ETV Bharat / state

गर्मी बढ़ते ही JUVNL बेचैन, सेंट्रल पूल के भरोसे झारखंड - झारखंड के कई शहरों में हो रही लोड शेडिंग

झारखंड में गर्मी का आगाज हो चुका है. ऐसे में बिजली की मांग भी बढ़ गई है. भीषण गर्मी में लोगों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध करा पाना झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (JUVNL) के लिए संभव नहीं है. आज भी राज्य बिजली के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं हो पाया है. राज्य अब भी सेंट्रल पूल के भरोसे है.

बिजली
बिजली
author img

By

Published : Mar 31, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 7:49 PM IST

रांचीः राज्य में गर्मी ने दस्तक दे दी है. वैसे तो यह मौसम सबको बेचैन करने वाला होता है मगर बिजली विभाग के अधिकारियों के लिए यह मौसम किसी सरदर्द से कम नहीं. मार्च के दूसरे सप्ताह से लेकर जून के तीसरे सप्ताह बिजली विभाग के लिए बेहद ही परेशान करने वाला होता है.

देखें स्पेशल खबर.

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी ने लिखी हेमंत सोरेन को चिट्ठी, भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील

तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है पावर डिमांड बढ़ती जाती है ऐसे में गर्मी के इस मौसम में लोगों को निर्वाध बिजली देना किसी चुनौती से कम नहीं है. गर्मी के समय में तापमान बढ़ने के साथ ही ट्रांसफार्मर से लेकर पावर ग्रिड के ट्रिप करने की घटना बढ़ जाती है. इसके अलावा आंधी, तूफान और वज्रपात से बिजली के पावरग्रिड को काफी क्षति पहुंचती है. इन सब परेशानियों के बीच सबसे ज्यादा पावर डिमांड को पूरा करना होता है.

सेंट्रल पूल पर ही है झारखंड निर्भर

राज्य गठन के 21 वर्षों के बाद भी पावर जेनरेशन में झारखंड पीछे है.आज भी खपत के अनुरूप राज्य सरकार बिजली उत्पादित नहीं कर पाती है. सामान्य दिनों में बिजली की खपत राज्य में 1350-1400 मेगावाट है जिसमें राज्य मुश्किल से 370-380 मेगावाट उत्पादन कर पाती है. शेष भरपाई सेंट्रल पूल से बिजली खरीदकर राज्य के लोगों को मुहैया कराई जाती है.

SLDC के महाप्रबंधक विद्यासागर सिंह के अनुसार गर्मी के समय पावर डिमांड काफी बढ़ जाती है जिसे पूरा करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. सभी ग्रिड में प्रोटेक्शन सिस्टम को दुरुस्त रखने के निर्देश दिये गये हैं साथ ही सिस्टम हेल्दी रहे इसका प्रयास किया जा रहा है. पावर की कमी नहीं रहे इसके लिए डिमांड के अनुरूप विभाग पहले से तैयारी करके रखा है. राजधानी में होती है

औसतन 120 मेगावाट खपत

राजधानी रांची में औसतन 120 मेगा वाट बिजली की खबर सामान्य दिनों में होती है. गर्मी बढ़ते ही 25 से 30 मेगावाट बिजली की डिमांड बढ़ जाती है. रात के समय हालांकि की डिमांड में कमी आती है जो 60 मेगावाट के करीब रहती है.

हटिया ग्रिड के सहायक ललन गोप के अनुसार वर्तमान समय में पावर की कोई कमी नहीं है.लोड बढ़ने पर वीआईपी एरिया को छोड़कर अन्य एरिया में बिजली की कटौती जरूर की जाती है.

अभी से रुलाने लगी है बिजली रानी

विभाग भले ही लाख दावा कर ले मगर बिजली उपभोक्ताओं को अभी से चिंता सताने लगी है.अपर बाजार रांची से रातू रोड बिजली कार्यालय पहुंचे शुभम गुप्ता की मानें तो बिजली की आंखमिचौली शुरू हो गई है.

गर्मी बढ़ते ही बिजली रानी रुठने लगती है. विभाग की हालत यह है कि बिजली बिल पेटीएम से चुकाने के बाद भी चार दिनों से कार्यालय में अपडेट कराने के लिए दौरना पड़ रहा है.

