रांची: पश्चिमी सभ्यता के अनुसार फरवरी का महीना प्रेम का महीना माना जाता है. भारत में भी युवा फरवरी माह के 14 तारीख को अपने प्रेमी प्रेमिकाओं से प्रेम का इजहार करते नजर आते हैं. लेकिन यहां पर तो सालों भर प्रेम का महीना होता है और यहां के लोग प्रेम और विश्वास के भरोसे ही एक दूसरे के साथ जीवन बिताते हैं. कुछ ऐसी ही सफल जोड़ी है राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में, जो युवाओं को यह संदेश देते नजर आते हैं कि काम से प्रेम करने से ही इंसान को सबकुछ प्राप्त हो पाता है.
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34 वर्ष पहले से शादी के बंधन में बंधने के बाद भी डॉक्टर संजय सिंह और उनकी पत्नी आशा सिंह का प्रेम उसी तरह से बना हुआ है, जैसा कि पहले था. उनका कहना है कि भारत जैसे देश में प्रतिदिन प्रेम का दिन है. बतौर स्वाथ्यकर्मी उनके लिए सबसे ज्यादा खुशी का वक्त वही होता है जब उनके हाथों से कोई मरीज ठीक होकर जाता है. डॉक्टर संजय सिंह बताते हैं कि वह और उनकी पत्नी अपने काम से प्यार करते हैं, इसीलिए दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं.
रिम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के रेजीडेंट चिकित्सक डॉ. विकास बताते हैं कि उनके और उनकी पत्नी के बीच एक बेहतर अंडरस्टैंडिंग है. वे दोनों अपने अपने काम पर ध्यान देते हैं और जब भी वक्त मिलता है तो एक दूसरे के साथ बिताने की कोशिश करते हैं. रिम्स की सफल जोड़ी में शुमार डॉक्टर विकास और डॉ सुगंधा वर्मा आज के युवाओं को संदेश देते हैं कि इंसान के जीवन में प्यार जरूरी है, लेकिन पहले उन्हें अपनी सफलताओं को पाना चाहिए. डॉ सुगंधा और डॉक्टर विकास बताते हैं कि दोनों एक ही पेशे से जुड़े हुए हैं तो दोनों एक दूसरे की मजबूरी को समझते हैं जो उनके जीवन के कई विवादों को समाप्त भी करता है.
रिम्स में ही कार्यरत डॉ. अंशुल प्रकाश और डॉक्टर अर्पिता युवाओं को संदेश देते हुए बताते हैं कि डॉक्टर अर्पिता के साथ उन्होंने शादी के कई वर्ष बिताए लेकिन आज तक किसी भी तरह का कोई विवाद उनके बीच नहीं होता दिखा. डॉक्टर ने बताया कि आज के युवाओं को प्रेम करने से पहले खुद को मानसिक रूप से मजबूत करना चाहिए ताकि प्रेम में कभी नफरत ना घुल सके. स्वास्थ विभाग में कई ऐसी जोड़ियां हैं, जो मरीजों को वर्षों से सेवा दे रहे हैं और उन्हीं के बीच अपनी खुशियां और गम बांटने का काम कर रहे हैं.