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Cyber fraud in Ranchi: साइबर अपराधियों ने रिम्स के डॉक्टर को लगाया 1.20 लाख का चूना

रांची में साइबर ठगी (Cyber fraud in Ranchi) का मामला सामने आया है. ऑनलाइन सेकंड हैंड सामान खरीदने के नाम पर साइबर अपराधियों ने रांची के डॉक्टर से ठगी की है.

Cyber fraud in Ranchi in name of buying second hand goods online
Cyber fraud in Ranchi in name of buying second hand goods online
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Published : Nov 26, 2022, 7:55 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 9:40 PM IST

रांची: साइबर सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के प्रचार प्रसार पुलिस के द्वारा किया जा रहा है, इसके बावजूद साइबर अपराधी अपनी जाल में फंसा कर लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. ताजा मामला रिम्स के डॉक्टर शौभिक दास का है. डॉक्टर को झांसे में लेकर साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 1 लाख 20 हजार गायब कर दिए (Cyber fraud in Ranchi).

ये भी पढ़ें- पलक झपकते ही आपका डाटा और पैसा ट्रांसफर, कैसे बचें इस फ्रॉड से

रिम्स के डॉक्टर से ठगी: साइबर ठगी होने के बाद डॉक्टर शौभिक दास (Dr Shaubhik Das) के द्वारा रांची के बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. दर्ज प्राथमिकी में ठगी के शिकार डॉक्टर ने बताया है कि सुशील कुमार नाम के एक शख्स ने ओएलएक्स पर उससे एक फर्नीचर खरीदने की इच्छा जताई थी. डॉक्टर को अपना पुराना फर्नीचर बेचना था इसलिए उन्होंने ओएलएक्स में फर्नीचर बेचने से सम्बंधित एड डाला था. डॉक्टर के अनुसार सुशील कुमार नाम के एक शख्स ने उनके फोन नंबर पर कॉल कर उनसे संपर्क किया और फर्नीचर खरीदने के बहाने ही अपने यूपीआई आईडी देने को कहा.

थाने में दर्ज करवाई एफआईआर: क्यूआर कोड स्कैन करते ही डॉक्टर के खाते से 97 हजार रुपये निकाल लिए गए, जब उन्होंने तथाकथित साइबर अपराधी से इस मामले की शिकायत की तो उसने कहा कि गलती से आपके खाते से पैसे कट गए हैं. पैसे वापस लेने के लिए आपको एक और क्यूआर कोड भेज रहे हैं जब आप उसे स्कैन करेंगे तब आपके पैसे वापस हो जाएंगे. डॉक्टर साइबर अपराधी के झांसे में आकर दोबारा क्यूआर कोड को स्कैन कर दिया जिसके बाद उनके खाते से दूसरी बार भी पैसे गायब कर दिए गए. पैसे गायब होने के बाद जब एक बार फिर डॉक्टर ने तथाकथित साइबर ठग से संपर्क करने की कोशिश की तो उसका नंबर तबतक बंद हो चुका था. डॉक्टर अब समझ आ चुका था कि उनको झांसे में रख साइबर अपराधियों ने उनके खाते से पैसे गायब कर दिए हैं जिसके बाद वह सीधे थाने पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज करवाई.



नम्बर और खातों के डिटेल भी करवाये उपलब्ध: ठगी के शिकार डॉक्टर शौभिक दास रिम्स के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने जिस खाते में साइबर अपराधियों ने पैसे लिए उसका डिटेल भी पुलिस को उपलब्ध कराया है. ताकि साइबर अपराधियों के बारे में पुलिस जानकारी हासिल कर सके. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बरयातू पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.

रांची: साइबर सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के प्रचार प्रसार पुलिस के द्वारा किया जा रहा है, इसके बावजूद साइबर अपराधी अपनी जाल में फंसा कर लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. ताजा मामला रिम्स के डॉक्टर शौभिक दास का है. डॉक्टर को झांसे में लेकर साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 1 लाख 20 हजार गायब कर दिए (Cyber fraud in Ranchi).

ये भी पढ़ें- पलक झपकते ही आपका डाटा और पैसा ट्रांसफर, कैसे बचें इस फ्रॉड से

रिम्स के डॉक्टर से ठगी: साइबर ठगी होने के बाद डॉक्टर शौभिक दास (Dr Shaubhik Das) के द्वारा रांची के बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. दर्ज प्राथमिकी में ठगी के शिकार डॉक्टर ने बताया है कि सुशील कुमार नाम के एक शख्स ने ओएलएक्स पर उससे एक फर्नीचर खरीदने की इच्छा जताई थी. डॉक्टर को अपना पुराना फर्नीचर बेचना था इसलिए उन्होंने ओएलएक्स में फर्नीचर बेचने से सम्बंधित एड डाला था. डॉक्टर के अनुसार सुशील कुमार नाम के एक शख्स ने उनके फोन नंबर पर कॉल कर उनसे संपर्क किया और फर्नीचर खरीदने के बहाने ही अपने यूपीआई आईडी देने को कहा.

थाने में दर्ज करवाई एफआईआर: क्यूआर कोड स्कैन करते ही डॉक्टर के खाते से 97 हजार रुपये निकाल लिए गए, जब उन्होंने तथाकथित साइबर अपराधी से इस मामले की शिकायत की तो उसने कहा कि गलती से आपके खाते से पैसे कट गए हैं. पैसे वापस लेने के लिए आपको एक और क्यूआर कोड भेज रहे हैं जब आप उसे स्कैन करेंगे तब आपके पैसे वापस हो जाएंगे. डॉक्टर साइबर अपराधी के झांसे में आकर दोबारा क्यूआर कोड को स्कैन कर दिया जिसके बाद उनके खाते से दूसरी बार भी पैसे गायब कर दिए गए. पैसे गायब होने के बाद जब एक बार फिर डॉक्टर ने तथाकथित साइबर ठग से संपर्क करने की कोशिश की तो उसका नंबर तबतक बंद हो चुका था. डॉक्टर अब समझ आ चुका था कि उनको झांसे में रख साइबर अपराधियों ने उनके खाते से पैसे गायब कर दिए हैं जिसके बाद वह सीधे थाने पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज करवाई.



नम्बर और खातों के डिटेल भी करवाये उपलब्ध: ठगी के शिकार डॉक्टर शौभिक दास रिम्स के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने जिस खाते में साइबर अपराधियों ने पैसे लिए उसका डिटेल भी पुलिस को उपलब्ध कराया है. ताकि साइबर अपराधियों के बारे में पुलिस जानकारी हासिल कर सके. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बरयातू पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.

Last Updated : Nov 26, 2022, 9:40 PM IST
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