बहरहाल जीरो कट पावर की उम्मीद लेकर यदि गर्मी का सामना करने की तैयारी आपने की है तो इस पर फिर से विचार करिए क्योंकि केन्द्र के भरोसे राज्य में JUVNL बिजली मुहैया कराने में कितना सक्षम होगा वह वक्त ही बताएगा.

रांचीः राज्य में गर्मी ने दस्तक दे दी है. वैसे तो यह मौसम सबको बेचैन करने वाला होता है मगर बिजली विभाग के अधिकारियों के लिए यह मौसम किसी सरदर्द से कम नहीं. मार्च के दूसरे सप्ताह से लेकर जून के तीसरे सप्ताह बिजली विभाग के लिए बेहद ही परेशान करने वाला होता है.

देखें स्पेशल खबर.

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी ने लिखी हेमंत सोरेन को चिट्ठी, भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील

तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है पावर डिमांड बढ़ती जाती है ऐसे में गर्मी के इस मौसम में लोगों को निर्वाध बिजली देना किसी चुनौती से कम नहीं है. गर्मी के समय में तापमान बढ़ने के साथ ही ट्रांसफार्मर से लेकर पावर ग्रिड के ट्रिप करने की घटना बढ़ जाती है. इसके अलावा आंधी, तूफान और वज्रपात से बिजली के पावरग्रिड को काफी क्षति पहुंचती है. इन सब परेशानियों के बीच सबसे ज्यादा पावर डिमांड को पूरा करना होता है.

सेंट्रल पूल पर ही है झारखंड निर्भर

राज्य गठन के 21 वर्षों के बाद भी पावर जेनरेशन में झारखंड पीछे है.आज भी खपत के अनुरूप राज्य सरकार बिजली उत्पादित नहीं कर पाती है. सामान्य दिनों में बिजली की खपत राज्य में 1350-1400 मेगावाट है जिसमें राज्य मुश्किल से 370-380 मेगावाट उत्पादन कर पाती है. शेष भरपाई सेंट्रल पूल से बिजली खरीदकर राज्य के लोगों को मुहैया कराई जाती है.

SLDC के महाप्रबंधक विद्यासागर सिंह के अनुसार गर्मी के समय पावर डिमांड काफी बढ़ जाती है जिसे पूरा करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. सभी ग्रिड में प्रोटेक्शन सिस्टम को दुरुस्त रखने के निर्देश दिये गये हैं साथ ही सिस्टम हेल्दी रहे इसका प्रयास किया जा रहा है. पावर की कमी नहीं रहे इसके लिए डिमांड के अनुरूप विभाग पहले से तैयारी करके रखा है. राजधानी में होती है

औसतन 120 मेगावाट खपत

राजधानी रांची में औसतन 120 मेगा वाट बिजली की खबर सामान्य दिनों में होती है. गर्मी बढ़ते ही 25 से 30 मेगावाट बिजली की डिमांड बढ़ जाती है. रात के समय हालांकि की डिमांड में कमी आती है जो 60 मेगावाट के करीब रहती है.

हटिया ग्रिड के सहायक ललन गोप के अनुसार वर्तमान समय में पावर की कोई कमी नहीं है.लोड बढ़ने पर वीआईपी एरिया को छोड़कर अन्य एरिया में बिजली की कटौती जरूर की जाती है.

अभी से रुलाने लगी है बिजली रानी

विभाग भले ही लाख दावा कर ले मगर बिजली उपभोक्ताओं को अभी से चिंता सताने लगी है.अपर बाजार रांची से रातू रोड बिजली कार्यालय पहुंचे शुभम गुप्ता की मानें तो बिजली की आंखमिचौली शुरू हो गई है.

गर्मी बढ़ते ही बिजली रानी रुठने लगती है. विभाग की हालत यह है कि बिजली बिल पेटीएम से चुकाने के बाद भी चार दिनों से कार्यालय में अपडेट कराने के लिए दौरना पड़ रहा है.

बहरहाल जीरो कट पावर की उम्मीद लेकर यदि गर्मी का सामना करने की तैयारी आपने की है तो इस पर फिर से विचार करिए क्योंकि केन्द्र के भरोसे राज्य में JUVNL बिजली मुहैया कराने में कितना सक्षम होगा वह वक्त ही बताएगा.

Last Updated : Mar 31, 2021, 7:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.