रांची: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत झारखंड में वर्षों से अनुबंध पर सेवा दे रहीं एएनएम-जीएनएम नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ 24 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं. सेवा नियमितीकरण की एकसूत्री मांग को लेकर वे आमरण अनशन पर बैठे हैं. इस बीच उनकी तबीयत भी खराब हो रही है. 28 जनवरी को 2 नर्सों और 1 लैब टेक्नीशियन की तबीयत बिगड़ गयी. जिसके बाद उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां जामताड़ा सदर अस्पताल की एएनएम अनिता कुमारी जायसवाल और वीणा कुमारी की स्थिति ज्यादा गम्भीर होने पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. वहीं हजारीबाग के लैब टेक्नीशियन नवीन रंजन की स्थिति में सुधार है. इससे पहले 26 जनवरी को भी अनशन पर बैठीं नर्स की तबीय बिगड़ी थी.
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यह है आंदोलित अनुबंधित नर्सों की मांग: राज्य के आठ हजार से ज्यादा अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ 15 वर्षों से भी अधिक समय से अनुबंध पर सेवा दे रहें हैं. इनका कहना है कि 2019 में विधानसभा चुनाव के समय वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी सेवा नियमितिकरण का वादा किया था, लेकिन 03 साल बाद भी सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है, जबकि विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर सकारात्मक उत्तर दिया गया थी, लेकिन अब सरकार मौन है.
ये नर्सें और लैब टेक्नीशियन बैठे हैं आमरण अनशन पर: झारखंड राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जीएनएम एएनएम संघ के आमरण अनशन में बैठने वाले 21 नर्सों और लैब टेक्नीशियन सूची में धरनी कुमारी, सूर्यकांति कुमारी, ममता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, वीणा कुमारी, शिवरानी अंजलिना खाका, पूनम कुमारी, नंदनी कुमारी, ललिता कुमारी, अनिता कुमारी, बबीता कुमारी, टेरेसा मिंज, अरुणा टोप्पो, सुनीता कुमारी, विनय कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमारी, नवीन कुमार, रंजन सुशांत कुमारी दास, रंजीत सोरेन और प्रदीप कुमार शामिल हैं. इनमें से बारी बारी से कई की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया और ठीक होकर ये फिर आमरण अनशन में शामिल हो जाते हैं. आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि इस बार वह सरकार से सेवा नियमितीकरण लेकर ही घर लौटेंगे.
16 जनवरी के बाद से लगातार आंदोलन पर हैं अनुबंधित नर्सें: झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम/जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य भर के समस्त पारा मेडिकल कर्मी, एएनएम/जीएनएम की अनुबंधित नर्सें/ लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, आप्थाल्मिक असिस्टेंट, फिजियोथैरेपिस्ट ने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. 17 से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष धरना देने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर 24 जनवरी से 21 नर्स एवं पारा मेडिकल कर्मी आमरण अनशन पर हैं.
अनुबंध स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था: राजभर के करीब 8500 अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है. रूटीन टीकाकरण से लेकर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आउटसोर्सिंग से बहाल नर्सों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा सुचारू रखने का दावा करते हैं.