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सदन के पटल पर रखा गया 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, विकास दर 7.2 प्रतिशत अनुमानित

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Published : Mar 2, 2020, 9:36 PM IST

झारखंड विधानसभा सदन में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया. रिपोर्ट के अनुसार 2014-15 में राज्य की अर्थव्यवस्था की औसम वार्षिक दर 12.5 प्रतिशत थी, जिसमें 2015-16 में कमी आई है.

Economic Survey Report 2019-20 presented in Jharkhand Legislative Assembly
सदन के पटल पर रखा गया 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट

रांची: विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल विकास दर 7.2 प्रतिशत अनुमानित है. रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में राज्य की अर्थव्यवस्था की औसत वार्षिक दर 12.5 प्रतिशत थी, जिसमें 2015-16 में जबरदस्त कमी आई और यह -6.2 प्रतिशत पर चली गई, जो 2015-16 से 2018-19 की अवधि में औसतन 5.7 प्रतिशत रही. अहम बात है कि 2016-17 में राजस्व घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का 4.31 प्रतिशत और 2017-18 में 4.32 प्रतिशत चला गया था, जो 2018-19 में घटकर 2.16 प्रतिशत रहा. अनुमान के मुताबिक 2019-20 में भी यह घाटा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 2.09 प्रतिशत हो सकता है.

देखें पूरी खबर

गरीबी के मामले में 25वें पायदान पर झारखंड

खास बात है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश के सभी 28 राज्यों की तुलना में झारखंड 25वें स्थान पर है. सिर्फ बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर की प्रति व्यक्ति आय झारखंड से कम है. आर्थिक सर्वेक्षण में वैश्विक बहुआयामी गरीबी इंडेक्स 2019 का जिक्र किया गया है, जिसे जुलाई 2019 में OPHI और UNDP ने जारी किया था. इसके तहत साल 2015-16 में झारखंड के 46.5 प्रतिशत लोग यानी करीब 1.62 करोड़ लोग बहुआयामी रूप से गरीब थे. राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रक्षेत्रवार योगदान की बात की जाए तो तृतीयक प्रक्षेत्र यानी टरशियरी सेक्टर का योगदान 2019-20 में 65 प्रतिशत रहा है, जबकि प्राथमिक प्रक्षेत्र में 15 और द्वितीयक प्रक्षेत्र में 20 प्रतिशत रहा है. मुद्रास्फीति की दर देश की मुद्रास्फीति की दर के समान बतायी गई है.

इसे भी पढे़ं:- वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को लेकर मंत्रियों का दावा, लोगों के हित का रखा जाएगा ध्यान

प्रति व्यक्ति पर 24 हजार का ऋण

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2014-15 में प्रति व्यक्ति ऋण करीब 12 हजार रुपया था, जो साल 2019-20 में बढ़कर करीब 24 हजार हो गया है. 2018-29 में ब्याज और राजस्व प्राप्तियों का अनुपात 8.6 प्रतिशत से कम था. लिहाजा राज्य के ऋण और ब्याज की अदायगी का दायित्व काफी बढ़ गया है.

कृषि संसाधनों के विकास में झारखंड अव्वल

ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान विभाग के केंद्रों और राज्य प्रायोजित योजनाओं के जरिए झारखंड के गांव प्रगति की ओर अग्रसर है. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के ओर से जारी रैंकिंग के मुताबिक मनरेगा के तहत कृषि संसाधनों के विकास में झारखंड को देश में सर्वेच्च स्थान मिला है.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के जरिए नगर विकास, कृषि, खाद्य सुरक्षा, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं संचार व्यवस्था, श्रम और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य , महिला, बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा और जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का भी जिक्र है.

रांची: विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल विकास दर 7.2 प्रतिशत अनुमानित है. रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में राज्य की अर्थव्यवस्था की औसत वार्षिक दर 12.5 प्रतिशत थी, जिसमें 2015-16 में जबरदस्त कमी आई और यह -6.2 प्रतिशत पर चली गई, जो 2015-16 से 2018-19 की अवधि में औसतन 5.7 प्रतिशत रही. अहम बात है कि 2016-17 में राजस्व घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का 4.31 प्रतिशत और 2017-18 में 4.32 प्रतिशत चला गया था, जो 2018-19 में घटकर 2.16 प्रतिशत रहा. अनुमान के मुताबिक 2019-20 में भी यह घाटा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 2.09 प्रतिशत हो सकता है.

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गरीबी के मामले में 25वें पायदान पर झारखंड

खास बात है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश के सभी 28 राज्यों की तुलना में झारखंड 25वें स्थान पर है. सिर्फ बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर की प्रति व्यक्ति आय झारखंड से कम है. आर्थिक सर्वेक्षण में वैश्विक बहुआयामी गरीबी इंडेक्स 2019 का जिक्र किया गया है, जिसे जुलाई 2019 में OPHI और UNDP ने जारी किया था. इसके तहत साल 2015-16 में झारखंड के 46.5 प्रतिशत लोग यानी करीब 1.62 करोड़ लोग बहुआयामी रूप से गरीब थे. राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रक्षेत्रवार योगदान की बात की जाए तो तृतीयक प्रक्षेत्र यानी टरशियरी सेक्टर का योगदान 2019-20 में 65 प्रतिशत रहा है, जबकि प्राथमिक प्रक्षेत्र में 15 और द्वितीयक प्रक्षेत्र में 20 प्रतिशत रहा है. मुद्रास्फीति की दर देश की मुद्रास्फीति की दर के समान बतायी गई है.

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प्रति व्यक्ति पर 24 हजार का ऋण

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2014-15 में प्रति व्यक्ति ऋण करीब 12 हजार रुपया था, जो साल 2019-20 में बढ़कर करीब 24 हजार हो गया है. 2018-29 में ब्याज और राजस्व प्राप्तियों का अनुपात 8.6 प्रतिशत से कम था. लिहाजा राज्य के ऋण और ब्याज की अदायगी का दायित्व काफी बढ़ गया है.

कृषि संसाधनों के विकास में झारखंड अव्वल

ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान विभाग के केंद्रों और राज्य प्रायोजित योजनाओं के जरिए झारखंड के गांव प्रगति की ओर अग्रसर है. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के ओर से जारी रैंकिंग के मुताबिक मनरेगा के तहत कृषि संसाधनों के विकास में झारखंड को देश में सर्वेच्च स्थान मिला है.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के जरिए नगर विकास, कृषि, खाद्य सुरक्षा, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं संचार व्यवस्था, श्रम और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य , महिला, बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा और जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का भी जिक्र है.

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