रांची: मेयर और नगर आयुक्त के बीच लगातार विवाद गहराता जा रहा है. मेयर नगर आयुक्त के खिलाफ है और उनपर मनमानी का आरोप लगा रही हैं, लेकिन राज्य सरकार उनकी सभी दलीलों को अनसुना कर रही है. ऐसे में कहीं न कहीं बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीतने के कारण मेयर को सरकार का सपोर्ट नहीं मिल रहा है, जिसके वजह से नगर निगम के काम पर असर पड़ रहा है, साथ ही जनता के सामने नगर निगम की छवि भी खराब हो रही है.
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झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार है. वहीं रांची नगर निगम के सर्वोच्च पद पर विपक्ष बीजेपी की मेयर विराजमान हैं. ऐसे में जब से रांची नगर निगम में नए नगर आयुक्त मुकेश कुमार पदस्थापित किए गए हैं, तब से लगातार मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त के बीच विवाद जारी है. पिछले साल कोरोना काल में नई टैक्स कलेक्शन एजेंसी को लेकर लगातार विवाद चलता रहा था, तो वहीं इस साल स्थाई समिति और निगम परिषद में बिना प्रस्ताव रखे टेंडर निकालने समेत अन्य मामलों को लेकर विवाद जारी है.
ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदारी मामले में मेयर ने नगर आयुक्त से मांगा जवाब
निगम परिषद की बैठक में सार्वजनिक रूप से मेयर और नगर आयुक्त के बीच तू-तू मैं मैं भी हो चुका है. मेयर के निशाने पर नगर विकास एवं आवास विभाग समेत नगर आयुक्त है. वहीं नगर आयुक्त विभाग के निर्देश पर लगातार शहर में सैनेटाइजेशन समेत विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि शहर की मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त द्वारा चलाए जा रहे सभी अभियानों को फेल बताया है, साथ ही बिना स्थाई समिति और निगम परिषद में प्रस्ताव रखे टेंडर निकाले जाने के मामले को लेकर नगर आयुक्त को शो कॉज किया है. इसके साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदारी के मामले में नगर आयुक्त से मेयर ने कई बार पत्र लिख कर जवाब मांगा गया, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है.
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जनता को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
मेयर और नगर आयुक्त के बीच बढ़ते विवाद का खामियाजा रांची की जनता को भुगतना पड़ रहा है. पिछले साल जहां कोरोना काल में हर गली मोहल्ले में सैनेटाइजेशन से लेकर साफ सफाई पर विशेष फोकस किया गया था और धरातल पर कार्य भी दिखा था, इस बार कोरोना के भयावह संक्रमण के बावजूद नगर निगम के कार्यों की बेहतर झलक देखने को नहीं मिल पाई है. वहीं शहर के विकास कार्यों को समन्वय के अभाव में धरातल पर नहीं उतारा जा सका है.
विकास कार्यों में मेयर और नगर आयुक्त का विवाद बना बाधा
साल 2021 में कोरोना काल के दौरान गली मोहल्लों में सैनेटाइजेशन को लेकर विशेष अभियान चलाए जाने की जरूरत थी, जो सही तरीके से नहीं हो पाई है. वहीं गर्मी के मौसम में शहर के बड़े इलाके में पानी की समस्या होती है, लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं, लेकिन रांची नगर निगम की तरफ से लोगों की प्यास बुझाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो पाई है. शहर की सफाई की बात करें तो पिछले कुछ दिनों से विशेष सफाई अभियान शुरू किया गया है. मानसून से पहले बड़े नालों की सफाई विभागीय सचिव के निर्देश के बाद शुरू हो पाया है. नगर निगम आपसी समन्वय के साथ बेहतर कार्य कर सकता है, लेकिन मेयर और नगर आयुक्त के बीच बढ़ते विवाद में बहुत हद तक शहर के विकास कार्यों में बाधा उतपन्न हो गई है.