रांचीः पूर्व मंत्री सह मांडर विधायक बंधु तिर्की को सजा मिलने के बाद अब किसकी किसकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है. यह सवाल राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. राज्य के कई विधायकों पर आय से अधिक संपत्ति के अलावा आपराधिक मामले चल रहे हैं. बंधु तिर्की तो सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जा चुके हैं. हालांकि कोर्ट के आर्डर की कॉपी चुनाव आयोग और विधानसभा पहुंचते ही उनकी विधायकी चली जाएगी. कोर्ट के इस फैसले के बाद कई विधायकों की धड़कनें तेज हो गई हैं.
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राज्य के 81 में से 44 विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के अलावा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. अलग-अलग न्यायालयों में मामले चल रहे हैं, कभी-भी कोर्ट से फैसला आ सकता है. कोर्ट के फैसले में 2 साल या उससे अधिक की सजा होने पर विधायकी जाना तय है. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के मंत्रिमंडल के सर्वाधिक मंत्री आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल फेस कर रहे हैं. एनोस एक्का और हरिनारायण राय के बाद कोर्ट से विधायक बंधु तिर्की को सजा मिल चुकी है.
इस मामले को उजागर करने वाले सोशल एक्टिविस्ट दुर्गा उरांव हैं. जिन्होंने मधु कोड़ा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दायर की थी. उन्हीं की पीआईएल से यह मामला सुर्खियों में आया. आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री सह विधायक भानु प्रताप शाही, विधायक कमलेश सिंह रांची सीबीआई कोर्ट में ट्रायल फेस कर रहे हैं. जिनके मामले अभियोजन गवाह के स्टेज पर चल रही है. वहीं रामगढ़ जिला के गोला में हुई गोलीकांड के मामले में विधायक ममता देवी के खिलाफ आरोप गठित हो गया है. जिसकी सुनवाई हजारीबाग जिला कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से होगी.
साल 2019 के चुनाव के वक्त दिए गए शपथ पत्र पर गौर करें तो राज्य के 44 ऐसे विधायक हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. विधायक बंधु तिर्की से पहले आजसू विधायक कमल किशोर भगत, निर्दलीय विधायक एनोस एक्का, जेएमएम विधायक अमित महतो और योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता जा चुकी है. दर्ज आपराधिक मामलों की फेहरिस्त देखें तो कोई भी दल इससे अछूता नहीं है.