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झारखंड: कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या के कारण नहीं पूरी हो पा रही व्यवस्था, कम पड़ रहे दवा और वेंटिलेटर बेड - Corona patients are not getting medicines and beds

झारखंड में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके चलते हाहाकार मचा है. स्थिति ऐसी है कि मरीजों को दवा और बेड तक नहीं मिल रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने ऑक्सीजन, दवा, वैक्सीन और बेड की उपलब्धता को लेकर पड़ताल की तो यह सामने आया है कि जो व्यवस्थाएं की जा रही है वह नाकाफी साबित हो रही है.

Corona patients are not getting medicines and beds
झारखंड में कोरोना मरीजों को नहीं मिल रही बेड और दवा
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Published : Apr 28, 2021, 7:35 PM IST

Updated : Apr 29, 2021, 2:34 PM IST

रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते झारखंड में हाहाकार मचा है. हालात ऐसे हैं कि कोरोना मरीजों को बेड और दवा के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. हर दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां बेड नहीं मिलने की वजह से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है और मरीज की मौत हो जा रही है. रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी की खबरें हर दिन सामने आ रही है. कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर की दवा नहीं मिल पा रही है. कोरोना को लेकर जारी संकट के बीच ईटीवी भारत की टीम ने ऑक्सीजन, दवा, वैक्सीन और बेड की उपलब्धता को लेकर पड़ताल की.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बेड खाली, लेकिन मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

झारखंड में कोरोना मरीजों के लिए 15 हजार सामान्य बेड की व्यवस्था की गई है. ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 7 हजार है. पूरे राज्य में आईसीयू बेड की संख्या साढ़े तीन हजार और वेंटिलेटर बेड की संख्या 700 है. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक रांची में सामान्य बेड की संख्या 1,464 है जिसमें 975 बेड खाली हैं. ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या 1,653 है जिसमें सिर्फ 101 बेड खाली हैं. आईसीयू के 644 बेड हैं जिसमें सिर्फ 14 बेड खाली हैं. सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक सभी स्थिति में मरीजों को बेड खाली मिल सकता है. लेकिन, वास्तविक स्थिति इसके उलट है और मरीजों को कहीं बेड नहीं मिल पा रहा है.

Corona patients are not getting medicines and beds
झारखंड में बेड की व्यवस्था.

अस्पतालों में रेमडेसिविर की भी भारी किल्लत

कोरोना मरीजों को ठीक करने के लिए दी जा रही रेमडेसिविर दवा की भी भारी किल्लत है. रांची के रिम्स, सदर और दूसरे अस्पतालों में रेमडेसिविर दवा मरीजों को नहीं मिल पा रही है. सिर्फ रिम्स में हर दिन 500 फाइल की जरूरत है लेकिन, सरकार की तरफ से 125 से 150 फाइल ही मुहैया कराई जा रही है. निजी अस्पताल संचालकों का भी यही कहना है कि रेमडेसिविर की कमी से अभी भी जूझना पड़ रहा है. मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. मुख्तार ने बताया कि रेमडेसिविर सरकार की तरफ से मुहैया कराई जा रही है लेकिन, हर दिन मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण दवा कम पड़ रही है.

Corona patients are not getting medicines and beds
रांची में रेमडेसिविर की भारी किल्लत है.

बेड की संख्या बढ़ रही, लेकिन स्थिति अब भी बदतर

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स प्रबंधन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अस्पताल में बेड की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. वर्तमान में रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में लगे 100 बेड में वेंटिलेटर लगा दिए गए हैं. वहीं, सर्जरी के D1 और D2 वॉर्ड में 144 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा C1 और C2 वॉर्ड में भी 144 बेड के इंतजाम किए गए हैं. रिम्स के मल्टी स्टोरेज पार्किंग में 350 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड का निर्माण किया जा रहा है. डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है. जो चिकित्सक नॉन कोविड ड्यूटी में लगे हैं उन्हें भी कोविड के मरीजों के इलाज में लगाया जा रहा है

Corona patients are not getting medicines and beds
रांची में आईसीयू के बेड कम खाली हैं.

सदर अस्पताल में बेड फुल

सदर अस्पताल में 240 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं और 60 बेड आईसीयू में हैं. सभी में मरीज भर्ती हैं. सदर अस्पताल में हर दिन 80 फाइल रेमडेसिविर की जरूरत है लेकिन, यहां भी हर दिन 40 फाइल ही उपलब्ध कराई जा रही है. रेमडेसिविर नहीं मिलने की वजह से मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों कोविड सर्किट की भी शुरुआत की है ताकि किसी मरीज को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसके तहत राज्य सरकार की तरफ से टोल फ्री नंबर 0651-2411144 जारी किया गया है. इस पर फोन कर सुविधा का लाभ ले सकते हैं.

तेजी से बढ़ रहा मौत का आंकड़ा

झारखंड में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6,020 केस सामने आए हैं. अब तक कुल 2,13,414 केस सामने आए हैं. वर्तमान में पॉजिटिव केस की संख्या 49,610 हैं. 2,246 कोरोना मरीजों की जान गई है. मृत्यु दर 1.05% है.

Corona patients are not getting medicines and beds
झारखंड में तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं.

