रांची: लॉकडाउन की मियाद 3 मई तक बढ़ा दी गई है. 15 अप्रैल से लॉकडाउन पार्ट 2 शुरू हो गया है. लोगों को उम्मीद थी कि 15 अप्रैल से जिंदगी पटरी पर लौटने लगेगी, लेकिन कोरोना वायरस जिस तरीके से पांव पसार रहा है. उसे रोकने के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था.
जाहिर सी बात है कि पिछले 21 दिनों तक लोगों को अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ा और अब 3 मई तक वही स्थिति रहने वाली है. रोज कमाने-खाने वाले लोग बेहद चिंतित हैं. सरकार की चुनौती है कि वह न सिर्फ राज्य के भीतर रहने वाले हर गरीब को भोजन मुहैया कराए, बल्कि राज्य के बाहर फंसे झारखंड के लोगों को भी किसी तरह की दिक्कत न होने दे. इन्हीं सवालों को लेकर ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मंत्री रामेश्वर उरांव से बातचीत की.
गरीबों के लिए क्या कर रही है सरकार
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड में करीब 58 लाख कार्डधारी हैं, जिन्हें अनाज मुहैया कराया जा रहा है. इसके अलावा जिन लोगों ने राशन कार्ड के लिए अप्लाई की है और जिनके पास भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है वैसे करीब 9 लाख लोगों तक भी अनाज पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी हैं जो दूसरे प्रदेशों से झारखंड में काम के सिलसिले में आए थे और फंसे हुए हैं. वैसे लोगों के बारे में जैसे-जैसे हेल्पलाइन के जरिए सूचना मिलती है उन तक भोजन पहुंचाने की भी व्यवस्था की जा रही है.
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झारखंड के बाहर फंसे लोगों के लिए क्या कर रही है सरकार
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड के अलग-अलग शहरों में भी बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग फंसे हुए हैं. जैसे-जैसे लोगों की जानकारी मिल रही है वैसे लोगों को चिन्हित कर राशन पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में फंसे दूसरे राज्य के लोग भी हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार को ही उन्हें सूचना मिली थी कि पश्चिम बंगाल के कुछ कामगार रांची के जगन्नाथपुर और लोहरदगा के एक इलाके में फंसे हैं और उनके पास भोजन की दिक्कत है. इसकी जानकारी मिलते ही संबंधित लोगों तक राशन पहुंचाया गया है.
रिम्स में नहीं खोला जाना चाहिए था कोविड अस्पताल
मंत्री उरांव से जब यह पूछा गया कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कोविड-19 अस्पताल खोलने पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि अस्पताल शहर के बीच में है और इससे संक्रमण का खतरा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें भी कुछ लोगों ने इस बाबत शिकायत की है, लेकिन परिस्थिति ऐसी बन गई है कि तत्काल कुछ बदलाव करना मुश्किल है. फिर भी उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में इस बात को लाया जाएगा और कोशिश किया जाएगा कि जल्द कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो.