रांची: शराब घोटाला मामले में अपनी जांच की दिशा को आगे बढ़ाने के लिए ईडी ने घोटाले के किंगपिन योगेंद्र तिवारी और अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ शुरू कर दी है. ईडी के समन पर दोनों भाई शनिवार की दोपहर एजेंसी के दफ्तर पहुंचे, जहां आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद दोनों से पूछताछ शुरू कर दी गई.
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घोटाले का किंगपिन है तिवारी: शराब घोटाले के किंगपिन योगेंद्र तिवारी ने साल 2021-22 में शराब के थोक कारोबार का ठेका हासिल किया था. झारखंड के सबसे बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने अपने राजनीतिक और नौकरशाही में संबंधों के जरिए राज्य में शराब के थोक कारोबार में वर्चस्व स्थापित किया था. साल 2021 में सरकार की थोक शराब नीति लागू होने के बाद योगेंद्र तिवारी ने अपने सिंडिकेट के जरिए 19 जिलों में शराब के ठेकों पर वर्चस्व स्थापित किया था, तब उत्पाद विभाग को भेजे गए बैंक खातों से तब इस बात का खुलासा हुआ था.
पूरे राज्य में फैला है जाल: ईडी ने अपनी जांच में पाया था कि राज्य के 24 जिलों में से 19 जिलों में तिवारी से संबंधित लोग ही अलग-अलग प्रतिष्ठान के नाम पर शराब के थोक व्यापार में शामिल थे. इसके लिए जामताड़ा के एक ही बैंक के शाखा से 30 करोड़ रुपए के डिमांड ड्राफ्ट बनवाए गए थे.
प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी से मदद की सूचना: ईडी के अधिकारियों को जानकारी मिली है कि योगेंद्र तिवारी द्वारा ईडी के अफसरों की जासूसी भी करायी जाती थी, साथ ही उनकी गतिविधियों पर नजर भी रखी जाती थी. ईडी को जानकारी मिली कि योगेंद्र तिवारी बीते कई महीनों से ईडी के अफसरों की जासूसी कराते थे. बकायदा इसके लिए प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की भी मदद योगेंद्र तिवारी के द्वारा लिए जाने की सूचना ईडी को मिली है.
बुधवार को योगेंद्र तिवारी से पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने इस संबंध में भी जानकारी मांगी थी. जानकारी के मुताबिक, प्रेम प्रकाश के यहां हुए छापे के बाद ही योगेंद्र तिवारी ईडी की रडार पर आ गया था. तब से ही उसके द्वारा ईडी के अफसरों की गतिविधि पर नजर रखी जाती थी. कई बार ईडी के अफसरों के कहीं आने जाने की रेकी भी कराने की बात सामने आयी है. इस संबंध में भी तिवारी ब्रदर्स से पूछताछ की जा रही है.