, 3:10 PM IST

रांची: हर साल हजारों किलोमीटर दूर से सफर कर राजधानी के गेतलसूद डैम, धुर्वा डैम, कांके डैम और बड़ा तालाब में विदेशी पक्षियों का आना होता है. पिछले कुछ सालों तक जलकुंभी की वजह से बदनाम रहने वाला बड़ा तालाब इन दिनों विदेशी पक्षियों की चहचहाहट से गूंज रही है. इन विदेशी पक्षियों ने पहले जहां बड़ा तालाब से मुंह मोड़ लिया था. वहीं एक बार फिर रांची झील के नाम से प्रसिद्ध बड़ा तालाब इन दिनों विदेशी पक्षियों की कोलाहल से गुलजार है. पहले की तुलना में इनकी तादाद भी बढ़ी है.

देखें स्पेशल स्टोरी
झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विदेशी पक्षियों का होता है आगमन
43 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूर का सफर तय कर विदेशी पक्षी साइबेरिया से हर साल झारखंड पहुंचते हैं, जो रांची के तालाबों, डेम और नदियों में अपना डेरा डालते हैं और पूरी सर्दी रांची में ही गुजारते हैं. साइबेरियन पक्षियों की अठखेलियां देखना लोगों के लिए बेहद रोमांचक भी होता है, लेकिन पिछले कुछ सालों तक बड़ा तालाब में जलकुम्भी और गंदगी की वजह से विदेशी पक्षियों ने बड़ा तालाब से दूरी बना ली थी. कोरोना काल में लगभग 9 महीनों तक रांची नगर निगम के ओर से लगातार बड़ा तालाब से जलकुम्भी हटाने के काम में सफाईकर्मियों को लगाया गया, जिसका बेहतर रिजल्ट यह हुआ कि अब बड़ी संख्या में विदेशी पक्षियों ने इस बार बड़ा तालाब में डेरा डाला है.


तालाब की साफ सफाई से पक्षियों का आना शुरू

स्थानीय लोगों का मानना है कि बड़ा तालाब में प्रवासी पक्षियों के डेरा डालने के पीछे की वजह साफ है कि पहले की तरह बड़ा तालाब गंदा नहीं रहा, पहले जहां विदेशी पक्षियों का बड़ा तालाब में फैले प्रदूषण की वजह से आना बंद हो गया था, वहीं अब तालाब की बेहतर तरीके से सफाई होने से उनका आना शुरू हुआ है.


इसे भी पढे़ं: 10 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि, केंद्र का ह्यूमन ट्रांसमिशन से इनकार

डिप्टी मेयर ने नगर आयुक्त को दी सलाह

बड़ा तालाब में इस बदलाव से जहां रांची वासियों में खुशी की लहर है, तो वहीं शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी मानते हैं कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगातार रांची नगर निगम के प्रयास और मेहनत ने रंग लाया है और बड़ा तालाब की तश्वीर बदली है, सफाई की वजह से ही विदेशी पक्षियों का बसेरा बड़ा तालाब बना है, लेकिन इस सफाई व्यवस्था को बरकरार रखने की जरूरत को बताते हुए उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को बड़ा तालाब की स्वच्छता को बनाए रखने की दिशा में प्रयास करना चाहिए, ताकि राजधानी रांची की पहचान रांची झील वास्तव में झील के स्वरूप में रह सके.


पानी की साफ सफाई के लिए एजेंसियों की तलाश
राजधानी रांची के लोगों और रांची नगर निगम की भी मंशा है कि बड़ा तालाब की स्वच्छता हमेशा बरकरार रहे. इस दिशा में लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने कहा कि पानी की क्वालिटी सुधरे इसके लिए नगर निगम वैसी एजेंसियों की भी तलाश कर रही है, जो इसको लेकर काम करे.

रांची: हर साल हजारों किलोमीटर दूर से सफर कर राजधानी के गेतलसूद डैम, धुर्वा डैम, कांके डैम और बड़ा तालाब में विदेशी पक्षियों का आना होता है. पिछले कुछ सालों तक जलकुंभी की वजह से बदनाम रहने वाला बड़ा तालाब इन दिनों विदेशी पक्षियों की चहचहाहट से गूंज रही है. इन विदेशी पक्षियों ने पहले जहां बड़ा तालाब से मुंह मोड़ लिया था. वहीं एक बार फिर रांची झील के नाम से प्रसिद्ध बड़ा तालाब इन दिनों विदेशी पक्षियों की कोलाहल से गुलजार है. पहले की तुलना में इनकी तादाद भी बढ़ी है.

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झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विदेशी पक्षियों का होता है आगमन 43 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूर का सफर तय कर विदेशी पक्षी साइबेरिया से हर साल झारखंड पहुंचते हैं, जो रांची के तालाबों, डेम और नदियों में अपना डेरा डालते हैं और पूरी सर्दी रांची में ही गुजारते हैं. साइबेरियन पक्षियों की अठखेलियां देखना लोगों के लिए बेहद रोमांचक भी होता है, लेकिन पिछले कुछ सालों तक बड़ा तालाब में जलकुम्भी और गंदगी की वजह से विदेशी पक्षियों ने बड़ा तालाब से दूरी बना ली थी. कोरोना काल में लगभग 9 महीनों तक रांची नगर निगम के ओर से लगातार बड़ा तालाब से जलकुम्भी हटाने के काम में सफाईकर्मियों को लगाया गया, जिसका बेहतर रिजल्ट यह हुआ कि अब बड़ी संख्या में विदेशी पक्षियों ने इस बार बड़ा तालाब में डेरा डाला है.


तालाब की साफ सफाई से पक्षियों का आना शुरू

स्थानीय लोगों का मानना है कि बड़ा तालाब में प्रवासी पक्षियों के डेरा डालने के पीछे की वजह साफ है कि पहले की तरह बड़ा तालाब गंदा नहीं रहा, पहले जहां विदेशी पक्षियों का बड़ा तालाब में फैले प्रदूषण की वजह से आना बंद हो गया था, वहीं अब तालाब की बेहतर तरीके से सफाई होने से उनका आना शुरू हुआ है.


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डिप्टी मेयर ने नगर आयुक्त को दी सलाह

बड़ा तालाब में इस बदलाव से जहां रांची वासियों में खुशी की लहर है, तो वहीं शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी मानते हैं कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगातार रांची नगर निगम के प्रयास और मेहनत ने रंग लाया है और बड़ा तालाब की तश्वीर बदली है, सफाई की वजह से ही विदेशी पक्षियों का बसेरा बड़ा तालाब बना है, लेकिन इस सफाई व्यवस्था को बरकरार रखने की जरूरत को बताते हुए उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को बड़ा तालाब की स्वच्छता को बनाए रखने की दिशा में प्रयास करना चाहिए, ताकि राजधानी रांची की पहचान रांची झील वास्तव में झील के स्वरूप में रह सके.


पानी की साफ सफाई के लिए एजेंसियों की तलाश
राजधानी रांची के लोगों और रांची नगर निगम की भी मंशा है कि बड़ा तालाब की स्वच्छता हमेशा बरकरार रहे. इस दिशा में लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने कहा कि पानी की क्वालिटी सुधरे इसके लिए नगर निगम वैसी एजेंसियों की भी तलाश कर रही है, जो इसको लेकर काम करे.

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