रांची: झारखंड पुलिस में बीते आठ महीनों से समान्य छुट्टियों पर लगी रोक हटा ली गई है. शुक्रवार को राज्य पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एमवी राव ने पुलिस एसोसिएशन, पुलिस मेंस एसोसिएशन और चतुर्थवर्गीय पुलिसकर्मियों के संघ के साथ बैठक की. बैठक के दौरान पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीजीपी को बताया कि विधानसभा चुनाव, होली व फिर कोरोना के कारण पुलिस की सामान्य छुट्टियां बीते आठ महीनों से बंद है. ऐसे में इसे चालू कराया जाए, जिसके बाद डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी व कमांडेंट की सामान्य छुट्टियों पर लगी रोक हटाने का आदेश जारी किया.
कोरोना से मरने वाले पुलिसवालों को मिलेगा शहीद का दर्जा
पुलिस एसोसिएशन के सदस्यों ने डीजीपी एमवी राव को यह जानकारी दी कि अब तक झारखंड के 8 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण से अपनी जान गवां चुके हैं. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें नक्सली हिंसा में शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों के तहत शहीद का दर्जा देकर शहीद को मिलने वाली राशि दी जाए या फिर उनका 50 लाख का बीमा हो. डीजीपी ने एसोसिएशन के सदस्यों को यह भरोसा जताया है कि इस मांग को सरकार के पास भेज दिया गया है. इससे संबंधित घोषणा जल्द ही सरकार की तरफ से की जाएगी.
शिकायत कोषांग की बैठक करने व एएसआई तबादले की मांग
शिकायत कोषांग की बैठक भी एक साल से नहीं हुई है. ऐसे में दो साल से कम सेवा वाले पुलिसकर्मी नियमानुसार अपने पसंद के जगह पर पोस्टिंग नहीं ले पा रहे हैं, एसोसिएशन ने शिकायत कोषांग की बैठक करने की मांग की है. वहीं एएसआई स्तर के पुलिसकर्मी एक ही जिले में सात आठ सालों से तैनात हैं, उनके तबादले की भी मांग की गई है. सीआईडी, विशेष शाखा और रेल में विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानांतरण नहीं हुआ था, वहां भी कार्यकाल पूरा कर चुके पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण की मांग डीजीपी से की गई है.
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गुमनाम पत्र के आधार पर कार्रवाई ना करें
पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय राम ने मांग की है कि गुमनाम पत्र के आधार पर जांच कर कार्रवाई बंद की जाए. डीजीपी को बताया गया कि जैप और आईआरबी में कई पुलिसकर्मियों पर गुनमान पत्र के आधार पर जांच कार्रवाई की गई है, जो पुलिस मैनुअल की धारा 1212 के खिलाफ है.
ये भी है प्रमुख मांगें
1- टीए बिल को 10 दिन से अधिक ना रोका जाए. एसीआर ना लिखे जाने के कारण किसी पुलिसकर्मी का प्रमोशन ना रोका जाए. सिमित परीक्षा नियमावली खत्म कर प्रमोशन के दरोगा के 1250 पद भरे जाएं.
2- 13 माह के वेतन के बदले 20 दिनों का सीपीएल अवकाश काटा गया है, इस आदेश को वापस लिया जाए. सातवें वेतन आयोग के अनुसार भत्तों का लंबित भुगतान दिया जाए. एटीएस व एसटीएफ को मिलने वाला 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता चालू किया जाए.
3- झारखंड पुलिस वायरलेस में मात्र तीन तकनीकी पदाधिकारी हैं, यहां 1988 से बहाली नहीं हुई. तत्काल रिक्त पदों को भरा जाए.
4- फायर स्टेशन अफसर का पद साल 2000 से खाली पड़ा है. छह कर्मियों को प्रमोशन के योग्य पाया गया था, लेकिन बोर्ड होने के बाद भी प्रमोशन नहीं दिया गया.