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डीसी ने रांची सदर अस्पताल का किया निरीक्षण, कहा- कोरोना के लिए रिजर्व रखें सभी आईसीयू बेड

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Published : Jan 4, 2022, 5:27 PM IST

झारखंड में बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क है. रांची के डीसी छवि रंजन ने रांची सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन को कई जरूरी दिशा निर्देश दिए.

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रांची: देश में हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. यही हाल झारखंड में भी देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन हजारों मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं. राहत की बात यह है कि इसमें कोई भी मामला गंभीर नहीं है. स्वास्थ विभाग संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर सजग है ताकि दूसरी लहर जैसी स्थिति ना हो. इसी को देखते हुए मंगलवार को डीसी छवि रंजन रांची सदर अस्पताल पहुंचे और कोविड से संबंधित सभी तैयारियों का जायजा लिया.

ये भी पढ़ें- Corona Update: झारखंड में बेकाबू होता जा रहा है कोरोना, 24 घंटे में मिले 1481 मरीज, एक की मौत, टीकाकरण की रफ्तार धीमी

हॉस्पिटल में हो रहे निर्माण कार्य से लेकर कोरोना की व्यवस्था तक का जायजा लिया. रांची सदर अस्पताल में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर डीसी छवि रंजन ने नाराजगी जताते हुए ठेकेदार को फटकार लगाई. बता दें कि पिछले कई महीनों से सदर अस्पताल में निर्माण कार्य चल रहा है. वर्ष 2021 में ही ठेकेदार को रांची सदर अस्पताल का काम समाप्त करना था लेकिन कोरोना की वजह से अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया.

निरीक्षण के दौरान अस्पताल का जायजा लेते हुए सिविल सर्जन सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारियों को पूरे अस्पताल में कोविड वार्ड बनाने के लिए कहा गया. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 2 बेड वाले रूम में जगह को देखते हुए तीन बेड लगाएं. ताकि विपरीत परिस्थिति आए तो लोगों को बेड की कमी से न जूझना पड़े. वहीं, उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि आईसीयू को ऐसे ही रहने दें. उसमें नॉर्मल मरीजों को भर्ती ना करें. कल को अगर एक दिन में 50 गंभीर मामले आ जाते हैं तो आनन-फानन में उनके लिए अरेंज करना मुश्किल होगा.

निरीक्षण के दौरान रांची डीसी छवि रंजन ने कहा कि सदर अस्पताल में लगभग 80% काम हो चुका है कुछ छोटे-मोटे काम हैं, जो बचे हुए हैं जिसके बारे में इंजीनियर और डिपार्टमेंट को अवगत करा दिया गया है. कोविड-19 के लिए व्यवस्था को देखते हुए उन्होंने कहा कि हम कोशिश करें कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा पहुंचा सकें. अस्पतालों में पीएसए प्लांट लगाए गए हैं. बेड तक ऑक्सीजन मरीजों को पहुंच सके, किसी की ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु ना हो और किसी को पूर्व की तरह सिलेंडर के लिए मारा-मारी ना करना पड़े. मालूम हो कि फिलहाल सदर अस्पताल में 240 बेड फंक्शनल हैं. सभी बेडों के साथ ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है. वहीं गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू और छोटे बच्चों के लिए पीआईसीयू (PICU) की व्यवस्था पहले से की गई है.

रांची: देश में हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. यही हाल झारखंड में भी देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन हजारों मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं. राहत की बात यह है कि इसमें कोई भी मामला गंभीर नहीं है. स्वास्थ विभाग संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर सजग है ताकि दूसरी लहर जैसी स्थिति ना हो. इसी को देखते हुए मंगलवार को डीसी छवि रंजन रांची सदर अस्पताल पहुंचे और कोविड से संबंधित सभी तैयारियों का जायजा लिया.

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हॉस्पिटल में हो रहे निर्माण कार्य से लेकर कोरोना की व्यवस्था तक का जायजा लिया. रांची सदर अस्पताल में हो रहे निर्माण कार्य को लेकर डीसी छवि रंजन ने नाराजगी जताते हुए ठेकेदार को फटकार लगाई. बता दें कि पिछले कई महीनों से सदर अस्पताल में निर्माण कार्य चल रहा है. वर्ष 2021 में ही ठेकेदार को रांची सदर अस्पताल का काम समाप्त करना था लेकिन कोरोना की वजह से अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया.

निरीक्षण के दौरान अस्पताल का जायजा लेते हुए सिविल सर्जन सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारियों को पूरे अस्पताल में कोविड वार्ड बनाने के लिए कहा गया. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 2 बेड वाले रूम में जगह को देखते हुए तीन बेड लगाएं. ताकि विपरीत परिस्थिति आए तो लोगों को बेड की कमी से न जूझना पड़े. वहीं, उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि आईसीयू को ऐसे ही रहने दें. उसमें नॉर्मल मरीजों को भर्ती ना करें. कल को अगर एक दिन में 50 गंभीर मामले आ जाते हैं तो आनन-फानन में उनके लिए अरेंज करना मुश्किल होगा.

निरीक्षण के दौरान रांची डीसी छवि रंजन ने कहा कि सदर अस्पताल में लगभग 80% काम हो चुका है कुछ छोटे-मोटे काम हैं, जो बचे हुए हैं जिसके बारे में इंजीनियर और डिपार्टमेंट को अवगत करा दिया गया है. कोविड-19 के लिए व्यवस्था को देखते हुए उन्होंने कहा कि हम कोशिश करें कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा पहुंचा सकें. अस्पतालों में पीएसए प्लांट लगाए गए हैं. बेड तक ऑक्सीजन मरीजों को पहुंच सके, किसी की ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु ना हो और किसी को पूर्व की तरह सिलेंडर के लिए मारा-मारी ना करना पड़े. मालूम हो कि फिलहाल सदर अस्पताल में 240 बेड फंक्शनल हैं. सभी बेडों के साथ ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है. वहीं गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू और छोटे बच्चों के लिए पीआईसीयू (PICU) की व्यवस्था पहले से की गई है.

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