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रांची जिला बार एसोसिएशन में हुए घोटाले पर उठने लगे सवाल, सीबीआई जांच की मांग - रांची न्यूज

रांची जिला बार एसोसिएशन में हुए घोटाले पर अधिवक्ताों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. नवनिर्वाचित महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है.

Demand for CBI inquiry into scam in Ranchi District Bar Association
अधिवक्ताओं ने की सीबीआई जांच की मांग
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Published : Oct 11, 2021, 1:54 PM IST

रांचीः जिला बार एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है. एसोसिएशन के निवर्तमान महासचिव कुंदन प्रकाशन ने महिला लेखा लपिक ज्योति कुमारी पर 19.38 लाख रुपये गबन का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. अब अधिवक्ताओं ने सीबीआई से जांच की मांग की है.

यह भी पढ़ेंःरांची जिला बार एसोसिएशन को 19.38 लाख की चपत, महिला लिपिक पर गबन का आरोप

रांची जिला बार एसोसिएशन में घोटाला का मामला आते ही अधिवक्ताओं में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. एसोसिएशन के नवनिर्वाचित महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि वर्ष 2021 से 23 के चुनाव से पहले आमसभा की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई, जबकि चुनाव से पहले ही अधिवक्ता सुनील पांडे ने गबन का मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि आय-व्यय का लेखा-जोखा आमसभा में पेश होता, तो गबन करने वाले चेहरों का पर्दाफाश हो जाता. लेकिन, आमसभा की बैठक आयोजित नहीं की गई.

चुनाव हारने के बाद मामला उठाया गया

संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि निवर्तमान महासचिव कुंदन प्रकाशन की टीम चुनाव हार गई, तो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. 2019 से 21 के बीच तमाम आय-व्यय की जांच जरूरी है, ताकि घोटाला में शामिल चेहरे बेनकाब हो सके. उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो. उन्होंने कहा कि नये कार्यकरिणी में निर्वाचित पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण करने से पहले ऑडिट रिपोर्ट पेश की जाए.

जानकारी देते नवनिर्वाचित महासचिव
40 से 50 लाख की आमदनी

रांची जिला बार एसोसिएशन को वकालतनामा, बेल बॉन्ड, हाजिरी पेपर, शपथ पत्र आदि के माध्यम से लगभग 40 से 50 लाख रुपये प्रति माह प्राप्त होता है. इस राशि को खर्च अधिवक्ता हित में किया जाता है, लेकिन अधिवक्ता हित में खर्च नहीं कर कोई खुद के हित में गबन किया है.

रांचीः जिला बार एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है. एसोसिएशन के निवर्तमान महासचिव कुंदन प्रकाशन ने महिला लेखा लपिक ज्योति कुमारी पर 19.38 लाख रुपये गबन का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. अब अधिवक्ताओं ने सीबीआई से जांच की मांग की है.

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रांची जिला बार एसोसिएशन में घोटाला का मामला आते ही अधिवक्ताओं में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. एसोसिएशन के नवनिर्वाचित महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि वर्ष 2021 से 23 के चुनाव से पहले आमसभा की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई, जबकि चुनाव से पहले ही अधिवक्ता सुनील पांडे ने गबन का मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि आय-व्यय का लेखा-जोखा आमसभा में पेश होता, तो गबन करने वाले चेहरों का पर्दाफाश हो जाता. लेकिन, आमसभा की बैठक आयोजित नहीं की गई.

चुनाव हारने के बाद मामला उठाया गया

संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि निवर्तमान महासचिव कुंदन प्रकाशन की टीम चुनाव हार गई, तो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. 2019 से 21 के बीच तमाम आय-व्यय की जांच जरूरी है, ताकि घोटाला में शामिल चेहरे बेनकाब हो सके. उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो. उन्होंने कहा कि नये कार्यकरिणी में निर्वाचित पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण करने से पहले ऑडिट रिपोर्ट पेश की जाए.

जानकारी देते नवनिर्वाचित महासचिव
40 से 50 लाख की आमदनी

रांची जिला बार एसोसिएशन को वकालतनामा, बेल बॉन्ड, हाजिरी पेपर, शपथ पत्र आदि के माध्यम से लगभग 40 से 50 लाख रुपये प्रति माह प्राप्त होता है. इस राशि को खर्च अधिवक्ता हित में किया जाता है, लेकिन अधिवक्ता हित में खर्च नहीं कर कोई खुद के हित में गबन किया है.

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