झारखंड में वैक्सीनेशन

झारखंड में अब तक कुल 30,45,542 को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इसमें 25,98,640 लोगों को पहला डोज लग चुका है. 4,46,902 लोगों को दूसरा डोज भी लग चुका है. कुल 1,129 सेंटर पर वैक्सीनेशन हो रही है. इसमें 1,024 सेंटर सरकारी हैं और 105 प्राइवेट सेंटर हैं.

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झारखंड में 25 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है.

रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते झारखंड में हाहाकार मचा है. हालात ऐसे हैं कि कोरोना मरीजों को बेड और दवा के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. हर दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां बेड नहीं मिलने की वजह से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है और मरीज की मौत हो जा रही है. रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी की खबरें हर दिन सामने आ रही है. कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर की दवा नहीं मिल पा रही है. कोरोना को लेकर जारी संकट के बीच ईटीवी भारत की टीम ने ऑक्सीजन, दवा, वैक्सीन और बेड की उपलब्धता को लेकर पड़ताल की.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बेड खाली, लेकिन मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

झारखंड में कोरोना मरीजों के लिए 15 हजार सामान्य बेड की व्यवस्था की गई है. ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 7 हजार है. पूरे राज्य में आईसीयू बेड की संख्या साढ़े तीन हजार और वेंटिलेटर बेड की संख्या 700 है. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक रांची में सामान्य बेड की संख्या 1,464 है जिसमें 975 बेड खाली हैं. ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या 1,653 है जिसमें सिर्फ 101 बेड खाली हैं. आईसीयू के 644 बेड हैं जिसमें सिर्फ 14 बेड खाली हैं. सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक सभी स्थिति में मरीजों को बेड खाली मिल सकता है. लेकिन, वास्तविक स्थिति इसके उलट है और मरीजों को कहीं बेड नहीं मिल पा रहा है.

Corona patients are not getting medicines and beds
झारखंड में बेड की व्यवस्था.

अस्पतालों में रेमडेसिविर की भी भारी किल्लत

कोरोना मरीजों को ठीक करने के लिए दी जा रही रेमडेसिविर दवा की भी भारी किल्लत है. रांची के रिम्स, सदर और दूसरे अस्पतालों में रेमडेसिविर दवा मरीजों को नहीं मिल पा रही है. सिर्फ रिम्स में हर दिन 500 फाइल की जरूरत है लेकिन, सरकार की तरफ से 125 से 150 फाइल ही मुहैया कराई जा रही है. निजी अस्पताल संचालकों का भी यही कहना है कि रेमडेसिविर की कमी से अभी भी जूझना पड़ रहा है. मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. मुख्तार ने बताया कि रेमडेसिविर सरकार की तरफ से मुहैया कराई जा रही है लेकिन, हर दिन मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण दवा कम पड़ रही है.

Corona patients are not getting medicines and beds
रांची में रेमडेसिविर की भारी किल्लत है.

बेड की संख्या बढ़ रही, लेकिन स्थिति अब भी बदतर

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स प्रबंधन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अस्पताल में बेड की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. वर्तमान में रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में लगे 100 बेड में वेंटिलेटर लगा दिए गए हैं. वहीं, सर्जरी के D1 और D2 वॉर्ड में 144 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा C1 और C2 वॉर्ड में भी 144 बेड के इंतजाम किए गए हैं. रिम्स के मल्टी स्टोरेज पार्किंग में 350 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड का निर्माण किया जा रहा है. डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है. जो चिकित्सक नॉन कोविड ड्यूटी में लगे हैं उन्हें भी कोविड के मरीजों के इलाज में लगाया जा रहा है

Corona patients are not getting medicines and beds
रांची में आईसीयू के बेड कम खाली हैं.

सदर अस्पताल में बेड फुल

सदर अस्पताल में 240 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं और 60 बेड आईसीयू में हैं. सभी में मरीज भर्ती हैं. सदर अस्पताल में हर दिन 80 फाइल रेमडेसिविर की जरूरत है लेकिन, यहां भी हर दिन 40 फाइल ही उपलब्ध कराई जा रही है. रेमडेसिविर नहीं मिलने की वजह से मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों कोविड सर्किट की भी शुरुआत की है ताकि किसी मरीज को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसके तहत राज्य सरकार की तरफ से टोल फ्री नंबर 0651-2411144 जारी किया गया है. इस पर फोन कर सुविधा का लाभ ले सकते हैं.

तेजी से बढ़ रहा मौत का आंकड़ा

झारखंड में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6,020 केस सामने आए हैं. अब तक कुल 2,13,414 केस सामने आए हैं. वर्तमान में पॉजिटिव केस की संख्या 49,610 हैं. 2,246 कोरोना मरीजों की जान गई है. मृत्यु दर 1.05% है.

Corona patients are not getting medicines and beds
झारखंड में तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं.

झारखंड में वैक्सीनेशन

झारखंड में अब तक कुल 30,45,542 को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इसमें 25,98,640 लोगों को पहला डोज लग चुका है. 4,46,902 लोगों को दूसरा डोज भी लग चुका है. कुल 1,129 सेंटर पर वैक्सीनेशन हो रही है. इसमें 1,024 सेंटर सरकारी हैं और 105 प्राइवेट सेंटर हैं.

Corona patients are not getting medicines and beds
झारखंड में 25 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है.
Last Updated : Apr 29, 2021, 2:34 PM IST
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