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2008 में सेवा प्राप्त कोडरमा सिविल कोर्ट के चालक होंगे ओल्ड पेंशन के हकदार, राज्य सरकार के आदेश को हाईकोर्ट ने किया रद्द

2008 में सेवा प्राप्त कोडरमा सिविल कोर्ट के 8 चालक ओल्ड पेंशन के हकदार होंगे. राज्य सरकार के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. Old Pension to Koderma Court Driver.

Old Pension to Koderma Court Driver
Old Pension to Koderma Court Driver
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 6, 2023, 8:22 PM IST

रांची: कोडरमा सिविल कोर्ट में चालक के पद पर नियुक्त आठ कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम की सुविधा मिलेगी. पूर्व में राज्य सरकार ने सेवा शर्त पूरा नहीं करने का हवाला देकर ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर कर दिया था. इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

ये भी पढ़ें- कब तक होगी ओबीसी कमीशन के चेयमैन की नियुक्ति, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, नहीं तो विभागीय सचिव को होना होगा हाजिर

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शुभाशीष ने अदालत को बताया कि विनोद टोप्पो समेत अन्य आठ कर्मी कोडरमा सिविल कोर्ट में चालक के पद पर सेवारत हैं. वर्ष 2001 में चालक नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. लेकिन साल 2004 में रिजल्ट निकला. इसके बावजूद नियुक्ति की प्रक्रिया साल 2008 में पूरी हुई. लेकिन साल 2021 के कार्मिक विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक इनको ओल्ड पेंशन का हकदार नहीं माना गया. इसी नोटिफिकेशन को प्रार्थियों ने चुनौती दी थी.

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसएन पाठक की अदालत ने पुरानी पेंशन न देकर नई पेंशन देने के राज्य सरकार के आदेश को रद्द करते हुए पुरानी पेंशन देने का आदेश दिया है. अदालत का मानना है कि आठ चालकों की नियुक्ति वर्ष 2008 में हुई है. लेकिन इसमें इन सभी की कोई गलती नहीं है क्योंकि इस नियुक्ति के लिए विज्ञापन 2004 से पूर्व निकल गया था और वर्ष 2004 में नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई थी.

आपको बता दें कि झारखंड में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो गया है. इसके मुताबिक 1 दिसंबर 2004 से पहले सरकारी सेवा में रहे लोग लाभ के हकदार होंगे. साथ ही जो कर्मी 1 सितंबर 2022 से पहले रिटायर हुए हैं, वह भी ओल्ड पेंशन के हकदार होंगे.

रांची: कोडरमा सिविल कोर्ट में चालक के पद पर नियुक्त आठ कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम की सुविधा मिलेगी. पूर्व में राज्य सरकार ने सेवा शर्त पूरा नहीं करने का हवाला देकर ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर कर दिया था. इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

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सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शुभाशीष ने अदालत को बताया कि विनोद टोप्पो समेत अन्य आठ कर्मी कोडरमा सिविल कोर्ट में चालक के पद पर सेवारत हैं. वर्ष 2001 में चालक नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. लेकिन साल 2004 में रिजल्ट निकला. इसके बावजूद नियुक्ति की प्रक्रिया साल 2008 में पूरी हुई. लेकिन साल 2021 के कार्मिक विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक इनको ओल्ड पेंशन का हकदार नहीं माना गया. इसी नोटिफिकेशन को प्रार्थियों ने चुनौती दी थी.

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसएन पाठक की अदालत ने पुरानी पेंशन न देकर नई पेंशन देने के राज्य सरकार के आदेश को रद्द करते हुए पुरानी पेंशन देने का आदेश दिया है. अदालत का मानना है कि आठ चालकों की नियुक्ति वर्ष 2008 में हुई है. लेकिन इसमें इन सभी की कोई गलती नहीं है क्योंकि इस नियुक्ति के लिए विज्ञापन 2004 से पूर्व निकल गया था और वर्ष 2004 में नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई थी.

आपको बता दें कि झारखंड में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो गया है. इसके मुताबिक 1 दिसंबर 2004 से पहले सरकारी सेवा में रहे लोग लाभ के हकदार होंगे. साथ ही जो कर्मी 1 सितंबर 2022 से पहले रिटायर हुए हैं, वह भी ओल्ड पेंशन के हकदार होंगे.

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