नई दिल्लीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहा कि झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार अभी नहीं होगा. एक मंत्री पद झारखंड सरकार में खाली है. वह मंत्री पद कांग्रेस या झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे में आएगा, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. अभी हम अपना पूरा ध्यान झारखंड का विकास करने में लगा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार पर खींचतान! 12वें मंत्री पद को लेकर JMM-कांग्रेस आमने-सामने
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड को जो फंड केंद्र सरकार से मिलना चाहिए था वह रुका हुआ है. लेकिन उम्मीद है वह जल्द मिल जाएगा. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से हमारी बातचीत भी चल रही है.
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें
मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली गए. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के साथ कई बड़े नेता पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे. जिसके बाद से ये कयास लगाए जाने लगे कि झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रालय में फेरबदल हो सकता है. इधर दिल्ली में कांग्रेस और जेएमएम के नेताओं के बीच इसे लेकर बयानबाजी भी तेज हो गई. लेकिन मुख्यमंत्री के ताजा बयान के बाद इस पर विराम लग गया.
ये भी पढ़ें- Jharkhand News: झारखंड मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट, दिल्ली में लगेगी अंतिम मुहर
नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर कसा तंज
वहीं, पिछले 1 साल से वरिष्ठ बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाया है. सीएम हेमंत सोरेन से जब पूछा गया कि विधानसभा का मानसून सत्र आ रहा है. क्या इस बार बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल जाएगा या विधानसभा बिना नेता प्रतिपक्ष के चलेगी तो इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी किसको नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है वह BJP जाने, उनको अब तक नेता प्रतिपक्ष का दर्जा अगर नहीं मिल पाया तो इसमें हम लोगों की कोई भूमिका नहीं है. क्या बीजेपी यह चाहती है कि हम उनको नेता प्रतिपक्ष दे दें?
ये भी पढ़ें- नेता प्रतिपक्ष बना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल, सदन में स्पीकर का फैसला ही होगा सर्वोपरि
नेता प्रतिपक्ष पर बरकरार है जिच
दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 25 सीटें मिली थी और बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा को 3 सीटें मिली थी. सरकार गठन के बाद बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का विलय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में कर दी. लेकिन उनकी पार्टी के दो और विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने उनके साथ बीजेपी में जाने से इनकार कर दिया. प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गए. बाबूलाल मारंडी के बीजेपी में शामिल होने के बाद विधानसभा में संख्याबल 26 हो गई. बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बीजेपी विधायक के रूप में मान्यता नहीं दी. फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधीकरण में इस मामले की सुनवाई हो रही है. हालांकि चुनाव आयोग ने बाबूलाल की पार्टी का विलय बीजेपी में मान लिया है और उन्हें बीजेपी विधायक के रूप में मान्यता दी है.
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी पूरी
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं. लेकिन केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि कोरोना की तीसरी लहर कैसी होगी? इसका क्या इंपैक्ट होगा? क्योंकि सभी साइंटिस्ट एवं अनुसंधान व्यवस्थाएं केंद्र सरकार के अंतर्गत आती हैं.
उम्मीद है कि केंद्र झारखंड का सहयोग करेगी
सीएम ने कहा कि कोरोनावायरस की पहली और दूसरी लहर में केंद्र सरकार से झारखंड को जो सहयोग मिलना चाहिए था वह नहीं मिला यह बात जगजाहिर है, लेकिन उम्मीद करते हैं कि अगर तीसरी लहर आती है तो केंद्र सरकार झारखंड का पूरा सहयोग करेगी.
मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे पर
बता दें झारखंड के मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे पर हैं. संभावना जताई जा रही थी कि वह कांग्रेस आलाकमान से मिलेंगे एवं कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कामकाज का फीडबैक देंगे. संभावना इस बात की भी जताई जा रही थी कि झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल एवं विस्तार हो सकता है लेकिन हेमंत सोरेन ने इस तरह की तमाम अटकलों को खारिज कर दिया है.