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केंद्रीय बजट के खिलाफ रांची में वाम दलों का राजभवन मार्च, जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का लिया संकल्प - LEFT PARTIES PROTEST

रांची में वामदलों ने राजभवन मार्च निकाला. इस दौरान वामदलों के नेताओं ने केंद्रीय बजट को जनविरोधी बताया.

Left Parties Protest In Ranchi
रांची में राजभवन मार्च के दौरान वाम दलों के नेता. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 20, 2025, 5:51 PM IST

रांचीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट को जनविरोधी बताते हुए संयुक्त रूप से वामदलों के नेताओं ने गुरुवार को राजभवन मार्च किया. इस दौरान वाम दलों ने संकल्प लिया कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए इस संघर्ष को और अधिक व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. केंद्रीय बजट के खिलाफ वाम दलों द्वारा 14 फरवरी से 20 फरवरी तक एक सप्ताह के लिए जन अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा था. गुरुवार को इस अभियान का समापन हुआ.

जिला स्कूल से प्रारंभ हुआ मार्च

वामदलों का संयुक्त राजभवन मार्च रांची के जिला स्कूल से निकाला गया था. जो परमवीर अमर शहीद अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए राजभवन तक गया. राजभवन के पास यह मार्च एक जनसभा में तब्दील हो गयी. इस दौरान वामपंथी नेताओं ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश की गई बजट पूरी तरह जनविरोधी है. जनविरोधी केंद्रीय बजट को वापस लेना होगा. वामपंथी नेताओं ने कहा कि कॉरपोरेट के पक्षपाती बजट को राज्य में नहीं चलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा में बजट बढ़ाने, शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने, स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट वृद्धि करने, रोजगार का निजीकरण बंद करने सहित कई मांगें की गई.

केंद्रीय बजट को जनविरोधी बताया

वाम दलों के नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट मजदूरों, किसानों, छात्रों और युवाओं के विरोध में है. यह बजट पूर्ण रूप से कॉरपोरेट घरानों के हितों की रक्षा करने वाला है. बजट में श्रमिकों और किसानों के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है. सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने का वादा किया गया था, लेकिन इस बजट में शिक्षा के लिए आवंटन को और कम कर दिया गया है. उसी तरह मनरेगा जिससे करोड़ों मजदूरों का जीवन-यापन होता है, उसमें भी बजट में कटौती कर दी गई है. स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी अत्यंत दयनीय बनी हुई है.

इन नेताओं ने भी किया सभा को संबोधित

इस आंदोलन में भाकपा (माले) के त्रिलोकी नाथ, सीपीआई के संतोष, सीपीएम के सुखनाथ लोहारा, फॉरवर्ड ब्लॉक के अरुण मंडल ने अपनी बात रखी. कार्यक्रम का संचालन भाकपा (माले) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने किया. वहीं इस मौके पर सीपीआई के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, सीपीएम के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, भाकपा (माले) की केंद्रीय कमेटी के आरडी मांझी, मोहन दत्त, नंदिता भट्टाचार्य, शांति सेन, ऐती तिर्की, भीम साव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.

ये भी पढ़ें-

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रांचीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट को जनविरोधी बताते हुए संयुक्त रूप से वामदलों के नेताओं ने गुरुवार को राजभवन मार्च किया. इस दौरान वाम दलों ने संकल्प लिया कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए इस संघर्ष को और अधिक व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. केंद्रीय बजट के खिलाफ वाम दलों द्वारा 14 फरवरी से 20 फरवरी तक एक सप्ताह के लिए जन अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा था. गुरुवार को इस अभियान का समापन हुआ.

जिला स्कूल से प्रारंभ हुआ मार्च

वामदलों का संयुक्त राजभवन मार्च रांची के जिला स्कूल से निकाला गया था. जो परमवीर अमर शहीद अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए राजभवन तक गया. राजभवन के पास यह मार्च एक जनसभा में तब्दील हो गयी. इस दौरान वामपंथी नेताओं ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश की गई बजट पूरी तरह जनविरोधी है. जनविरोधी केंद्रीय बजट को वापस लेना होगा. वामपंथी नेताओं ने कहा कि कॉरपोरेट के पक्षपाती बजट को राज्य में नहीं चलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा में बजट बढ़ाने, शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने, स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट वृद्धि करने, रोजगार का निजीकरण बंद करने सहित कई मांगें की गई.

केंद्रीय बजट को जनविरोधी बताया

वाम दलों के नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट मजदूरों, किसानों, छात्रों और युवाओं के विरोध में है. यह बजट पूर्ण रूप से कॉरपोरेट घरानों के हितों की रक्षा करने वाला है. बजट में श्रमिकों और किसानों के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है. सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने का वादा किया गया था, लेकिन इस बजट में शिक्षा के लिए आवंटन को और कम कर दिया गया है. उसी तरह मनरेगा जिससे करोड़ों मजदूरों का जीवन-यापन होता है, उसमें भी बजट में कटौती कर दी गई है. स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी अत्यंत दयनीय बनी हुई है.

इन नेताओं ने भी किया सभा को संबोधित

इस आंदोलन में भाकपा (माले) के त्रिलोकी नाथ, सीपीआई के संतोष, सीपीएम के सुखनाथ लोहारा, फॉरवर्ड ब्लॉक के अरुण मंडल ने अपनी बात रखी. कार्यक्रम का संचालन भाकपा (माले) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने किया. वहीं इस मौके पर सीपीआई के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, सीपीएम के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, भाकपा (माले) की केंद्रीय कमेटी के आरडी मांझी, मोहन दत्त, नंदिता भट्टाचार्य, शांति सेन, ऐती तिर्की, भीम साव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.

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