रांची: सीसीएल ने कोल उत्पादन के क्षेत्र में 16% ग्रोथ के साथ चौथा स्थान प्राप्त किया है. अपने 48वें स्थापना दिवस (CCL Foundation Day) के मौके पर रांची दरभंगा हाउस में आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा करते हुए, इस सफलता के लिए सीसीएल प्रबंधन ने कर्मचारियों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया. इस मौके पर सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने इसे बड़ी सफलता मानते हुए कहा कि पिछले साल की तुलना में सीसीएल ने 5 मिलियन टन अधिक कोयला उत्पादन किया है. इस वित्तीय वर्ष में सीसीएल का लक्ष्य 76 मिलियन टन कोयला उत्पादन का है लेकिन, 80 मिलियन टन पार करने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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वर्ष 2025-26 तक 1000 मिलियन टन कोल उत्पादन का लक्ष्य: समय के साथ देश में बढ़ रही कोयले की मांग को पूरा करने में झारखंड अग्रगण्य भूमिका निभाता रहा है. वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया ने 1000 मिलियन टन कोल उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. जिसमें सीसीएल की भागीदारी करीब 135 मिलियन टन होगी. सीसीएल सीएमडी पी एम प्रसाद के अनुसार पिछले वर्ष कोल इंडिया ने 622 मिलियन टन कोल उत्पादन किया था. इस वर्ष 2022 में 700 मिलियन टन, 2023 में 760 मिलियन टन, 2024 में 870 मिलियन टन और 2025 में 1000 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है. इसी तरह सीसीएल ने पिछले वर्ष 68.8 मिलियन टन कोल उत्पादन किया जबकि इस वर्ष 76 मिलियन टन, 2023 में 87 मिलियन टन, 2024 में 101 मिलियन टन और 2025 में 135 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए वार्षिक ग्रोथ 18% करना होगा तभी जाकर लक्ष्य की प्राप्ति 2025 में होगी.
सीसीएल को कई प्रोजेक्ट मिलने की उम्मीद: सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि स्टेज वन में तीन खदान और स्टेज टू में 6 नई खदानें हैं. जहां फोरेस्ट क्लीयरेंस एवं अन्य फॉर्मेलिटिज पूरी होते ही माइनिंग शुरू की जायेगी. जिसमें रजरप्पा, चतरा आम्रपाली आदि शामिल है. भूमि अधिग्रहण के अलावा फोरेस्ट क्लीयरेंस के कारण लंबित कई प्रोजेक्ट जल्द ही सीसीएल को मिलने की उम्मीद है. जिसके बाद उसमें उत्पादन शुरू किया जायेगा.